शिमला: शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान के टका बेंच पर बने बुक कैफे के दरवाजे लॉकडाउन के बाद से ही बंद है. निगम ने पिछले साल इस बुक कैफे को जेल विभाग से लेकर एक निजी कंपनी को दिया था लेकिन इस कैफे का निजीकरण ऐसा हुआ कि अभी कैफे महीनों से बंद पड़ा हुआ है.
जिस कंपनी को यह बुक कैफे दिया गया था, उस कंपनी ने इसे कुछ महीने तक चलाया, लेकिन जैसे ही कोरोना के चलते लॉकडाउन लगाया गया तो उसके बाद कंपनी ने इसे नहीं खोला है और निगम को वापस दे दिया है. निगम की मानें तो कंपनी इस कैफे को नहीं चलाना चाहती है. कंपनी की ओर से नगर निगम को बकाया राशि भी नहीं दी गई. ऐसे में निगम दोबारा टेंडर करने जा रहा है.
कैफे खोलने के लिए किया जाएगा दोबारा टेंडर
नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली का कहना है कि काफी समय से यह कैफे बंद पड़ा हुआ है, जिस कंपनी को इसका टेंडर दिया था वे लॉकडाउन के बाद से ही इसे नहीं चला रहे हैं. ऐसे में इस कैफे के लिए दोबारा टेंडर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बंद है ऐसे में ना तो शहरवासियों और ना ही पर्यटकों की इसकी सुविधा मिल पा रही है.
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2017 में बनाया था बुक कैफे
बता दें 2017 में नगर निगम शिमला में टका बेंच पर बुक कैफे बनाया था और इस कैफे को कैदियों को चलाने के लिए दिया गया था, जिससे एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. यहां पर पर्यटक और स्थानीय लोग काफी तादाद में आते थे, लेकिन नगर निगम ने इस कैफे का निजीकरण कर दिया और कंपनी को इस कैफे को चलाने के लिए दे दिया.
इससे निगम को काफी आमदनी भी हो रही थी, लेकिन पिछले 1 साल से इस कैफे पर ताले लगे हुए हैं. ऐसे में ना तो शहर के लोग और ना ही पर्यटक इस कैफे में बैठने का लुत्फ उठा रहे हैं.
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