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BJP विधायक अनिल शर्मा ने इशारे-इशारे में बयान किया अनदेखी का दर्द, संस्थान खोलने पर सरकारों को दी नसीहत - discussion on the himachal budget

बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और जरूरत को देखते हुए संस्थान खुलने चाहिए. अनिल शर्मा ने कहा कि अगर संस्थान खोलने से सत्ता मिलती तो कोई भी सरकार चुनाव न हारती. (discussion on the himachal budget) (BJP MLA Anil Sharma)

discussion on the budget
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Published : Mar 22, 2023, 7:23 AM IST

अनिल शर्मा ने नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और जरूरत को देखते हुए संस्थान खुलने चाहिए.

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में इस समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पहले बजट पर चर्चा हो रही है. भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए संस्थान खोलने को लेकर हर सरकार को नसीहत दी. साथ ही पूर्व सरकार के समय अपनी अनदेखी भी इशारों ही इशारों में बयान की. अनिल शर्मा ने कहा कि इस समय बिना बजट संस्थानों को खोलने और फिर बिना बजट प्रावधान के संस्थानों को बंद करने की चर्चा है.

अनिल शर्मा ने नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और जरूरत को देखते हुए संस्थान खुलने चाहिए. उन्होंने उदाहरण दिया कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह कहते थे कि दो बच्चों के लिए भी प्राइमरी स्कूल खोलूंगा. अनिल शर्मा ने कहा कि ये समय-समय की बात है. उस समय ये जरूरत थी, क्योंकि सड़कों का अभाव था. अब ऐसी स्थिति नहीं है. अनिल शर्मा ने कहा कि अगर संस्थान खोलने से सत्ता मिलती तो कोई भी सरकार चुनाव न हारती. उन्होंने पूर्व में अपनी अनदेखी का दर्द बयान किया और कहा कि पिछली सरकार के समय उनके निर्वाचन क्षेत्र में कोई संस्थान नहीं खुला, लेकिन वे फिर भी चुनाव जीत गए. अनिल शर्मा ने कहा कि हिमाचल पर कर्ज एक बड़ी चिंता की बात है. कर्ज लेकर सरकार को काम चलाना पड़ता है. हालत ये है कि लिए गए कर्ज पर ब्याज की अदायगी के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है. वेतन और पेंशन पर बजट का 42 फीसदी हिस्सा खर्च हो जाता है. विकास के लिए सिर्फ 29 फीसदी बजट बचता है. ये चिंताजनक स्थिति है.

दस गारंटियां पड़ी भारी, इसलिए हारे चुनाव: अनिल शर्मा ने कहा कि भाजपा की हार का कारण कांग्रेस की चुनाव गारंटियां भी रहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह देने का वादा किया था. अनिल शर्मा ने अपना अनुभव दर्ज करते हुए कहा कि वे चुनाव प्रचार के लिए जाते थे तो महिलाएं कहती थीं कि उनसे कांग्रेस ने फार्म भरवाए हैं और उनके खाते में 1500 रुपए आएंगे. अनिल शर्मा ने कहा कि ये सत्ता प्राप्ति का तरीका हो सकता है, लेकिन ये सही नहीं है.

उन्होंने सवाल किया कि हम कब तक एक्सपेरिमेंट करते रहेंगे. पांच साल भाजपा प्रयोग करती है और फिर पांच साल कांग्रेस प्रयोग करती है. ऐसे में प्रदेश कहां जाएगा. अनिल शर्मा ने निशुल्क बिजली को लेकर भी सरकारों को कटघरे में खड़ा किया. अनिल शर्मा की तरफ से उठाए गए मुद्दों की तारीफ न केवल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया बल्कि सीएम सुखविंदर सिंह ने भी की. चर्चा में भाजपा सदस्य रणधीर शर्मा, कांग्रेस सदस्य सुंदर ठाकुर, सुधीर शर्मा, भाजपा सदस्य हंसराज, कांग्रेस सदस्य नीरज नैय्यर, रामकुमार चौधरी, भाजपा सदस्य विनोद कुमार, कांग्रेस सदस्य आशीष बुटेल, भाजपा सदस्य दिलीप ठाकुर आदि ने भी भाग लिया.

रणधीर शर्मा ने अपने संबोधन में सरकार पर खूब तीर चलाए. उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह को नायक कहा जा रहा है, लेकिन वे खलनायक हो गए हैं. जिस तरह से संस्थान बंद हो रहे हैं, कहीं सरकार सचिवालय और सीएम ऑफिस में ही ताला न लगा दें. जिस तरह शोले फिल्म में डायलाग था कि चुप हो जाओ वरना गब्बर आ जाएगा, उसी प्रकार हिमाचल में कहा जा रहा है कि बच्चे बढ़ाओ नहीं तो सुखविंदर सरकार स्कूल बंद कर देगी. कांग्रेस सदस्यों ने बजट को बेहतरीन करार दिया तो भाजपा सदस्यों ने इसे दिशाहीन बताया. बजट पर चर्चा बुधवार को भी जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल की जेलों में 2900 कैदी, तीन साल में 23 कैदियों ने हिरासत में तोड़ा दम

अनिल शर्मा ने नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और जरूरत को देखते हुए संस्थान खुलने चाहिए.

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में इस समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पहले बजट पर चर्चा हो रही है. भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए संस्थान खोलने को लेकर हर सरकार को नसीहत दी. साथ ही पूर्व सरकार के समय अपनी अनदेखी भी इशारों ही इशारों में बयान की. अनिल शर्मा ने कहा कि इस समय बिना बजट संस्थानों को खोलने और फिर बिना बजट प्रावधान के संस्थानों को बंद करने की चर्चा है.

अनिल शर्मा ने नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और जरूरत को देखते हुए संस्थान खुलने चाहिए. उन्होंने उदाहरण दिया कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह कहते थे कि दो बच्चों के लिए भी प्राइमरी स्कूल खोलूंगा. अनिल शर्मा ने कहा कि ये समय-समय की बात है. उस समय ये जरूरत थी, क्योंकि सड़कों का अभाव था. अब ऐसी स्थिति नहीं है. अनिल शर्मा ने कहा कि अगर संस्थान खोलने से सत्ता मिलती तो कोई भी सरकार चुनाव न हारती. उन्होंने पूर्व में अपनी अनदेखी का दर्द बयान किया और कहा कि पिछली सरकार के समय उनके निर्वाचन क्षेत्र में कोई संस्थान नहीं खुला, लेकिन वे फिर भी चुनाव जीत गए. अनिल शर्मा ने कहा कि हिमाचल पर कर्ज एक बड़ी चिंता की बात है. कर्ज लेकर सरकार को काम चलाना पड़ता है. हालत ये है कि लिए गए कर्ज पर ब्याज की अदायगी के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है. वेतन और पेंशन पर बजट का 42 फीसदी हिस्सा खर्च हो जाता है. विकास के लिए सिर्फ 29 फीसदी बजट बचता है. ये चिंताजनक स्थिति है.

दस गारंटियां पड़ी भारी, इसलिए हारे चुनाव: अनिल शर्मा ने कहा कि भाजपा की हार का कारण कांग्रेस की चुनाव गारंटियां भी रहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह देने का वादा किया था. अनिल शर्मा ने अपना अनुभव दर्ज करते हुए कहा कि वे चुनाव प्रचार के लिए जाते थे तो महिलाएं कहती थीं कि उनसे कांग्रेस ने फार्म भरवाए हैं और उनके खाते में 1500 रुपए आएंगे. अनिल शर्मा ने कहा कि ये सत्ता प्राप्ति का तरीका हो सकता है, लेकिन ये सही नहीं है.

उन्होंने सवाल किया कि हम कब तक एक्सपेरिमेंट करते रहेंगे. पांच साल भाजपा प्रयोग करती है और फिर पांच साल कांग्रेस प्रयोग करती है. ऐसे में प्रदेश कहां जाएगा. अनिल शर्मा ने निशुल्क बिजली को लेकर भी सरकारों को कटघरे में खड़ा किया. अनिल शर्मा की तरफ से उठाए गए मुद्दों की तारीफ न केवल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया बल्कि सीएम सुखविंदर सिंह ने भी की. चर्चा में भाजपा सदस्य रणधीर शर्मा, कांग्रेस सदस्य सुंदर ठाकुर, सुधीर शर्मा, भाजपा सदस्य हंसराज, कांग्रेस सदस्य नीरज नैय्यर, रामकुमार चौधरी, भाजपा सदस्य विनोद कुमार, कांग्रेस सदस्य आशीष बुटेल, भाजपा सदस्य दिलीप ठाकुर आदि ने भी भाग लिया.

रणधीर शर्मा ने अपने संबोधन में सरकार पर खूब तीर चलाए. उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह को नायक कहा जा रहा है, लेकिन वे खलनायक हो गए हैं. जिस तरह से संस्थान बंद हो रहे हैं, कहीं सरकार सचिवालय और सीएम ऑफिस में ही ताला न लगा दें. जिस तरह शोले फिल्म में डायलाग था कि चुप हो जाओ वरना गब्बर आ जाएगा, उसी प्रकार हिमाचल में कहा जा रहा है कि बच्चे बढ़ाओ नहीं तो सुखविंदर सरकार स्कूल बंद कर देगी. कांग्रेस सदस्यों ने बजट को बेहतरीन करार दिया तो भाजपा सदस्यों ने इसे दिशाहीन बताया. बजट पर चर्चा बुधवार को भी जारी रहेगी.

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