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आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार की अनुमति के बाद ही बुलाए जाएंगे छात्र, विभाग की ओर से भेजा गया प्रस्ताव - shimla latest news

हिमाचल प्रदेश में 3 से 5 साल तक के बच्चें आंगनबाड़ी केंद्रों में जा कर पढ़ाई करते हैं. कोविड के बीच यह आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के लिए बंद किए गए हैं और अभी तक यह खोले नहीं गए हैं. अब इन आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने को लेकर प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सरकार को भेजा गया है. महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक कृतिका कुलहरी ने कहा कि सरकार की ओर से जब आदेश जारी किए जाएंगे उसी के बाद आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को बुलाया जाएगा.

children called in anganbadi centers after govt permission
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Published : Mar 3, 2021, 10:13 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 3 से 5 साल तक के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में जा कर पढ़ाई करते हैं. कोविड के बीच यह आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के लिए बंद किए गए हैं और अभी तक यह खोले नहीं गए हैं. अब इन आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के लिए प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सरकार को भेजा गया है. जब तक सरकार की ओर से मंजूरी इन आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए खोलने को लेकर नहीं दी जाती है. तब तक आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को आने की अनुमति नहीं होगी.

आंगनबाड़ी केंद्रों के खुलने का कर रहे इंतजार

प्रदेश में कोविड के बीच जब सरकार की ओर से सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया था तो उस समय सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद कर दिया गया था. इन केंद्रों को अब दोबारा से सरकार की ओर से खोलने की अनुमति प्रदान की गई थी. अभी इन आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनबाड़ी वर्कर्स आ रही हैं और अपने काम को जारी रखे हुए हैं, लेकिन बच्चों को अभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आने की अनुमति नहीं दी गई है.

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बच्चों को जो पौष्टिक राशन आंगनबाड़ी केंद्रों में आने के बाद पका कर दोपहर के भोजन के रुप में परोसा जाता था. अब वही राशन उनके घरों तक पहुंचाने का काम आंगनबाड़ी वर्कर्स कर रही हैं. अभिभावक आंगनबाड़ी केंद्रों पर आ कर भी राशन घर ले जा रहे हैं, लेकिन उन्हें इंतजार है कि कब दोबारा से उनके बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में जा पाएंगे.

बता दें कि प्रदेश में 8 हजार 925 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इन सभी केंद्रो में 3 से 5 साल तक के बच्चें भी पंजीकृत हैं जिन्हें इन आंगनबाड़ी केंद्रो में खेल-खेल के साथ ही पढ़ाई भी करवाई जा रही है. इन बच्चों का सही तरीके से मानसिक और शारीरिक विकास हो सके इसके लिए बच्चों को न्यूट्रिशन से भरपूर भोजन भी आंगनबाड़ी केंद्रों में परोसा जा रहा है. प्रदेश के हर ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित हैं.

महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने प्रस्ताव सरकार को भेजने की कही बात

यही वजह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक कृतिका कुलहरी ने प्रस्ताव सरकार को भेजने की बात कही है. उनका कहना है कि जब तक प्रदेश में छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल नहीं खोले जाते हैं और सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला नहीं लेती है तब तक आंगनबाड़ी केंद्रों को भी नहीं खोला जा सकता है. सरकार की ओर से जब आदेश जारी किए जाएंगे उसी के बाद आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को बुलाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः- चौड़ा मैदान में मोदी-जयराम के खिलाफ प्रदर्शन करेगी कांग्रेस, वीरभद्र भी रहेंगे शामिल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 3 से 5 साल तक के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में जा कर पढ़ाई करते हैं. कोविड के बीच यह आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के लिए बंद किए गए हैं और अभी तक यह खोले नहीं गए हैं. अब इन आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के लिए प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सरकार को भेजा गया है. जब तक सरकार की ओर से मंजूरी इन आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए खोलने को लेकर नहीं दी जाती है. तब तक आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को आने की अनुमति नहीं होगी.

आंगनबाड़ी केंद्रों के खुलने का कर रहे इंतजार

प्रदेश में कोविड के बीच जब सरकार की ओर से सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया था तो उस समय सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद कर दिया गया था. इन केंद्रों को अब दोबारा से सरकार की ओर से खोलने की अनुमति प्रदान की गई थी. अभी इन आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनबाड़ी वर्कर्स आ रही हैं और अपने काम को जारी रखे हुए हैं, लेकिन बच्चों को अभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आने की अनुमति नहीं दी गई है.

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बच्चों को जो पौष्टिक राशन आंगनबाड़ी केंद्रों में आने के बाद पका कर दोपहर के भोजन के रुप में परोसा जाता था. अब वही राशन उनके घरों तक पहुंचाने का काम आंगनबाड़ी वर्कर्स कर रही हैं. अभिभावक आंगनबाड़ी केंद्रों पर आ कर भी राशन घर ले जा रहे हैं, लेकिन उन्हें इंतजार है कि कब दोबारा से उनके बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में जा पाएंगे.

बता दें कि प्रदेश में 8 हजार 925 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इन सभी केंद्रो में 3 से 5 साल तक के बच्चें भी पंजीकृत हैं जिन्हें इन आंगनबाड़ी केंद्रो में खेल-खेल के साथ ही पढ़ाई भी करवाई जा रही है. इन बच्चों का सही तरीके से मानसिक और शारीरिक विकास हो सके इसके लिए बच्चों को न्यूट्रिशन से भरपूर भोजन भी आंगनबाड़ी केंद्रों में परोसा जा रहा है. प्रदेश के हर ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित हैं.

महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने प्रस्ताव सरकार को भेजने की कही बात

यही वजह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक कृतिका कुलहरी ने प्रस्ताव सरकार को भेजने की बात कही है. उनका कहना है कि जब तक प्रदेश में छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल नहीं खोले जाते हैं और सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला नहीं लेती है तब तक आंगनबाड़ी केंद्रों को भी नहीं खोला जा सकता है. सरकार की ओर से जब आदेश जारी किए जाएंगे उसी के बाद आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को बुलाया जाएगा.

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