शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला की ढली मंडी में चेरी गुठलीदार फलों ने दस्तक दे दी है. इस साल चेरी और गुठलीधार फलों का सीजन दो हफ्ते देरी से शुरू हुआ है. सीजन की शुरुआत में ही बागवानों को ढली मंडी में चेरी और गुठलीदार फलों के अच्छे रेट मिल रहे हैं जो कि पिछले साल के मुकाबले दोगुना है. हालांकि इस साल मौसम खराब रहने के चलते और बेमौसम बरसात होने से चेरी और गुठलीदार फलों की फसलों में कमी देखने को मिली रही है और मंडी में काफी कम मात्रा में चेरी और गुठलीदार फल आ रहे हैं.
बारिश, ओलावृष्टि से गुठलीदार फलों को हुआ काफी नुकसान: शिमला में चेरी की सबसे अधिक पैदावार जिले के ननखड़ी, कोटगढ़ , बाघी और नारकंडा क्षेत्रों में होती है, लेकिन बारिश, ओलावृष्टि से गुठलीदार फलों को काफी नुकसान हुआ है. शिमला की मंडियों से चेरी बंगलूरू, महाराष्ट्र और गुजरात तक भेजी जा रही हैं. दिल्ली की मंडी में चेरी 1500 से लेकर 1800 तक का बिक रही हैं. हालांकि अभी तक कम मात्रा में चेरी आ रही है, लेकिन आने वाले दिनों में मंडियों में चेरी की आमद बढ़ेगी.
अच्छे किस्म की चेरी आने की है उम्मीद: ढली मंडी के आढ़ती अनूप चौहान ने कहा कि अभी ढली मंडी में चेरी खुमानी और प्लम आना शुरू हो गया है. आज चेरी 250 से 500 तक की बिकी हैं. वहीं, खुमानी 250 से 300 तक की बिक रही है. जिस तरह से बेमौसम बरसात हुई है. उसके चलते अभी तक चेरी मंडियों में फटी हुई आ रही हैं, लेकिन कुछ दिनों से मौसम साफ बना हुआ है तो अब अच्छे किस्म की चेरी आने की उम्मीद है. शिमला से चेरी और गुठलीदार फल अभी चेन्नई और बेंगलुरु भेजी जा रही है. इस साल फसल कम होने के कारण जो रेट हैं बागवानों को अच्छे मिलेंगे और आने वाले समय में चेरी के दाम बढ़ने की संभावना है. मंडी में चेरी बेचने पहुंचे बागवान दिलीप का कहना है कि चेरी के इस बार काफी अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन फसल इस बार काफी कम है बारिश की वजह से फसल को काफी नुकसान हुआ है.
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