शिमला: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दौरान फतेहपुर विधायक भवानी सिंह पठानिया ने पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों को कड़ी सजा देने के लिए संकल्प प्रस्ताव सदन में लाया. पठानिया ने कहा कि सरकार को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए इसकी तह तक जाना जरूरी है. प्रदेश में छोटे कृषक जंगली जानवरों की वजह से खेती बाड़ी छोड़ रहे हैं. वहीं प्रदेश में बेसहारा पशुओं की संख्या विकराल हो रही है. उनके कारण भी खेती बाड़ी की नुकसान हो रहा है. इस वजह से कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि पशुओं को बेसहारा छोड़ने के लिए 1 से 3 साल की सजा का प्रावधान कर लोगों में डर पैदा किया जाना चाहिए. हर साल पंचायत स्तर गणना की चाहिए और पशुओं की गणना और उनकी मौत पर रिपोर्ट देने की जिम्मेवारी पंचायतों और पशु पालन विभाग की तय की जानी चाहिए.
पठानिया ने कहा आमतौर पर बेहसहारा पशुओं की समस्या के लिए गौशाला बनाने को समाधान के रूप में देखा जाता है, लेकिन हम कितनी भी गौशालाएं बना लें, वे कम पड़ेंगी. लोकल लोग ही अपने पशुओं को छोड़ रहे हैं. हालांकि पशुओं की टैगिंग की जा रही हैं. इसके बावजूद भी इनको खुलेआम छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि नियमानुसार पशुओं की गणना की जिम्मेवारी पंचायत की है. पंचायतें पशुओं को बेसरा छोड़ने पर 500 रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है. पशुओं की मौत पर पंचायतों को इसकी रिपोर्ट पशुपालन विभाग को रिपोर्ट देनी पड़ती है, लेकिन इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा.
वहीं, देहरा से विधायक होशियार सिंह ने चर्चा करते हुए कहा कि जो गौशाला बनी उनके नाम पर बहुत बड़ी धोखाधड़ी की गई है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा एनएच पर हजारों बेसहारा पशु मिलेंगे और रोजाना इन पशुओं के कारण सड़क हादसे हो रहे है. उन्होंने कहा पंजाब के साथ लगती सीमा पर बड़ी संख्या में पशु आ रहे हैं, जो हमारे नहीं है. ये कहां से लाए जा रहे हैं. इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने कहा सरकार को इसके लिए नीति बनाने होगी.
केवल सिंह पठानिया ने कहा कि आज भी बेसहारा पशु सड़कों और लोगों के खेतों में फसलों को उजाड़ दिया. इसको लेकर ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है. चैतन्य शर्मा ने कहा कि पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधान की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के साथ इसे जोड़ना बहुत बेहतर प्रयास है. पशु अस्पतालों के साथ क्लिनिकों में भी आधुनिक सुविधाएं आवश्यक हैं.
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