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बेवजह युवा कांग्रेस कर रही प्रदर्शन, कोर्ट ने सुनाई है राहुल गांधी को सजा- कर्ण नंदा - बेवजह युवा कांग्रेस कर रही प्रदर्शन

पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस भाजपा को दोषी करार दे रही है. ऐसे में भाजपा सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कांग्रेस पर बेवजह प्रदर्शन करने के आरोप जड़े हैं. उनका कहना है कि राहुल गांधी की सदस्यता सूरत कोर्ट रद्द की गई है न की भाजपा द्वारा. पढ़ें पूरी खबर...

बेवजह युवा कांग्रेस कर रही प्रदर्शन
बेवजह युवा कांग्रेस कर रही प्रदर्शन
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Published : Mar 25, 2023, 8:28 PM IST

शिमला: राहुल गांधी को सूरत कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद लोकसभा की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. वहीं, भाजपा कांग्रेस के प्रदर्शन को बेवजह करार दे रही है. भाजपा सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि युवा कांग्रेस ने शिमला में धरना प्रदर्शन किया है पर हमें समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने यह धरना प्रदर्शन क्यों किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को इसलिए समाप्त किया गया है, क्योंकि सूरत के एक कोर्ट ने मानहानि के मामले में उन को 2 साल की सजा सुनाई है.

उन्होंने कहा कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ पीपल्स एक्ट 1950 की धारा 8 (4) के तहत स्पष्ट रूप में लिखा है कि अगर किसी संसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा समय के लिए सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है. नंदा ने कहा की कहीं ना कहीं यह लगता है कि कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हो इसलिए अभी तक उन्होंने किसी भी कोर्ट में अपील या दलील नहीं की है. सभी के ध्यान में है कि जब उनके नेता पवन खेड़ा को सजा हुई थी तो कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में 15 मिनट के भीतर पहुंच गई थी, पर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ.

अगर 4 साल में एक बार राहुल गांधी अन्य पिछड़े वर्ग के ऊपर की टिप्पणी के लिए माफी मांग लेते तो ऐसी नौबत आती ही नहीं, इसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं का घमंड साफ रूप से दिखता है. कांग्रेस नेताओं को हमेशा इस प्रकार के बयान बाजी देने की आदत है, 20 सितंबर 2018 को उन्होंने कहा था कि चौकीदार चोर है और इसको लेकर उन्होंने माफी भी मांगी थी, दिल्ली में 5 अगस्त 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से कर दी गई थी.

15 अक्टूबर 2019 में राहुल गांधी ने अंबानी और अडानी के साथ पीएम को जोड़ा था, 6 अक्टूबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने विवादित बयान दिए थे, 2007 आम चुनावों में इलेक्शन कैंपेन के दौरान पीएम को मौत का सौदागर सोनिया गांधी द्वारा कहा गया था और प्रियंका गांधी ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना दुर्योधन से 7 मई 2019 को अंबाला में एक रैली में की थी, शायद यह कांग्रेस की पुरानी आदत है.

ये भी पढ़ें: भाजपा के समय खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने वाली सरकार का नेता खुद हुआ डिनोटिफाई- जयराम ठाकुर

शिमला: राहुल गांधी को सूरत कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद लोकसभा की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. वहीं, भाजपा कांग्रेस के प्रदर्शन को बेवजह करार दे रही है. भाजपा सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि युवा कांग्रेस ने शिमला में धरना प्रदर्शन किया है पर हमें समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने यह धरना प्रदर्शन क्यों किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को इसलिए समाप्त किया गया है, क्योंकि सूरत के एक कोर्ट ने मानहानि के मामले में उन को 2 साल की सजा सुनाई है.

उन्होंने कहा कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ पीपल्स एक्ट 1950 की धारा 8 (4) के तहत स्पष्ट रूप में लिखा है कि अगर किसी संसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा समय के लिए सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है. नंदा ने कहा की कहीं ना कहीं यह लगता है कि कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हो इसलिए अभी तक उन्होंने किसी भी कोर्ट में अपील या दलील नहीं की है. सभी के ध्यान में है कि जब उनके नेता पवन खेड़ा को सजा हुई थी तो कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में 15 मिनट के भीतर पहुंच गई थी, पर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ.

अगर 4 साल में एक बार राहुल गांधी अन्य पिछड़े वर्ग के ऊपर की टिप्पणी के लिए माफी मांग लेते तो ऐसी नौबत आती ही नहीं, इसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं का घमंड साफ रूप से दिखता है. कांग्रेस नेताओं को हमेशा इस प्रकार के बयान बाजी देने की आदत है, 20 सितंबर 2018 को उन्होंने कहा था कि चौकीदार चोर है और इसको लेकर उन्होंने माफी भी मांगी थी, दिल्ली में 5 अगस्त 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से कर दी गई थी.

15 अक्टूबर 2019 में राहुल गांधी ने अंबानी और अडानी के साथ पीएम को जोड़ा था, 6 अक्टूबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने विवादित बयान दिए थे, 2007 आम चुनावों में इलेक्शन कैंपेन के दौरान पीएम को मौत का सौदागर सोनिया गांधी द्वारा कहा गया था और प्रियंका गांधी ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना दुर्योधन से 7 मई 2019 को अंबाला में एक रैली में की थी, शायद यह कांग्रेस की पुरानी आदत है.

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