शिमला: राजधानी शिमला में नगर निगम का लाखों का कबाड़ जल निगम प्रबंधन द्वारा गुपचुप तरीके से बेच दिया गया है. जल निगम द्वारा स्क्रैप जो बेचा है उसमें 6 लाख के ब्रास के पानी के मीटर भी बेच दिए हैं. इसके अलावा एमसी स्टोर में पड़े पाइपें, एलबो, पम्पिंग मशीनरी, शामिल था.
इस कबाड़ को बचने से पहले जल प्रबधंन निगम ने नगर निगम को कोई सूचना नहीं दी और जबकि नगर निगम से अनुमति लेना जरूरी था, लेकिन सारा कबाड़ जल निगम अधिकारियों ने बेच दिया है, जबकि ये कबाड़ जल निगम बनने से पहले का है.
अब नगर निगम ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. निगम के पार्षद इस मामले की विजिलेंस जांच की मांग पर अड़े है. पार्षद इस मामले को निगम की मासिक बैठक में उठाने जा रही है और इस मुद्दे पर सदन में हंगामा भी हो सकता है.
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि जल निगम ने नगर निगम को किसी सूचना के सारा कबाड़ बेच दिया है, जबकि ये सारी संपत्ति नगर निगम की थी. कबाड़ बेचने की अनुमति लेना जरूरी है और हाउस में ये मामला आता है उसके बाद ही कबाड़ बेचा जा सकता है, लेकिन जल निगम प्रबधन निगम ने बिना पूछे कबाड़ बेच दिया था जबकि ये कई सालों से कबाड़ नहीं बेचा गया था और लाखों का कबाड़ गुपचुप तरीके से बेचा गया है.
नगर निगम के स्टोर में 5200 खराब मीटर भी पड़े थे जिन्हें कई सालों से स्टोर में रखा गया था जिन्हें बेचा नहीं जा रहा था, वहीं इस मामले की जांच की जायेगी. जल निगम से इसको लेकर जवाब मांगा गया था और स्पेशल हाऊस में इसको लेकर चर्चा के बाद विजिलेंस जांच की मांग भी की जाएगी.
बता दें कि शिमला नगर निगम का सब्जी मंडी के पास ओर संजौली में कई वर्षों से कबाड़ पड़ा हुआ था जिसे जल निगम प्रबंधन द्वारा बिना सूचना के ही बेच दिया है. बताया जा रहा है कि लाखों का सामान बेचने में भी गोलमाल किया गया है. जिसकी विजिलेंस जांच में खुलासा हो सकता है.
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