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कोरोना ने किसानों व बागवानों की मेहनत पर फेरा पानी, नहीं मिल रहा चेरी का उचित दाम

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Published : May 31, 2020, 4:17 PM IST

Updated : May 31, 2020, 7:50 PM IST

कोरोना वारयस के चलते इन दिनों बागवानों को चेरी के अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना की मार से दूसरे राज्यों के लिए सप्लाई बंद होने से अच्छी आमदनी नहीं हो पा रही है. किसानों का कहना है कि सबसे ज्यादा कमाई टूरिस्टों के आने से होती थी, लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से सैलानी नहीं आ रहे हैं. जिससे उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

Cherry prices fall due to Corona virus
चेरी पर कोरोना की मार

ठियोग: देशभर में फैली कोरोना महामारी ने हर किसी की कमर तोड़ कर रख दी है. जिसका सबसे ज्यादा असर किसानों और बागवानों पर पड़ा है. लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते किसानों और बागवानी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ है. हिमाचल के ऊपरी इलाको में इन दिनों चेरी की फसल तैयार है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बागवानों को उनकी फसल के अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं.

सरकार ने प्रदेश की सभी मंडियों को खोल दिया है. किसान अपनी नजदीक की मंडियों में फसल बेच भी रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दूसरे राज्यों के लिए सप्लाई बंद होने से अच्छी आमदनी नहीं हो पा रही है. बागवानों का कहना है कि इस साल कोरोना के चलते चेरी की बिक्री कम हो रही है.

देश की कई मंडियों में चेरी की फसल जाती थी, लेकिन इस बार बागवानों को स्थानीय मंडी में ही फसल बेचनी पड़ रही है. इसके साथ जो लोग खुद सड़क के किनारे चेरी बेचते थे वो भी लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते इन्हें बेच नहीं पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सबसे ज्यादा कमाई टूरिस्टों के आने से होती थी, लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से सैलानी नहीं आ रहे हैं. जिससे उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

चेरी का बॉक्स 150 से 200 रुपये तक बिकता था, लेकिन इस बार किसानों को 30 रुपये से 120 रुपये तक के दाम मिल रहे है. साल भर चेरी पर किया गया खर्च भी नहीं मिल पा रहा है. बागवानों की मानें तो चेरी को तैयार करने में बहुत ज्यादा मेहनत लगती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते सारे मेहनत पर पानी फिर गया है.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा के लिए राहत की खबर: 4 कोरोना मरीज हुए ठीक, एक्टिव केस की संख्या पहुंची 50

ठियोग: देशभर में फैली कोरोना महामारी ने हर किसी की कमर तोड़ कर रख दी है. जिसका सबसे ज्यादा असर किसानों और बागवानों पर पड़ा है. लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते किसानों और बागवानी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ है. हिमाचल के ऊपरी इलाको में इन दिनों चेरी की फसल तैयार है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बागवानों को उनकी फसल के अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं.

सरकार ने प्रदेश की सभी मंडियों को खोल दिया है. किसान अपनी नजदीक की मंडियों में फसल बेच भी रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दूसरे राज्यों के लिए सप्लाई बंद होने से अच्छी आमदनी नहीं हो पा रही है. बागवानों का कहना है कि इस साल कोरोना के चलते चेरी की बिक्री कम हो रही है.

देश की कई मंडियों में चेरी की फसल जाती थी, लेकिन इस बार बागवानों को स्थानीय मंडी में ही फसल बेचनी पड़ रही है. इसके साथ जो लोग खुद सड़क के किनारे चेरी बेचते थे वो भी लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते इन्हें बेच नहीं पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सबसे ज्यादा कमाई टूरिस्टों के आने से होती थी, लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से सैलानी नहीं आ रहे हैं. जिससे उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

चेरी का बॉक्स 150 से 200 रुपये तक बिकता था, लेकिन इस बार किसानों को 30 रुपये से 120 रुपये तक के दाम मिल रहे है. साल भर चेरी पर किया गया खर्च भी नहीं मिल पा रहा है. बागवानों की मानें तो चेरी को तैयार करने में बहुत ज्यादा मेहनत लगती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते सारे मेहनत पर पानी फिर गया है.

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Last Updated : May 31, 2020, 7:50 PM IST
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