रामपुर/शिमला: देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. शुरुआत से ही बच्चों और बुजुर्गों को कोरोना वायरस के लिए संवेदनशील बताया जा रहा है. इसके चलते कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और बच्चों को है. चूंकि बच्चों और बुजुर्गों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. ऐसे में उनका खास ख्याल रखा जाना बहुत जरूरी है.
महात्मा गांधी चिकित्सा सेवा परिसर खनेरी में अपनी सेवाएं दे रहें डॉ. संजय ने कहा कि बच्चों को हाथों की स्वच्छता के बारे में जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को बार बार हाथ धोने के लिए प्रेरित करना चाहिए. साथ ही अभिभावक बच्चों के साथ मनोरंजन का माहौल बनाएं और खेल खेल में ही उन्हें हाथ धोने के बारे में समझाएं. इसके अलावा बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें पोषाहार युक्त भोजन कराएं. बच्चों पर किसी भी तरह का दबाव ना बनाएं.
डॉ. संजय ने कहा कि पहले घर के बड़े लोग छोटे बच्चों को को कहानियां सुनाते थे. इसे बड़ों को फिर से शुरू करने की जरूरत है, जिससे घर के बड़ों और बच्चों दोनों को घर में रहने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. मोबाइल, लैपटॉप से बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ाने के लिए उनकी मदद करनी चाहिए. उन को आकर्षित करने के लिए रंगीन किताबों का सहारा लें. इसमें परिवार के सदस्य खुद भी भागीदार बन सकते हैं.
डॉ. संजय ने कहा कि लैपटॉप, मोबाइल आदि को एल्कोहल आधारित सेनिटाइजर से साफ करें. साथ ही किसी बच्चे या बुजुर्ग को खांसी व जुकाम होने पर घर के बाकी सदस्यों को इनसे दूर रखें. उन्होंने कहा कि इनके पास ज्यादा लोगों को इकठ्ठा न होने दें.
बता दें कि आए दिन ज्यादातर लोग अपने बच्चों को बाजार व अन्य भीड़ भाड़ वाली जगहों पर घूमते-फिरते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में उन अभिभावकों को अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
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