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HPU ईसी व कोर्ट सदस्य चुनावों में BJP समर्थित उम्मीदवार विजयी, इन्होंने की जीत हासिल - Election in Himachal Pradesh University

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आज विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के साथ ही एचपी कोर्ट सदस्य के लिए चुनाव हुए. इस चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को विजय मिली. ईसी सदस्य पद पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार विपिन कुमार और कोर्ट सदस्य के पद पर भााजपा समर्थित उम्मीदवार बुद्धिराम ने जीत हासिल की.

BJP backed candidate wins
भाजपा समर्थित उम्मीदवार विजयी
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Published : Aug 25, 2020, 9:26 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आज विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के साथ ही एचपी कोर्ट सदस्य के लिए चुनाव हुए. इस चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को विजय मिली. एचपीयू ईसी ओर कोर्ट दोनों पदों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार विजेता रहे.

ईसी सदस्य पद पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार विपिन कुमार ने 375 वोटों और कोर्ट सदस्य के पद पर भााजपा समर्थित उम्मीदवार बुद्धिराम ने 357 वोटों के साथ जीत हासिल की. कांग्रेस और माकापा समर्थित दल की ईसी सदस्य की उम्मीदवार राज कुमारी को 310 वोट मिले और निर्दलीय उम्मीदवार अजय भारद्वाज को महज 11 वोट ही मिले, जबकि इस पद पर 13 वोट अवैध घोषित किए गए.

वीडियो

इन चुनावों में कोर्ट सदस्य के लिए कांग्रेस और माकापा समर्थित दल से राम लाल को 322 वोटे मिले. निर्दलीय उम्मीदवार तिलक राज गर्ग को मात्र 15 वोट ही पड़े, जबकि 15 वोट अवैध रहे. कोविड में सोशल डिस्टेसिंग के बीच यह चुनावी प्रक्रिया कराई गई. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सचिव और रिटर्निंग ऑफिसर सुनिल शर्मा ने बताया कि ईसी और कोर्ट सदस्य चुनाव में कुल 787 मतदाताओं में से 709 मतदाताओं ने वोट किया. उन्होंने बताया कि चुनाव में 90 फीसदी मतदान हुआ.

प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार सुबह 10 बजे से दोपहर चार बजे तक मतदान हुआ, जिसके बाद परिणाम घोषित किए गए. बता दें कि प्रदेश विश्वविद्यालय के ईसी और कोर्ट सदस्य चुनाव के लिए कांग्रेस और माकापा समर्थित दल ने गठबंधन किया, लेकिन इसके बाद भी वह एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सके. वहीं, पिछले वर्ष भी ईसी सदस्य पर भाजपा समर्थित दल के उम्मीदवार प्रेम राज ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस और माकपा समर्थित दल के ललित कुमार कोर्ट सदस्य बने थे.

यह रहेंगी प्राथमिकताएं

भाजपा समर्थित ईसी और कोर्ट सदस्य विपिन कुमार और बुद्धि राम की प्राथमिकताएं कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा करना है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के रिक्त पदों को सीधी भर्ती अथवा पदोन्नति के माध्यम से प्राथमिकता से भरवाना, भर्ती एवं पदोन्नति नियमों से वंचित श्रेणियों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों का निर्माण करवाना और अन्य कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे प्राथमिक रहेंगे.

ये भी पढ़ें: चीनी एजेंट चार्ली पैंग के 2 गुर्गे हिमाचल से गिरफ्तार, दलाई लामा की कर रहे थे जासूसी

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आज विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के साथ ही एचपी कोर्ट सदस्य के लिए चुनाव हुए. इस चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को विजय मिली. एचपीयू ईसी ओर कोर्ट दोनों पदों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार विजेता रहे.

ईसी सदस्य पद पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार विपिन कुमार ने 375 वोटों और कोर्ट सदस्य के पद पर भााजपा समर्थित उम्मीदवार बुद्धिराम ने 357 वोटों के साथ जीत हासिल की. कांग्रेस और माकापा समर्थित दल की ईसी सदस्य की उम्मीदवार राज कुमारी को 310 वोट मिले और निर्दलीय उम्मीदवार अजय भारद्वाज को महज 11 वोट ही मिले, जबकि इस पद पर 13 वोट अवैध घोषित किए गए.

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इन चुनावों में कोर्ट सदस्य के लिए कांग्रेस और माकापा समर्थित दल से राम लाल को 322 वोटे मिले. निर्दलीय उम्मीदवार तिलक राज गर्ग को मात्र 15 वोट ही पड़े, जबकि 15 वोट अवैध रहे. कोविड में सोशल डिस्टेसिंग के बीच यह चुनावी प्रक्रिया कराई गई. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सचिव और रिटर्निंग ऑफिसर सुनिल शर्मा ने बताया कि ईसी और कोर्ट सदस्य चुनाव में कुल 787 मतदाताओं में से 709 मतदाताओं ने वोट किया. उन्होंने बताया कि चुनाव में 90 फीसदी मतदान हुआ.

प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार सुबह 10 बजे से दोपहर चार बजे तक मतदान हुआ, जिसके बाद परिणाम घोषित किए गए. बता दें कि प्रदेश विश्वविद्यालय के ईसी और कोर्ट सदस्य चुनाव के लिए कांग्रेस और माकापा समर्थित दल ने गठबंधन किया, लेकिन इसके बाद भी वह एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सके. वहीं, पिछले वर्ष भी ईसी सदस्य पर भाजपा समर्थित दल के उम्मीदवार प्रेम राज ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस और माकपा समर्थित दल के ललित कुमार कोर्ट सदस्य बने थे.

यह रहेंगी प्राथमिकताएं

भाजपा समर्थित ईसी और कोर्ट सदस्य विपिन कुमार और बुद्धि राम की प्राथमिकताएं कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा करना है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के रिक्त पदों को सीधी भर्ती अथवा पदोन्नति के माध्यम से प्राथमिकता से भरवाना, भर्ती एवं पदोन्नति नियमों से वंचित श्रेणियों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों का निर्माण करवाना और अन्य कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे प्राथमिक रहेंगे.

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