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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 2 साल, हिमाचल में योजना के 71264 लाभार्थी

ये योजना युनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बढ़ावा देने में मददगार है. आयुष्मान भारत के अन्तर्गत निशुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे केयर सर्जरीज भी शामिल हैं. महत्वकांक्षी योजना ने 23 सितम्बर, 2020 को दो वर्ष पूरे कर लिए हैं.

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Published : Sep 23, 2020, 9:12 AM IST

राजीव सैजल, स्वास्थय मंत्री
राजीव सैजल, स्वास्थय मंत्री

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजीव सैजल ने बताया कि भारत सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ 23 सितम्बर 2018 को किया था. योजना के लागू होने से पहले स्वास्थ्य योजना के तहत आम बिमारियों के लिए केवल 30,000 रुपये तक के निशुल्क इलाज का प्रावधान था. गंभीर बिमारी के उपचार के लिए यह राशि पर्याप्त नहीं थी, जिस कारण गरीब और जरूरतमंद परिवारों को गंभीर बीमारी की स्थिति में ईलाज करवाने के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था.

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ सितम्बर, 2018 को किया. इस महत्वकांक्षी योजना को हिमाचल प्रदेश में भी क्रियान्वयन किया जा रहा है. योजना में अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक के निशुल्क ईलाज की सुविधा का प्रावधान है.

वर्तमान में प्रदेश में 200 अस्पताल योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 62 निजी अस्पताल हैं. लाभार्थी पूरे भारत में अन्य राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा पंजीकृत अस्पतालों में निशुल्क चिकित्सा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

भारत में इस योजना के तहत 23000 से अधिक सरकारी व निजी अस्पताल पंजीकृत हैं. इस योजना के तहत पात्रता के आधार पर सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना, 2011 (प्रदेश के 278245 परिवार) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (प्रदेश के 483643 परिवार) के परिवारों को चयनित किया गया है.

ये योजना युनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बढ़ावा देने में मददगार है. आयुष्मान भारत के अन्तर्गत निशुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे केयर सर्जरीज भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि महत्वकांक्षी योजना ने 23 सितम्बर, 2020 को दो वर्ष पूरे कर लिए हैं.

इस मौके में भारत सरकार द्वारा आरोग्य मंथन 22 सितम्बर से 25 सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है. इस योजना के तहत भारत में 10 करोड़ परिवार पात्र हैं और प्रदेश में करीब 5 लाख परिवार पात्र हैं. दो वर्षों में भारत में लगभग 3.30 (42 प्रतिशत) करोड़ परिवारों (7.90 करोड़ लाभार्थी) और प्रदेश में लगभग 3.23 लाख (67 प्रतिशत) परिवारों (8.48 लाख लाभार्थी) ने गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं. इस योजना के तहत भारत में 1.26 करोड़ लाभार्थियों ने 15916.20 करोड़ रुपये के निशुल्क ईलाज की सुविधा का लाभ प्राप्त कर लिया है.

हिमाचल प्रदेश के 71264 लाभार्थियों ने 71.73 करोड़ रुपये के निशुल्क ईलाज की सुविधा का लाभ प्राप्त किया है. प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है.

सूचना और जनसंपर्क विभाग की सहायता से पंचायत सूमह के आधार पर राज्य में नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए. योजना से संबंधित जानकारी देने के लिए पंचायती राज संस्थानों को शामिल किया गया है और प्रत्येक पंचायत की ग्राम सभा में चर्चा की जाती है.

लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से पंजीकरण कैम्प लगाए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. आशा वर्कर्स के माध्यम से भी लोगों को इस योजना के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है.

हिमाचल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ईलाज प्राप्त करने वाली पहली लाभार्थी प्रदेश के दूर दराज क्षेत्र राजगढ़ की निवासी सुष्मा देवी बनीं, जिन्होंने 27 सितम्बर 2018 से 3 अक्तूबर 2018 तक सिविल अस्पताल राजगढ़, जिला सिरमौर में सफल उपचार करवाया.

ये योजना दिन-प्रतिदिन नए आयाम प्राप्त कर रही है और प्रदेश के 71 हजार से अधिक लाभार्थी इस योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार का लाभ प्राप्त कर चुके हैं. स्वास्थ्य मन्त्री ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड जारी करना निरन्तर प्रक्रिया है और पात्र परिवार नजदीकी लोक मित्र केन्द्रों में आधार कार्ड और राशन कार्ड ले जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं. उन्होने लाभार्थी परिवारों से आग्रह किया है कि तुरन्त गोल्डन कार्ड बनवा लें ताकि आवश्यकता पड़ने पर पांच लाख रुपये तक निशुल्क चिकित्सा का लाभ लिया जा सके.

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजीव सैजल ने बताया कि भारत सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ 23 सितम्बर 2018 को किया था. योजना के लागू होने से पहले स्वास्थ्य योजना के तहत आम बिमारियों के लिए केवल 30,000 रुपये तक के निशुल्क इलाज का प्रावधान था. गंभीर बिमारी के उपचार के लिए यह राशि पर्याप्त नहीं थी, जिस कारण गरीब और जरूरतमंद परिवारों को गंभीर बीमारी की स्थिति में ईलाज करवाने के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था.

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ सितम्बर, 2018 को किया. इस महत्वकांक्षी योजना को हिमाचल प्रदेश में भी क्रियान्वयन किया जा रहा है. योजना में अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक के निशुल्क ईलाज की सुविधा का प्रावधान है.

वर्तमान में प्रदेश में 200 अस्पताल योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 62 निजी अस्पताल हैं. लाभार्थी पूरे भारत में अन्य राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा पंजीकृत अस्पतालों में निशुल्क चिकित्सा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

भारत में इस योजना के तहत 23000 से अधिक सरकारी व निजी अस्पताल पंजीकृत हैं. इस योजना के तहत पात्रता के आधार पर सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना, 2011 (प्रदेश के 278245 परिवार) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (प्रदेश के 483643 परिवार) के परिवारों को चयनित किया गया है.

ये योजना युनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बढ़ावा देने में मददगार है. आयुष्मान भारत के अन्तर्गत निशुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे केयर सर्जरीज भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि महत्वकांक्षी योजना ने 23 सितम्बर, 2020 को दो वर्ष पूरे कर लिए हैं.

इस मौके में भारत सरकार द्वारा आरोग्य मंथन 22 सितम्बर से 25 सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है. इस योजना के तहत भारत में 10 करोड़ परिवार पात्र हैं और प्रदेश में करीब 5 लाख परिवार पात्र हैं. दो वर्षों में भारत में लगभग 3.30 (42 प्रतिशत) करोड़ परिवारों (7.90 करोड़ लाभार्थी) और प्रदेश में लगभग 3.23 लाख (67 प्रतिशत) परिवारों (8.48 लाख लाभार्थी) ने गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं. इस योजना के तहत भारत में 1.26 करोड़ लाभार्थियों ने 15916.20 करोड़ रुपये के निशुल्क ईलाज की सुविधा का लाभ प्राप्त कर लिया है.

हिमाचल प्रदेश के 71264 लाभार्थियों ने 71.73 करोड़ रुपये के निशुल्क ईलाज की सुविधा का लाभ प्राप्त किया है. प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है.

सूचना और जनसंपर्क विभाग की सहायता से पंचायत सूमह के आधार पर राज्य में नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए. योजना से संबंधित जानकारी देने के लिए पंचायती राज संस्थानों को शामिल किया गया है और प्रत्येक पंचायत की ग्राम सभा में चर्चा की जाती है.

लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से पंजीकरण कैम्प लगाए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. आशा वर्कर्स के माध्यम से भी लोगों को इस योजना के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है.

हिमाचल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ईलाज प्राप्त करने वाली पहली लाभार्थी प्रदेश के दूर दराज क्षेत्र राजगढ़ की निवासी सुष्मा देवी बनीं, जिन्होंने 27 सितम्बर 2018 से 3 अक्तूबर 2018 तक सिविल अस्पताल राजगढ़, जिला सिरमौर में सफल उपचार करवाया.

ये योजना दिन-प्रतिदिन नए आयाम प्राप्त कर रही है और प्रदेश के 71 हजार से अधिक लाभार्थी इस योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार का लाभ प्राप्त कर चुके हैं. स्वास्थ्य मन्त्री ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड जारी करना निरन्तर प्रक्रिया है और पात्र परिवार नजदीकी लोक मित्र केन्द्रों में आधार कार्ड और राशन कार्ड ले जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं. उन्होने लाभार्थी परिवारों से आग्रह किया है कि तुरन्त गोल्डन कार्ड बनवा लें ताकि आवश्यकता पड़ने पर पांच लाख रुपये तक निशुल्क चिकित्सा का लाभ लिया जा सके.

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