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बड़ी खबर: गुड़िया रेप व हत्या मामले में अनिल उर्फ नीलू दोषी करार, 11 मई को सजा पर होगी सुनवाई

gudiya rape and murder case
गुड़िया रेप व हत्या मामले में नीलू दोषी करार
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Published : Apr 28, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Apr 28, 2021, 11:04 PM IST

15:13 April 28

गुड़िया रेप व हत्या मामले में कोर्ट ने अनिल कुमार दोषी करार दिया है.

वीडियो.

शिमला: गुड़िया रेप और मर्डर केस में कोर्ट ने अनिल उर्फ नीलू को दोषी करार दिया है. धारा 376(2)(I), 376(A), 302 IPC और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 कोर्ट पर कोर्ट ने अनिल को दोषी करार दिया है. 14 पॉइंट्स में से 12 अनिल कुमार के खिलाफ पाए गए. अब 11 मई को सजा पर होगी सुनवाई.

11 मई को होगी सजा पर बहस

अब 11 मई को सजा पर बहस होगी. सीबीआई के वकील की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण वो कोर्ट में नहीं आ पाए. ऐसे में उनके नेगेटिव आने के बाद 11 मई को मामले की सुनवाई होगी.

डीएनए से मिलान को कोर्ट ने महत्‍वपूर्ण सबूत माना

चार साल पहले के इस मामले में नीलू को दोषी ठहरा देने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी को सजा 11 मई को सुनाई जाएगी. सीबीआई की ओर से अदालत में घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के सैम्पल की नीलू के डीएनए से मिलान को कोर्ट ने महत्‍वपूर्ण सबूत माना. सीबीआई ने 14 बिंदुओं पर जांच कर अदालत में दायर आरोप पत्र में 14 सबूत पेश किए थे. इनमें 12 को नीलू के खिलाफ साबित हो जाने पर अदालत ने नीलू को दोषी करार दे दिया गया. सीबीआई ने जांच के दौरान सैकड़ों लोगों के खून के नमूने लिए थे और उनका मिलान मौके पर मिले नमूनों से किया था लेकिन सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लग रहा था. 

इस बीच सीबीआई को नीलू के बारे में जानकारी मिली तो सीबीआई ने उस पर अपनी जांच केंद्रित की. मौके पर मिले नमूनों का मिलान नीलू के परिवार वालों से किया गया. इन नमूनों का मिलान होने के बाद सीबीआई नीलू के पीछे पड़ गई. वारदात को अंजाम देने के बाद नीलू फरार हो गया था. अप्रैल 2018 में फोन कॉल डिटेल के आधार सीबीआई ने उसे हाटकोटी में एक बागवान के बगीचे से दबोच लिया. इसके बाद सीबीआई ने उसका डीएनए टेस्‍ट भी लिया और उसका मिलान हो गया. सीबीआई ने इस मामले को सुलझाने का दावा कर दिया. इसके अलावा दांतों के निशानों का भी मिलान हुआ था. गुड़िया के शरीर पर दो जगह दांतों के निशान मिले थे.

16 अप्रैल 2021 को भी हुई थी सुनवाई

इससे पहले शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021 को भी इस मामले की सुनवाई जज राजीव भारद्वाज की कोर्ट में हुई. एक घंटे तक न्यायाधीश ने सारी दलीलें सुनीं. 16 अप्रैल को विशेष अदालत ने जिन बिंदुओं पर दोनों पक्षों की तरफ से स्पष्टीकरण दिया. उनमें जज ने सीबीआई के वकील से कन्फर्म किया कि घटना स्थल से जो सैंपल लिए गए हैं जैसे कि ग्लास, बोतल, कपड़ों से, पीड़ित के शरीर पर बने दांतों के निशानों से आदि वो सभी एक ही व्यक्ति के पाए गए. इस पर सीबीआई के वकील ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी निशान एक ही व्यक्ति के हैं.

क्या था पूरा मामला

वर्ष 2017 में जुलाई महीने में 4 तारीख को गुड़िया स्कूल से घर के लिए रवाना हुई थी. रास्ते में नीलू ने उसे दबोच लिया और दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी. उस समय नीलू नशे में था. गुड़िया का शव 6 जुलाई को मिला था. उसके बाद प्रदेश भर में जनता भड़क गई थी. आदतन अपराधी नीलू ने इससे पहले सिरमौर में भी एक महिला से छेड़खानी की थी और दराट के हमले में उसे बुरी तरह से घायल कर दिया था.

ये भी पढ़ें: कोटखाई में आग से 6 घर जलकर राख, जिंदा जली महिला...8 घंटे बाद भी नहीं बुझी आग

15:13 April 28

गुड़िया रेप व हत्या मामले में कोर्ट ने अनिल कुमार दोषी करार दिया है.

वीडियो.

शिमला: गुड़िया रेप और मर्डर केस में कोर्ट ने अनिल उर्फ नीलू को दोषी करार दिया है. धारा 376(2)(I), 376(A), 302 IPC और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 कोर्ट पर कोर्ट ने अनिल को दोषी करार दिया है. 14 पॉइंट्स में से 12 अनिल कुमार के खिलाफ पाए गए. अब 11 मई को सजा पर होगी सुनवाई.

11 मई को होगी सजा पर बहस

अब 11 मई को सजा पर बहस होगी. सीबीआई के वकील की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण वो कोर्ट में नहीं आ पाए. ऐसे में उनके नेगेटिव आने के बाद 11 मई को मामले की सुनवाई होगी.

डीएनए से मिलान को कोर्ट ने महत्‍वपूर्ण सबूत माना

चार साल पहले के इस मामले में नीलू को दोषी ठहरा देने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी को सजा 11 मई को सुनाई जाएगी. सीबीआई की ओर से अदालत में घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के सैम्पल की नीलू के डीएनए से मिलान को कोर्ट ने महत्‍वपूर्ण सबूत माना. सीबीआई ने 14 बिंदुओं पर जांच कर अदालत में दायर आरोप पत्र में 14 सबूत पेश किए थे. इनमें 12 को नीलू के खिलाफ साबित हो जाने पर अदालत ने नीलू को दोषी करार दे दिया गया. सीबीआई ने जांच के दौरान सैकड़ों लोगों के खून के नमूने लिए थे और उनका मिलान मौके पर मिले नमूनों से किया था लेकिन सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लग रहा था. 

इस बीच सीबीआई को नीलू के बारे में जानकारी मिली तो सीबीआई ने उस पर अपनी जांच केंद्रित की. मौके पर मिले नमूनों का मिलान नीलू के परिवार वालों से किया गया. इन नमूनों का मिलान होने के बाद सीबीआई नीलू के पीछे पड़ गई. वारदात को अंजाम देने के बाद नीलू फरार हो गया था. अप्रैल 2018 में फोन कॉल डिटेल के आधार सीबीआई ने उसे हाटकोटी में एक बागवान के बगीचे से दबोच लिया. इसके बाद सीबीआई ने उसका डीएनए टेस्‍ट भी लिया और उसका मिलान हो गया. सीबीआई ने इस मामले को सुलझाने का दावा कर दिया. इसके अलावा दांतों के निशानों का भी मिलान हुआ था. गुड़िया के शरीर पर दो जगह दांतों के निशान मिले थे.

16 अप्रैल 2021 को भी हुई थी सुनवाई

इससे पहले शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021 को भी इस मामले की सुनवाई जज राजीव भारद्वाज की कोर्ट में हुई. एक घंटे तक न्यायाधीश ने सारी दलीलें सुनीं. 16 अप्रैल को विशेष अदालत ने जिन बिंदुओं पर दोनों पक्षों की तरफ से स्पष्टीकरण दिया. उनमें जज ने सीबीआई के वकील से कन्फर्म किया कि घटना स्थल से जो सैंपल लिए गए हैं जैसे कि ग्लास, बोतल, कपड़ों से, पीड़ित के शरीर पर बने दांतों के निशानों से आदि वो सभी एक ही व्यक्ति के पाए गए. इस पर सीबीआई के वकील ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी निशान एक ही व्यक्ति के हैं.

क्या था पूरा मामला

वर्ष 2017 में जुलाई महीने में 4 तारीख को गुड़िया स्कूल से घर के लिए रवाना हुई थी. रास्ते में नीलू ने उसे दबोच लिया और दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी. उस समय नीलू नशे में था. गुड़िया का शव 6 जुलाई को मिला था. उसके बाद प्रदेश भर में जनता भड़क गई थी. आदतन अपराधी नीलू ने इससे पहले सिरमौर में भी एक महिला से छेड़खानी की थी और दराट के हमले में उसे बुरी तरह से घायल कर दिया था.

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Last Updated : Apr 28, 2021, 11:04 PM IST
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