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रामपुर: उद्यान विभाग बागवानों को 75 रुपये की दर से वितरित कर रहा है सेब के पौधे

उद्यान विभाग रामपुर की ओर अच्छी किस्म के सेब के पौधे बिक्री के लिए मंगवाए गए हैं. जिन्हें बिक्री के लिए विभाग के विभिन्न केंद्रों में भेज दिया गया है. उद्यान विभाग ने यह सेब के पौधे पंजीकृत नर्सरी कोटखाई से मंगवाए हैं.

apple plant distribution rampur
रामपुर में बागवानों को वितरित किए जा रहे सेब के पौधे
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Published : Jan 31, 2021, 7:55 PM IST

रामपुर: उद्यान विभाग रामपुर की ओर अच्छी किस्म के सेब के पौधे बिक्री के लिए मंगवाए गए हैं. जिन्हें बिक्री के लिए विभाग के विभिन्न केंद्रों में भेज दिया गया है. उद्यान विभाग ने यह सेब के पौधे पंजीकृत नर्सरी कोटखाई से मंगवाए हैं.

स्पर डिलिशस वैरायटी के ये पौधे विभाग 75 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से बागवानों को दे रहा है जबकि अगर बागवानों को यह पौधे अन्य जगहों से पौधे लेने हों, तो उन्हें इसके 150 से 200 रुपये प्रति पौधा देना पड़ता है.

बागवान दिखा रहे दिलचस्पी

क्षेत्र में सूखे जैसे हालात होने के कारण बागवान इन पौधों को खरीदने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. उद्यान विभाग हर साल बागवानों को अच्छी किस्म की सेब की नर्सरी उपलब्ध करवाता है, ताकि बागवान गैर-पंजीकृत नर्सरी से घटिया किस्म के ओर महंगे पौधे खरीदने से बचें.

वीडियो.

इलाके में सूखे जैसे हालात

लम्बे समय से पर्याप्त बर्फ न होने के कारण सूखे जैसे हालात एक बार फिर से शुरु हो गए हैं. इससे बागवानों और किसानों के चेहरों पर चिंता झलक रही है. बागवानों का कहना है कि वह अपने खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं. बर्फ न होने के कारण सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं. बर्फबारी और बारिश न होने से फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है.

आर्थिकी का मुख्य स्त्रोत है सेब

सेब इस क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी का मुख्य स्त्रोत है. बागवानों का कहना है कि वह अपने बगीचों में सर्दी के दौरान वाले कार्य नहीं कर पा रहें हैं. फल एवं सब्जी उत्पादक मंडल के उपाध्यक्ष केडी कश्मीरी सरकार से क्षेत्र में सूखे से त्रस्त बागवान और किसान की सहायता की गुहार लगाई है.

ये भी पढे़ें: कुल्लू के किसान-बागवानों की मांग, बजट में हिमाचल के लिए हो विशेष प्रावधान

रामपुर: उद्यान विभाग रामपुर की ओर अच्छी किस्म के सेब के पौधे बिक्री के लिए मंगवाए गए हैं. जिन्हें बिक्री के लिए विभाग के विभिन्न केंद्रों में भेज दिया गया है. उद्यान विभाग ने यह सेब के पौधे पंजीकृत नर्सरी कोटखाई से मंगवाए हैं.

स्पर डिलिशस वैरायटी के ये पौधे विभाग 75 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से बागवानों को दे रहा है जबकि अगर बागवानों को यह पौधे अन्य जगहों से पौधे लेने हों, तो उन्हें इसके 150 से 200 रुपये प्रति पौधा देना पड़ता है.

बागवान दिखा रहे दिलचस्पी

क्षेत्र में सूखे जैसे हालात होने के कारण बागवान इन पौधों को खरीदने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. उद्यान विभाग हर साल बागवानों को अच्छी किस्म की सेब की नर्सरी उपलब्ध करवाता है, ताकि बागवान गैर-पंजीकृत नर्सरी से घटिया किस्म के ओर महंगे पौधे खरीदने से बचें.

वीडियो.

इलाके में सूखे जैसे हालात

लम्बे समय से पर्याप्त बर्फ न होने के कारण सूखे जैसे हालात एक बार फिर से शुरु हो गए हैं. इससे बागवानों और किसानों के चेहरों पर चिंता झलक रही है. बागवानों का कहना है कि वह अपने खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं. बर्फ न होने के कारण सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं. बर्फबारी और बारिश न होने से फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है.

आर्थिकी का मुख्य स्त्रोत है सेब

सेब इस क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी का मुख्य स्त्रोत है. बागवानों का कहना है कि वह अपने बगीचों में सर्दी के दौरान वाले कार्य नहीं कर पा रहें हैं. फल एवं सब्जी उत्पादक मंडल के उपाध्यक्ष केडी कश्मीरी सरकार से क्षेत्र में सूखे से त्रस्त बागवान और किसान की सहायता की गुहार लगाई है.

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