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सुरेश कश्यप ने राहुल और सोनिया पर साधा निशाना, कही ये बात - सुरेश कश्यप ने राहुल और सोनिया पर साधा निशाना

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कांग्रेस ( Suresh Kashyap on Congress) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग जमानत पर हैं वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दिल्ली को घेरने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने को कह रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Suresh Kashyap on Congress
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Published : Jun 14, 2022, 9:08 AM IST

शिमला: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कांग्रेस (Suresh Kashyap on Congress) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग जमानत पर हैं वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दिल्ली को घेरने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने को कह रहे हैं. उन्होंने पूछा कि आज कांग्रेस और राहुल गांधी को कुछ सवालों का जवाब देना चाहिए? उन्होंने कहा कि राहुल गांधा बताएं की क्या एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) 1930 के दशक में 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों की भागीदारी के साथ समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए बनाई गई कंपनी थी?

उन्होंने पूछा कि क्या वही कंपनी यंग इंडियंस के माध्यम से गांधी परिवार के तहत अचल संपत्ति का कारोबार नहीं कर रही है और क्या यंग इंडियंस कंपनी का गठन 2010 में 5 लाख रुपये की पूंजी के साथ हुआ था, जिसका स्वामित्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास नहीं था, जिनके पास कंपनी के 76 प्रतिशत शेयर थे. भाजपा अध्यक्ष ने पूछा कि क्या एजेएल की 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पूरी संपत्ति यंग इंडियंस कंपनी के माध्यम से एक परिवार को नहीं सौंपी गई थी.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के यंग इंडियन कंपनी के डोटेक्स मर्चेंडाइज के साथ क्या संबंध हैं, वह स्पष्ट करें. सुरेश कश्यप ने कहा कि 2010 में एजेएल के सभी शेयर गांधी परिवार के यंग इंडिया को हस्तांतरित कर दिए गए थे और इसके साथ ही एजेएल की 2 हजार करोड़ रुपये की पूरी संपत्ति गांधी परिवार को एक नकली लेनदेन के माध्यम से दी गई थी. कश्यप ने कहा कि जनता से चंदे के रूप में कांग्रेस को मिले 90 करोड़ रुपये एजेएल को कर्ज के रूप में दिए गए और बाद में यंग इंडियन को माफ कर दिया गया, जिसने एजेएल से यह कर्ज लिया था.

उन्होंने कहा कि 2010 में यंग इंडिया को एक धर्मार्थ कंपनी के रूप में बनाया गया था, जिसमें 2016 तक कोई धर्मार्थ कार्य नहीं किया गया था. बल्कि इस कंपनी के माध्यम से अचल संपत्ति का काम शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि 2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एजेएल और यंग इंडियन के बीच शेयर लेनदेन को दिखावा करार देते हुए निम्नलिखित टिप्पणी की "एजेएल के शेयरों को यंग इंडिया में स्थानांतरित करने का पूरा लेनदेन और कुछ नहीं, आकर्षक ब्याज का एक गुप्त और गुप्त हस्तांतरण था. उन्होंने कहा कि टू यंग इंडिया आज गांधी परिवार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए पूरी दिल्ली को बंधक बनाया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी द्वारा आम आदमी को असुविधा हो रही है. भाजपा भ्रष्टाचारियों को जवाबदेही से बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी के इस कुत्सित विरोध की कड़ी निंदा करती है.

शिमला: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कांग्रेस (Suresh Kashyap on Congress) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग जमानत पर हैं वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दिल्ली को घेरने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने को कह रहे हैं. उन्होंने पूछा कि आज कांग्रेस और राहुल गांधी को कुछ सवालों का जवाब देना चाहिए? उन्होंने कहा कि राहुल गांधा बताएं की क्या एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) 1930 के दशक में 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों की भागीदारी के साथ समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए बनाई गई कंपनी थी?

उन्होंने पूछा कि क्या वही कंपनी यंग इंडियंस के माध्यम से गांधी परिवार के तहत अचल संपत्ति का कारोबार नहीं कर रही है और क्या यंग इंडियंस कंपनी का गठन 2010 में 5 लाख रुपये की पूंजी के साथ हुआ था, जिसका स्वामित्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास नहीं था, जिनके पास कंपनी के 76 प्रतिशत शेयर थे. भाजपा अध्यक्ष ने पूछा कि क्या एजेएल की 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पूरी संपत्ति यंग इंडियंस कंपनी के माध्यम से एक परिवार को नहीं सौंपी गई थी.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के यंग इंडियन कंपनी के डोटेक्स मर्चेंडाइज के साथ क्या संबंध हैं, वह स्पष्ट करें. सुरेश कश्यप ने कहा कि 2010 में एजेएल के सभी शेयर गांधी परिवार के यंग इंडिया को हस्तांतरित कर दिए गए थे और इसके साथ ही एजेएल की 2 हजार करोड़ रुपये की पूरी संपत्ति गांधी परिवार को एक नकली लेनदेन के माध्यम से दी गई थी. कश्यप ने कहा कि जनता से चंदे के रूप में कांग्रेस को मिले 90 करोड़ रुपये एजेएल को कर्ज के रूप में दिए गए और बाद में यंग इंडियन को माफ कर दिया गया, जिसने एजेएल से यह कर्ज लिया था.

उन्होंने कहा कि 2010 में यंग इंडिया को एक धर्मार्थ कंपनी के रूप में बनाया गया था, जिसमें 2016 तक कोई धर्मार्थ कार्य नहीं किया गया था. बल्कि इस कंपनी के माध्यम से अचल संपत्ति का काम शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि 2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एजेएल और यंग इंडियन के बीच शेयर लेनदेन को दिखावा करार देते हुए निम्नलिखित टिप्पणी की "एजेएल के शेयरों को यंग इंडिया में स्थानांतरित करने का पूरा लेनदेन और कुछ नहीं, आकर्षक ब्याज का एक गुप्त और गुप्त हस्तांतरण था. उन्होंने कहा कि टू यंग इंडिया आज गांधी परिवार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए पूरी दिल्ली को बंधक बनाया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी द्वारा आम आदमी को असुविधा हो रही है. भाजपा भ्रष्टाचारियों को जवाबदेही से बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी के इस कुत्सित विरोध की कड़ी निंदा करती है.

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