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ओपीएस बहाली पर भाजपा मौन, हिमाचल में अपना वेतन आयोग गठित करने का इरादा

हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा (Himachal BJP manifesto) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. ओपीएस की बहाली को लेकर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कोई वादा नहीं (BJP on OPS in Himacha) किया है. हालांकि भाजपा ने हिमाचल का अपना वेतन आयोग गठित करने का इरादा जरूर जाहिर किया है. पढ़े पूरी खबर...

Himachal election 2022
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Published : Nov 6, 2022, 4:16 PM IST

शिमला: कांग्रेस के बाद भाजपा (Himachal BJP manifesto) ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. ओपीएस की बहाली को लेकर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कोई वादा नहीं (BJP on OPS in Himacha) किया है. अलबत्ता भाजपा ने कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने का जरूर वादा किया है. साथ ही हिमाचल का अपना वेतन आयोग गठित करने का इरादा भी जाहिर किया है.

घोषणा पत्र के अनुसार भाजपा राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय वेतन आयोग से जोड़ने के लिए नीति बनाने का भी ऐलान किया है. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कैशलेस हैल्थ सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए पचास करोड़ रुपए का फंड रखा जाएगा. भाजपा ने राज्य के कर्मचारियों के लिए डीए को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी करने की बात कही है. जनजातीय और दूरदराज के इलाकों में सेवारत सरकारी कर्मियों को दिए जाने वाले भत्ते को 650 रुपए से बढ़ाकर 1300 रुपए करने का वादा है.

भाजपा का घोषणा पत्र.
भाजपा का घोषणा पत्र.

यदि किसी महिला की प्रसव के दौरान मौत हो जाए और उसका पति सरकारी सेवा में हो तो उसे 365 दिन यानी पूरा एक साल चाइल्ड केयर लीव मिलेगी. इसी तरह महिला कर्मचारी की चाइल्ड केयर लीव को भी 365 दिन करने का वादा है. ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कोई उल्लेख नहीं किया है. इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जब सवाल किया गया तो उसका जवाब हिमाचल भाजपा के पूर्व प्रभारी मंगल पांडे ने दिया.

पांडे ने कहा कि इस बारे में एक समिति का गठन किया गया है. समिति सारे पहलुओं का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी. बाद में जेपी नड्डा ने एक अन्य सवाल के जवाब में भी ओपीएस बहाली को लेकर कोई सीधा जवाब देने की बजाय यही कहा कि इस विषय में मंगल पांडे ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. उधर, कांग्रेस सहित आम आदमी पार्टी और माकपा ने स्पष्ट रूप से ओपीएस बहाली का वादा किया है.

कांग्रेस का घोषणा पत्र.
कांग्रेस का घोषणा पत्र.

आलम ये है कि राज्य के कुछ कर्मचारी सोशल मीडिया पर खुलकर ओपीएस बहाली का वादा करने वाली कांग्रेस (Himachal Congress manifesto) का साथ देने की वकालत कर रहे (congress on OPS in Himachal) हैं. भाजपा ने निर्वाचन विभाग से इसकी शिकायत भी की है. उम्मीद जताई जा रही थी कि मंगल पांडे व अनुराग ठाकुर के ओपीएस बहाली से जुड़े बयानों के बाद भाजपा इसे लेकर कोई रोडमैप का जिक्र करेगी, लेकिन पार्टी को घोषणा पत्र इस बारे में मौन ही रहा.

हिमाचल प्रदेश में विभिन्न वर्गों के दो लाख के करीब सरकारी कर्मचारी हैं. इसके अलावा पौने दो लाख के करीब पेंशनर्स हैं. ये बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस ने इसी वोट बैंक को लुभाने के लिए चुनाव से काफी पहले ही ये वादा किया था कि राज्य में ओपीएस की बहाली की जाएगी. सरकारी कर्मचारियों के दबाव व कांग्रेस के ओपीएस बहाली को लेकर निरंतर वादों के बाद भाजपा इस मुद्दे पर बैकफुट पर दिख रही है. घोषणा पत्र में भी इसे लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है.

कांग्रेस का घोषणा पत्र.
कांग्रेस का घोषणा पत्र.

मुख्यमंत्री इस बारे में यही कहते हैं कि प्रदेश में न्यू पेंशन स्कीम को वीरभद्र सिंह सरकार के समय ही स्वीकार किया गया. लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि यदि पूर्व में ऐसा हो चुका है तो अब ओपीएस को फिर से बहाल करने में भाजपा सरकार क्यों आनाकानी कर रही है. बहरहाल, भाजपा के घोषणा पत्र में कर्मचारियों को लेकर कुछ ऐलान जरूर हैं, लेकिन ओपीएस के बारे में कोई शब्द नहीं कहा गया. सिर्फ इतना सा जिक्र मंगल पांडे की तरफ से हुआ कि समिति ओपीएस को लेकर अध्ययन के बाद रिपोर्ट देगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बीजेपी ने खेला यूनिफॉर्म सिविल कोड का दांव, OPS को घोषणा पत्र में जगह नहीं

शिमला: कांग्रेस के बाद भाजपा (Himachal BJP manifesto) ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. ओपीएस की बहाली को लेकर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कोई वादा नहीं (BJP on OPS in Himacha) किया है. अलबत्ता भाजपा ने कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने का जरूर वादा किया है. साथ ही हिमाचल का अपना वेतन आयोग गठित करने का इरादा भी जाहिर किया है.

घोषणा पत्र के अनुसार भाजपा राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय वेतन आयोग से जोड़ने के लिए नीति बनाने का भी ऐलान किया है. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कैशलेस हैल्थ सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए पचास करोड़ रुपए का फंड रखा जाएगा. भाजपा ने राज्य के कर्मचारियों के लिए डीए को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी करने की बात कही है. जनजातीय और दूरदराज के इलाकों में सेवारत सरकारी कर्मियों को दिए जाने वाले भत्ते को 650 रुपए से बढ़ाकर 1300 रुपए करने का वादा है.

भाजपा का घोषणा पत्र.
भाजपा का घोषणा पत्र.

यदि किसी महिला की प्रसव के दौरान मौत हो जाए और उसका पति सरकारी सेवा में हो तो उसे 365 दिन यानी पूरा एक साल चाइल्ड केयर लीव मिलेगी. इसी तरह महिला कर्मचारी की चाइल्ड केयर लीव को भी 365 दिन करने का वादा है. ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कोई उल्लेख नहीं किया है. इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जब सवाल किया गया तो उसका जवाब हिमाचल भाजपा के पूर्व प्रभारी मंगल पांडे ने दिया.

पांडे ने कहा कि इस बारे में एक समिति का गठन किया गया है. समिति सारे पहलुओं का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी. बाद में जेपी नड्डा ने एक अन्य सवाल के जवाब में भी ओपीएस बहाली को लेकर कोई सीधा जवाब देने की बजाय यही कहा कि इस विषय में मंगल पांडे ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. उधर, कांग्रेस सहित आम आदमी पार्टी और माकपा ने स्पष्ट रूप से ओपीएस बहाली का वादा किया है.

कांग्रेस का घोषणा पत्र.
कांग्रेस का घोषणा पत्र.

आलम ये है कि राज्य के कुछ कर्मचारी सोशल मीडिया पर खुलकर ओपीएस बहाली का वादा करने वाली कांग्रेस (Himachal Congress manifesto) का साथ देने की वकालत कर रहे (congress on OPS in Himachal) हैं. भाजपा ने निर्वाचन विभाग से इसकी शिकायत भी की है. उम्मीद जताई जा रही थी कि मंगल पांडे व अनुराग ठाकुर के ओपीएस बहाली से जुड़े बयानों के बाद भाजपा इसे लेकर कोई रोडमैप का जिक्र करेगी, लेकिन पार्टी को घोषणा पत्र इस बारे में मौन ही रहा.

हिमाचल प्रदेश में विभिन्न वर्गों के दो लाख के करीब सरकारी कर्मचारी हैं. इसके अलावा पौने दो लाख के करीब पेंशनर्स हैं. ये बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस ने इसी वोट बैंक को लुभाने के लिए चुनाव से काफी पहले ही ये वादा किया था कि राज्य में ओपीएस की बहाली की जाएगी. सरकारी कर्मचारियों के दबाव व कांग्रेस के ओपीएस बहाली को लेकर निरंतर वादों के बाद भाजपा इस मुद्दे पर बैकफुट पर दिख रही है. घोषणा पत्र में भी इसे लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है.

कांग्रेस का घोषणा पत्र.
कांग्रेस का घोषणा पत्र.

मुख्यमंत्री इस बारे में यही कहते हैं कि प्रदेश में न्यू पेंशन स्कीम को वीरभद्र सिंह सरकार के समय ही स्वीकार किया गया. लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि यदि पूर्व में ऐसा हो चुका है तो अब ओपीएस को फिर से बहाल करने में भाजपा सरकार क्यों आनाकानी कर रही है. बहरहाल, भाजपा के घोषणा पत्र में कर्मचारियों को लेकर कुछ ऐलान जरूर हैं, लेकिन ओपीएस के बारे में कोई शब्द नहीं कहा गया. सिर्फ इतना सा जिक्र मंगल पांडे की तरफ से हुआ कि समिति ओपीएस को लेकर अध्ययन के बाद रिपोर्ट देगी.

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