पांवटा साहिब: विश्व भर में फैल रहे कोरोना वायरस से शायद ही ऐसा कोई वर्ग होगा अछूता रहा हो. ईंट की भट्टियों के कारोबारियों पर भी कोरोना महामारी का बुरा असर पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान पांवटा साहिब में ईंट की भट्टियां बंद होने के कारण इनमें काम करने वाले गरीब मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है.
पांवटा साहिब के गुलाबगढ़, हरिपुर, पूरुवाला, बाटापूल, जामनिवाला समेत कई अन्य क्षेत्रों में ईंट की भट्टियों पर लॉकडाउन का असर अब देखने को मिल रहा है. देशभर में अनलॉक-1 शुरू होने के बाद भी ईंट की भट्टियां बंद पड़ी हुई हैं. जिसके चलते ईंट भट्टियों के कारोबारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है.
बता दें कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की ईंटों की सबसे ज्यादा डिमांड पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में होती थी, लेकिन लॉकडाउन से बाहरी राज्यों की सीमाएं बंद होने के चलते लोकल कारोबारी इस नुकसान से उभर नहीं पा रहे हैं.
गौर रहे कि पांवटा क्षेत्र में ईंट की भट्टियों में करीब ढाई हजार मजदूरों को रोजगार मिलता था. लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद कुछ मजदूर तो अपने राज्य चले गए, लेकिन कुछ मजदूरों को अभी भी मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है. ईंट भट्टी चलाने वाले कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते अभी तक उन्हें 15 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है. जिसकी भरपाई में करीब तीन साल का समय लग जाएगा.
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