शिमला: जिले में पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिन की कार्यशाला शक्रवार को संपन्न हुई. कार्यशाला में 21 विभागों के 150 लोगों को हिमालयन क्षेत्रों में हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर आम लोगों को जागरूक करने का प्रशिक्षण दिया गया.
कार्यशाला में बाहरी राज्यों से आए वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन पर मंथन किया. साथ ही पर्यावरण परिवर्तन से हो रहे नुकसान और उसके बचाव को लेकर सभी को प्रशिक्षित किया. कार्यशाला के अंतिम दिन क्लाइमेट चेज को लेकर मंथन किया गया.
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क्लाइमेट चेंज पर काम कर रही दिल्ली की आयो बाय इकोलॉजिकल सलूशन की अधिकारी श्रिया महंती का कहना है कि क्लाइमेट चेंज का असर दिखने लगा है. हिमालयन क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का पैटर्न बदल गया है, जिससे कृषि पर भी बुरा असर पड़ रहा है.
महंती ने बताया कि विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया कि जो योजनाएं विभागों में बन रही हैं, उन्हें कैसे क्लाइमेट चेंज के हिसाब से बनाया जाए. अब जहां विभागों के अधिकारी क्लाइमेट चेंज के हिसाब से योजनाओं को बनाएंगे. वहीं, लोगों के साथ भी संपर्क कर उन्हें क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूक भी करेंगे ताकि भविष्य में होने वाले खतरे को लेकर लोगों को तैयार किया जा सके.
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