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अब साल में एक ही बार परीक्षा देंगे मैट्रिक व प्लस टू के छात्र, सुखविंदर सरकार का बड़ा फैसला

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Published : Jun 24, 2023, 8:05 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 8:12 PM IST

हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में टर्म सिस्टम खत्म कर दिया है. पहले साल में दो बार परीक्षाएं होती थी. यानी टर्म सिस्टम के तहत इन दो कक्षाओं के बच्चों को साल में दो बार परीक्षा से गुजरना होता था. वहीं, अब फिर से साल में एक बार यानी एनुअल सिस्टम की वापसी हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

term system of board classes in himachal
अब साल में एक ही बार परीक्षा देंगे मैट्रिक व प्लस टू के छात्र

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मैट्रिक व प्लस टू के छात्र अब साल में एक ही बार परीक्षा देंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में बोर्ड परीक्षाओं में टर्म सिस्टम समाप्त कर दिया है. अब हिमाचल में फिर से एनुअल एक्जाम सिस्टम लौट आया है. शिक्षक संगठन भी इस बारे में लंबे समय से मांग कर रहे थे. पहले साल में दो बार परीक्षा होती थी. यानी टर्म सिस्टम के तहत इन दो कक्षाओं के बच्चों को साल में दो बार परीक्षा से गुजरना होता था. अब फिर से साल में एक बार यानी एनुअल सिस्टम की वापसी हुई है. हिमाचल के शिक्षक संगठन इस बारे में तर्क दिया करते थे कि एनुअल सिस्टम ही बेहतर है. टर्म सिस्टम बच्चों के लिए अच्छा नहीं है.

कारण ये बताया जाता था कि बच्चों को टर्म परीक्षा के कारण रिवाइज करने का समय कम मिलता था. एक ही अकादमिक सत्र में दो बार परीक्षाएं होने से बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा पहुंचती थी. बच्चों को दो बार परीक्षा की तैयारी का बर्डन अलग से महसूस होता था. कम से कम डेढ़ महीने का समय इसी में लग जाता था. अब एनुअल सिस्टम से बच्चे निश्चिंत होकर पढ़ाई और रिवीजन कर सकेंगे. एक तर्क ये भी दिया जाता था कि दो बार परीक्षा फीस देने से आर्थिक बोझ अनावश्यक रूप से पड़ता था.

उल्लेखनीय है कि देश के अन्य बोर्ड जैसे सीबीएसई व राज्य के संबंधित बोर्ड साल में एक ही बार परीक्षा लेते हैं. हिमाचल के पड़ौसी राज्यों में भी यही सिस्टम काम कर रहा है. साल में एक ही बार परीक्षा होती है. हिमाचल में पूर्व में टर्म सिस्टम लागू किया गया था. वैश्विक महामारी कोरोना के समय हिमाचल में जयराम ठाकुर सरकार ने तीन साल पहले इस सिस्टम को लागू किया था. टर्म सिस्टम के कारण इस समय हिमाचल में शिक्षा जगत से जुड़े लोग अनेक चिंताओं में थे. समर वेकेशन चली हुई हैं.

अध्यापकों के जिम्मे सिलेबस कंप्लीट करने का बोझ था. इधर, खेल कैलेंडर के कारण स्कूलों में अगस्त और सितंबर में जोनल स्तर की खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं. फिलहाल, एनुअल सिस्टम लौट आने से शिक्षकों ने भी राहत की सांस ली है. विभिन्न स्तरों पर चर्चा के बाद राज्य सरकार ने शनिवार को इस बारे में आदेश जारी कर दिए कि अब स्कूलों में मैट्रिक व प्लस टू के छात्रों के लिए एनुअल सिस्टम ही बहाल किया जाता है.

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार का नया कानून, दिन में सस्ती और रात में महंगी होगी बिजली

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मैट्रिक व प्लस टू के छात्र अब साल में एक ही बार परीक्षा देंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में बोर्ड परीक्षाओं में टर्म सिस्टम समाप्त कर दिया है. अब हिमाचल में फिर से एनुअल एक्जाम सिस्टम लौट आया है. शिक्षक संगठन भी इस बारे में लंबे समय से मांग कर रहे थे. पहले साल में दो बार परीक्षा होती थी. यानी टर्म सिस्टम के तहत इन दो कक्षाओं के बच्चों को साल में दो बार परीक्षा से गुजरना होता था. अब फिर से साल में एक बार यानी एनुअल सिस्टम की वापसी हुई है. हिमाचल के शिक्षक संगठन इस बारे में तर्क दिया करते थे कि एनुअल सिस्टम ही बेहतर है. टर्म सिस्टम बच्चों के लिए अच्छा नहीं है.

कारण ये बताया जाता था कि बच्चों को टर्म परीक्षा के कारण रिवाइज करने का समय कम मिलता था. एक ही अकादमिक सत्र में दो बार परीक्षाएं होने से बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा पहुंचती थी. बच्चों को दो बार परीक्षा की तैयारी का बर्डन अलग से महसूस होता था. कम से कम डेढ़ महीने का समय इसी में लग जाता था. अब एनुअल सिस्टम से बच्चे निश्चिंत होकर पढ़ाई और रिवीजन कर सकेंगे. एक तर्क ये भी दिया जाता था कि दो बार परीक्षा फीस देने से आर्थिक बोझ अनावश्यक रूप से पड़ता था.

उल्लेखनीय है कि देश के अन्य बोर्ड जैसे सीबीएसई व राज्य के संबंधित बोर्ड साल में एक ही बार परीक्षा लेते हैं. हिमाचल के पड़ौसी राज्यों में भी यही सिस्टम काम कर रहा है. साल में एक ही बार परीक्षा होती है. हिमाचल में पूर्व में टर्म सिस्टम लागू किया गया था. वैश्विक महामारी कोरोना के समय हिमाचल में जयराम ठाकुर सरकार ने तीन साल पहले इस सिस्टम को लागू किया था. टर्म सिस्टम के कारण इस समय हिमाचल में शिक्षा जगत से जुड़े लोग अनेक चिंताओं में थे. समर वेकेशन चली हुई हैं.

अध्यापकों के जिम्मे सिलेबस कंप्लीट करने का बोझ था. इधर, खेल कैलेंडर के कारण स्कूलों में अगस्त और सितंबर में जोनल स्तर की खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं. फिलहाल, एनुअल सिस्टम लौट आने से शिक्षकों ने भी राहत की सांस ली है. विभिन्न स्तरों पर चर्चा के बाद राज्य सरकार ने शनिवार को इस बारे में आदेश जारी कर दिए कि अब स्कूलों में मैट्रिक व प्लस टू के छात्रों के लिए एनुअल सिस्टम ही बहाल किया जाता है.

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार का नया कानून, दिन में सस्ती और रात में महंगी होगी बिजली

Last Updated : Jun 24, 2023, 8:12 PM IST
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