शिमला: घर-घर से जुड़े महकमे जल शक्ति में नारी शक्ति ने कमाल कर दिखाया है. हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की चीफ इंजीनियर के तौर पर अंजू शर्मा ने कार्यभार संभाला है. अंजू शर्मा हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं. जल शक्ति विभाग को पहले आईपीएच यानी इरीगेशन कम पब्लिक हेल्थ हुआ करता था.
अंजू शर्मा इसी आईपीएच महकमे में प्रदेश की पहली एसडीओ भर्ती हुई थीं. प्रमोशन पाकर वे बाद में एसई बनीं और अब उनका ओहदा विभाग की पहली महिला चीफ इंजीनियर के तौर पर हुआ है.
अंजू शर्मा आईपीएच में आने से पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (अब एनआईटी) हमीरपुर में प्रवक्ता के पद पर थीं. फिर उन्होंने 1993 में आईपीएच डिपार्टमेंट में जॉइन किया. वे विभाग की पहली एसडीओ थीं. अब वे चीफ इंजीनियर बनीं हैं.
आने वाले समय में उनका विभाग की सबसे बड़ी पोस्ट ईएनसी यानी इंजीनियर इन चीफ तक का सफर तय होगा. अंजू शर्मा हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की रहने वाली हैं. ऊना के एक छोटे से गांव शीतला में जन्मी अंजू शर्मा ने अपनी प्रतिभा के बल पर नारी शक्ति की गरिमा बढ़ाई है. अंजू ने फील्ड में भी सेवाएं दी हैं. फील्ड में महिला इंजीनियर्स न के बराबर हैं.
अंजू शर्मा ने जब ये सुनहरा सफर शुरू किया था तो विभाग में महिला इंजीनियर्स नहीं थीं. अब विभाग में कंचन शर्मा, हिना सब्बरवाल, नीरजा गुप्ता, सत्या आदि कई महिला इंजीनियर्स हैं. अंजू शर्मा के अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग में फील्ड इंजीनियर से अपना सफर शुरू करने वाली अर्चना ठाकुर हैं.
अर्चना ठाकुर भी चीफ इंजीनियर के पद पर हैं. वन विभाग की मुखिया भी महिला अफसर हैं. वन विभाग में ही अर्चना का नाम भी प्रभावशाली अफसरों में शुमार है. अंजू शर्मा का कहना है कि समय के इस दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में प्रथम पंक्ति में खड़ी दिख जाएंगी. बेटियों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है.
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