शिमला: कोरोना वायरस के खौफ के चलते प्रदेश में जहां कांगड़ा जिला को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया है. वहीं, प्रदेशभर में सरकार की ओर से परिवहन सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. परिवहन निगम और प्राइवेट बसें सड़कों पर नहीं चल रही है, जिसकी वजह से लोगों को अपने कार्यालयों तक जाने के लिए पैदल ही अपने घरों से निकलना पड़ा.
बस सेवा बंद होने के बाद लोग अपनी निजी गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.अपने कार्यालयों तक जाने और अन्य काम पर जाने के लिए लोगों ने अपनी निजी गाड़ियों का इस्तेमाल किया. सड़कों पर सिर्फ और सिर्फ निजी वाहन ही चलते हुए दिखाई दे रहे थे. इसके अलावा जो लोग निजी वाहन उपयोग नहीं कर रहे हैं वह पैदल ही अपना सफर तय कर रहे हैं.
अधिकतर जगहों पर लोगों को सोमवार को बसें ना चलने की जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लोग काफी देर तक बस स्टॉप पर बसों का इंतजार करते नजर आए, लेकिन जब लंबे समय तक बसें नहीं आई तो लोग पैदल ही अपने काम के लिए निकलने लगे. इसके चलते कुछ लोगों को अपने काम पर पहुंचने में भी देरी हुई है.
लोगों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए हिमाचल को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाना चाहिए. सरकार ने मात्र परिवहन सेवाएं बंद की है, लेकिन कार्यालय खुले हैं, जिसकी वजह से लोगों को अब बस सेवा मुहैया ना होने से परेशानी जरूर आ रही है. सभी लोगों के पास अपने निजी वाहन नहीं है, जिसकी वजह से लोगों को पैदल ही अपने काम पर जाना पड़ रहा है.
बता दें कि कोरोना वायरस के खौफ को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में परिवहन सेवाओं पर रोक लगा दी है. कांगड़ा जिला में जहां केवल आपातकालीन वाहनों को ही चलाने की अनुमति दी गई है. वहीं अन्य जिलों में केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा बंद की गई है. ऐसे में अब लोग अपने निजी वाहनों का उपयोग अपने कार्यालय सहित अन्य कामों पर जाने के लिए कर रहे हैं. वहीं निजी बस ऑपरेटर्स ने भी बस सेवा को बंद कर दिया है.
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