शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार पूर्व भाजपा सरकार से विरासत में मिले 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बावजूद आर्थिक संसाधन बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य पर्यटन और जल विद्युत संसाधनों का समुचित उपयोग कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए बीते छः माह में राज्य सरकार ने आर्थिक संसाधन बढाने के लिए कई कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विभिन्न मंचों से जलविद्युत परियोजनाओं में राज्य के अधिकारों की वकालत की है. केंद्र सरकार के समक्ष रॉयल्टी में वृद्धि और विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाली बिजली परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी की मांग को प्रमुखता से उठाया गया है. इसके अलावा सरकार के प्रयासों से शोंगटोंग जलविद्युत परियोजना के कार्यों में तेजी आई है, जिसके अब जुलाई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस परियोजना के समयबद्ध पूरा होने से लगभग 250 करोड़ रुपये की बचत होगी और 156 करोड़ रुपये का राजस्व ब्याज सृजित होगा.
'निवेश बढ़ाकर आय के नए स्रोत बढ़ाने पर सरकार कर रही काम': मुख्यमंत्री ने कहा है कि निवेश आकर्षित करने और विभिन्न निवेश परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से हाल ही में शिमला में निवेशकों के साथ दो दिवसीय बैठक की गई. यह पहल न केवल राज्य में आय के नए स्रोतों का सृजन करेगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान ग्रीन निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए पर्यटन से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के एक अन्य सार्थक प्रयास में राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए राज्य में शराब की दुकानों की नीलामी का निर्णय लिया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 520 करोड़ रुपये का लाभ हुआ. इसके अतिरिक्त इस वर्ष लागू उत्पाद शुल्क नीति से राज्य के कुल राजस्व में लगभग 3000 करोड़ रुपये के योगदान की उम्मीद है.
'बिजली परियोजनओं पर सेस लगाने से 4000 करोड़ की आय होने की संभावना': मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत हिमाचल में जल विद्युत परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का निर्णय लिया है, जिससे लगभग 4,000 करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन का अनुमान है. इसके तहत करीब 130 विद्युत परियोजनाएं पहले ही पंजीकृत हो चुकी हैं. इसके अलावा, सरकार सक्रिय रूप से वर्तमान वित्त वर्ष में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के साथ सौर ऊर्जा के दोहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य बैकिंग आधार पर महंगी खरीदी गई बिजली पर निर्भरता को कम करना है.
'परिवहन खर्चे में कटौती के लिए 15000 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा': सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने परिवहन व्यय में कटौती करने और पर्यावरण संरक्षण के मकसद से एचआरटीसी की 1500 डीजल बसों को ई-बसों से बदलने की योजना बनाई है. ई-बसों की परिचालन लागत डीजल बसों के अपेक्षाकृत काफी कम है, जो निगम की वित्तीय स्थिति को उबारने में सहायक सिद्ध होगी. इसके अतिरिक्त सरकार का लक्ष्य सभी सरकारी विभागों में संचालित वाहनों को ई-वाहनों से बदलना है और इसमें परिवहन विभाग अग्रणी है.
'खैर कटान से राज्य सरकार को हर साल 1000 करोड़ की आय का अनुमान': मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार के प्रयासों से वन भूमि पर खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति भी प्राप्त हुई है. इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय का अनुमान है. उन्हंने कहा कि नए आर्थिक संसाधन सृजित करने के साथ सरकार अपने अनावश्यक खर्च कम करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली और चंडीगढ़ में हिमाचल सदन और भवन का किराया सभी के लिए 200 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया है. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 1 जून से हेलीकाप्टर सेवाओं को बंद कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप और बचत सुनिश्चित हुई है.