शिमला: धर्मशाला में भाजपा के चिंतन शिविर के दौरान एक बेहद दिलचस्प तस्वीर सामने आई है. मुस्कुराए बुद्ध की तर्ज पर इसे मुस्कुराए भाजपा के दिग्गज कहा जा सकता है. ये तस्वीर फोटो ऑफ दि डे इसलिए कही जाएगी, क्योंकि इसमें एक साथ पार्टी का अतीत और वर्तमान मुस्कुरा रहा था. ये भी कहा जा सकता है कि भाजपा से जुड़े पानी वाले, सड़क वाले और पेंशन वाले सीएम एक फ्रेम में कैद हो गए.
दरअसल, धर्मशाला में कुल्लू वाले थप्पड़ कांड और स्थानीय विधायक से जुड़े घरेलू विवाद के तनाव के बीच ऐसी फोटो का दिखना मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए राहत की बात थी. चिंतन शिविर के दौरान फुर्सत के पलों में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक फ्रेम में मुस्कुराते हुए कैद हो गए.
'सभी' को मिलकर जोर लगाना होगा'
तीनों ही नेताओं के चेहरे पर सुकून झलक रहा था. पूर्ण बहुमत की सरकार का सुख ही और होता है. ये अलग बात है कि इस सरकार के साथ हाल ही में विवाद पर विवाद जुड़ रहे हैं. तीन उपचुनाव भी सिर पर हैं और मिशन रिपीट का सपना भी साकार करना है. इसके लिए सभी को मिलकर जोर लगाना होगा.
इस तस्वीर से ये संकेत जरूर मिल रहे हैं कि पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी कम से कम एक साथ बैठकर मुस्कुरा तो रही है. शांता कुमार हिमाचल में पानी वाले मुख्यमंत्री के तौर पर जाने जाते हैं. इसी तरह प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में प्रदेश भर में सड़कों का जाल बिछा तो उन्हें सड़कों वाले मुख्यमंत्री कहा गया.
पेंशन का सहारा देने वाले सीएम
जयराम ठाकुर सौम्य स्वभाव के नेता हैं. उन्हें ऐसी कोई संज्ञा तो किसी ने अभी तक नहीं दी है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरूआत में ही बुजुर्गों के लिए पेंशन की आयु सीमा घटाई, उसका विपक्ष ने भी स्वागत किया. फिर इसी बजट में महिलाओं के लिए 65 से 69 साल की आयु सीमा में पेंशन लागू की. ऐसे में उन्हें पेंशन का सहारा देने वाले सीएम कहा जा सकता है.
इससे अलग बात करें तो धर्मशाला की ये तस्वीर भाजपा के लिए संगठन के तौर पर बेहद मजबूत तस्वीर है. एक फ्रेम में तीन सीएम एक साथ दिखने से कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का माहौल पैदा होगा.
'मुख्यमंत्री सत्ता के सूत्र सीखने में कोई झिझक महसूस नहीं करते'
ये तस्वीर बयान कर रही है कि वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने से पहली पीढ़ी के महारथियों से विनम्र होकर सत्ता के सूत्र सीखने में कोई झिझक महसूस नहीं करते. धर्मशाला से आई इस तस्वीर से कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं.
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