ETV Bharat / state

ऊपरी शिमला में बर्फबारी से सेब की फसल को करोड़ों का नुकसान, किसान-बागवान परेशान

author img

By

Published : Apr 24, 2021, 1:36 PM IST

रोहड़ू में बर्फबारी से किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां बेमौसमी बर्फबारी के कारण हेल नेट लगे सेब बगीचों में भी भारी नुकसान हुआ है. जहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फ्लावरिंग का अंतिम दौर चल रहा था. वहीं, 80 प्रतिशत फसल तैयार हो चुकी थी, लेकिन बेमौसमी बर्फबारी के कारण हेल नेट वाले बगीचों में बर्फ गिरने के कारण सेब के पेड़ टूट रहे हैं.

snowfall in rohdu
snowfall in rohdu

रोहड़ू/शिमला: ऊपरी शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेमौसमी बर्फबारी के कारण हेल नेट लगे सेब बगीचों में भारी नुकसान हुआ है. जहां ऊंचाई वाले क्षेत्र फ्लावरिंग का अंतिम दौर चल रहा था. वहीं, 80 प्रतिशत फसल तैयार हो चुकी थी, लेकिन बेमौसमी बर्फबारी के कारण हेल नेट लगे बगीचों में बर्फ गिरने से हेल नेट पर बर्फ इकट्ठा हो गई जिसके बोझ से सेब के पेड़ टूट रहे हैं. वहीं, सेब की फसल को बुरी तरह से नुकसान हुआ जिससे बागवानों की कमर टूट गई है.

वीडियो.

बर्फबारी से सेब की फसल खराब

जिन क्षेत्रों में ये नुकसान हुआ है, उन क्षेत्रों में 65 प्रतिशत सेब पैदा होता है. वहीं, बागवानी विभाग का आकंलन आना अभी आना बाकी है. देखा जाए तो ये नुकसान करोड़ों का है. बागवानों ने जहां ओलावृष्टि से बचने के लिए हेल नेट लगा रखी थी वहीं, हेल नेट ही बागवानी में भारी नुकसान का सबब बन गई. ज्यादा नुकसान रोहड़ू के सुंगरी खदराला दिक्कर खड़ापथ्थर जुब्बल क्षेत्र के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुआ है. इसके अलावा टिक्कर क्षेत्र रोहड़ू अढाल बागी, चिड़गाव क्षेत्र के लढ़ोट चिलाला खरशाली भफर समेत तकरीबन सभी ऊंचाई वाले क्षेत्र हैं.

नुकसान के आकंलन में जुटा बागवानी विभाग

ऊपरी शिमला के करीब 80 प्रतिशत बगीचों मे हेल नेट लगी हुई है और इन बगीचों में भारी नुकसान हुआ है. ओलों से बचाने वाली हेल नेट ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की वजह से नुकसान का कारण बनी है. इस नुकसान की वजह से बागवान परेशान हैं. कुदरत के इस कहर ने सेब के बगीचों के साथ असंख्य बागवानों की उम्मीदें और सपने भी तोड़ दिए हैं.

हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी
हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी

काफी हद तक मौसम में बदलाव के इस चक्र या असंतुलन जिम्मेदार है. खैर बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. विशेषकर उनको जिन्होंने हेल नेट लगवा रखी थी. अब देखना यह है कि सरकार और सरकार की बीमा योजना इस विकट परिस्थिति में बागवानों के जख्मों पर राहत का मरहम लगाने के लिए कितनी संजीदगी दिखाती है. वहीं, बागवानी विभाग आकलन में जुट गया है.

हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी
हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी

सेब की फसल को करोड़ों के नुकसान

वहीं, रोहड़ू ब्लॉक के उद्यान अधिकारी डॉ. कुशाल मेहता ने कहा कि बागवानी के लिए शुक्रवार का दिन हमेशा काले दिवस के रूप में जाना जाएगा. सेब बागवानों को इस बर्फबारी के कारण भारी नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़ें- बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोग एक सप्ताह तक रहें होम आइसोलेटः CM जयराम

रोहड़ू/शिमला: ऊपरी शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेमौसमी बर्फबारी के कारण हेल नेट लगे सेब बगीचों में भारी नुकसान हुआ है. जहां ऊंचाई वाले क्षेत्र फ्लावरिंग का अंतिम दौर चल रहा था. वहीं, 80 प्रतिशत फसल तैयार हो चुकी थी, लेकिन बेमौसमी बर्फबारी के कारण हेल नेट लगे बगीचों में बर्फ गिरने से हेल नेट पर बर्फ इकट्ठा हो गई जिसके बोझ से सेब के पेड़ टूट रहे हैं. वहीं, सेब की फसल को बुरी तरह से नुकसान हुआ जिससे बागवानों की कमर टूट गई है.

वीडियो.

बर्फबारी से सेब की फसल खराब

जिन क्षेत्रों में ये नुकसान हुआ है, उन क्षेत्रों में 65 प्रतिशत सेब पैदा होता है. वहीं, बागवानी विभाग का आकंलन आना अभी आना बाकी है. देखा जाए तो ये नुकसान करोड़ों का है. बागवानों ने जहां ओलावृष्टि से बचने के लिए हेल नेट लगा रखी थी वहीं, हेल नेट ही बागवानी में भारी नुकसान का सबब बन गई. ज्यादा नुकसान रोहड़ू के सुंगरी खदराला दिक्कर खड़ापथ्थर जुब्बल क्षेत्र के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुआ है. इसके अलावा टिक्कर क्षेत्र रोहड़ू अढाल बागी, चिड़गाव क्षेत्र के लढ़ोट चिलाला खरशाली भफर समेत तकरीबन सभी ऊंचाई वाले क्षेत्र हैं.

नुकसान के आकंलन में जुटा बागवानी विभाग

ऊपरी शिमला के करीब 80 प्रतिशत बगीचों मे हेल नेट लगी हुई है और इन बगीचों में भारी नुकसान हुआ है. ओलों से बचाने वाली हेल नेट ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की वजह से नुकसान का कारण बनी है. इस नुकसान की वजह से बागवान परेशान हैं. कुदरत के इस कहर ने सेब के बगीचों के साथ असंख्य बागवानों की उम्मीदें और सपने भी तोड़ दिए हैं.

हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी
हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी

काफी हद तक मौसम में बदलाव के इस चक्र या असंतुलन जिम्मेदार है. खैर बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. विशेषकर उनको जिन्होंने हेल नेट लगवा रखी थी. अब देखना यह है कि सरकार और सरकार की बीमा योजना इस विकट परिस्थिति में बागवानों के जख्मों पर राहत का मरहम लगाने के लिए कितनी संजीदगी दिखाती है. वहीं, बागवानी विभाग आकलन में जुट गया है.

हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी
हेल नेट बगीचे पर बर्फबारी

सेब की फसल को करोड़ों के नुकसान

वहीं, रोहड़ू ब्लॉक के उद्यान अधिकारी डॉ. कुशाल मेहता ने कहा कि बागवानी के लिए शुक्रवार का दिन हमेशा काले दिवस के रूप में जाना जाएगा. सेब बागवानों को इस बर्फबारी के कारण भारी नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़ें- बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोग एक सप्ताह तक रहें होम आइसोलेटः CM जयराम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.