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HP Election 2022: महिला मतदाताओं की बंपर वोटिंग: बीजेपी-कांग्रेस ने निकाले अपने-अपने मायने

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में महिला मतदाताओं ने रिकार्ड तोड़ मतदान किया है. अमूमन बंपर वोटिंग को सत्ता विरोधी रूझान माना जाता है लेकिन भाजपा इसे अपने हक में मान रही है. वहीं कांग्रेस भी जीत को लेकर आश्वस्त है. (bumper voting of women voters in himachal )

bumper voting of women voters in himachal pradesh
bumper voting of women voters in himachal pradesh
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Published : Nov 28, 2022, 8:00 PM IST

शिमला: इस बार भी पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता अधिक संख्या में पोलिंग बूथ तक पहुंची हैं. रिकॉर्ड मतदान में महिलाओं के शानदार योगदान को भाजपा व कांग्रेस दोनों अपने पक्ष में मान रहे हैं. इस बार पुरुषों के मुकाबले चार फीसदी से अधिक महिलाएं मतदान करने के लिए घरों से निकलीं. (himachal pradesh elections result 2022) (himachal assembly election 2022 )

महिलाओं ने बढ़चढ़ के किया मतदान: भाजपा महिलाओं के अधिक मतदान को अपने पक्ष में मान रही है क्योंकि चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान महिलाएं भाजपा की योजनाओं के केंद्र रही हैं. कई सरकारी योजनाएं महिलाओं के लिए बनाई गई और अबकी बार महिलाओं के लिए भाजपा ने अलग से संकल्प पत्र भी लाया था.

सरकार चुनने में आधी आबादी की भूमिका अहम: हिमाचल में बेशक चुनावी राजनीति में महिलाओं को राजनीतिक दल उल्लेखनीय संख्या में टिकट नहीं दे रहे, लेकिन महिलाएं सरकार चुनने में वोटिंग के तौर पर योगदान देने में सबसे आगे हैं. इस बार भी हिमाचल विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने बंपर वोटिंग की है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अबकी बार 75.60 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है.

4.04 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने डाला वोट: बड़ी बात यह रही कि इस चुनाव में महिलाएं अधिक संख्या में घर से बाहर मत डालने निकलीं जो कि मत प्रतिशत में भी नजर आया. प्रदेश के विधानसभा चुनाव मे इस बार पुरुषों के मुकाबले 4.04 फीसदी ज्यादा महिलाएं वोट डालने गईं. प्रदेश में महिला मतदाताओं का मत प्रशिशत 76.8 प्रतिशत, पुरुषों का 72.4 प्रतिशत और थर्ड जेंडर का मत प्रतिशत 68.4 प्रतिशत रहा है. आंकड़ों के मुताबिक इस बार चुनाव में 2788925 पुरुष वोटरों में से 2019181 में वोट डाला. वहीं 2736306 महिला मतदाताओं में से 2101483 ने अपने वोट का इस्तेमाल किया. आंकड़ों में देखें तो महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 82302 ज्यादा वोट डाले.

अपने पक्ष में मान रही बीजेपी ज्यादा वोटिंग: हालांकि बीते कई चुनावों में महिलाओं की मत प्रतिशतता पुरुषों के मुकाबले बढ़ी है और सता भी इसके साथ ही हिमाचल में बदली है लेकिन अबकी बार भाजपा महिलाओं के इस बढ़े हुए प्रतिशत को अपने पक्ष में मान रही है. भाजपा के पास इसके तर्क भी हैं. महिलाओं के लिए केंद्र की मोदी और जयराम सरकार ने कई योजनाएं चलाईं, जिसके आधार पर पार्टी मान रही है कि अधिक वोटिंग उनके पक्ष में हुई है. मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन, बसों में पचास फीसदी किराया माफ करने जैसे घोषणाएं महिलाओं को ध्यान में रखकर ही भाजपा ने बनाई हैं, जो कि महिलाओं को सीधे प्रभावित कर रही हैं. ऐसे में पार्टी यह मान रही है कि लाभार्थियों के ज्यादा संख्या में आगे आने से ही वोट प्रतिशत बढ़ा है.

भाजपा का अलग से महिलाओं के लिए संकल्प पत्र: हिमाचल विधानसभा चुनाव में अबकी बार भाजपा ने महिलाओं के लिए अलग से संकल्प पत्र लाया है. इसमें महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देना एक बड़ी घोषणा है. इसके साथ ही स्कूलों में जाने वाली छठी से बाहरवीं की छात्राओं को साइकिल और आगे की पढ़ने वाली लड़कियों के लिए स्कूटी देने का वादा भी किया गया है. इसके अलावा महिलाओं को ध्यान में रखकर अन्य भी घोषणाएं भाजपा ने की हैं. मेधावी छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप देना जैसी बड़ी बातें इसमें कही गई है. इन घोषणाओं का असर महिला मतदान प्रतिशत के रूप में देखने को मिल सकता है.

2017 में भी 6 फीसदी अधिक महिलाओं ने किया था मतदान: 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भी महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले छह फीसदी अधिक रहा. 13वीं विधानसभा के लिए हुए मतदान में कुल 50 लाख से अधिक मतदाताओं में से 3721665 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसमें 1811061 पुरुष मतदाता और 1910582 महिला मतदाता शामिल थीं. खास बात यह रही कि मतदान करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 77.76 रहा था जो कि पुरुषों के 71.55 से छह फीसदी अधिक था.

इससे पहले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 46 लाख से कुछ अधिक मतदाताओं में से 338700 ने मताधिकार का प्रयोग किया था. इनमें 172953 महिला मतदाता और 1646899 पुरुष मतदाता शामिल रहे. 2007 के चुनाव में भी 3297252 मतदाताओं ने वोट किया था. इनमें भी महिलाओं की संख्या 1678000 हजार से अधिक और पुरुष मतदाताओं की संख्या 159700 हजार से कुछ अधिक थी. हालांकि भाजपा ने महिलाओं के लिए अलग से संकल्प पत्र लाया है, लेकिन कांग्रेस ने भी महिलाओं को हर माह 1500 रुपए देने की गारंटी दे रखी है. ऐसे में अब 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे से पता चल पाएगा कि महिलाओं की बंपर वोटिंग बीजेपी के पक्ष में हुई है या इसका फायदा कांग्रेस को हुआ है.

पढ़ें- Nagrota Assembly Seat: आरएस बाली या अरुण कुमार कूका, कौन फहराएगा जीत का पताका?

शिमला: इस बार भी पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता अधिक संख्या में पोलिंग बूथ तक पहुंची हैं. रिकॉर्ड मतदान में महिलाओं के शानदार योगदान को भाजपा व कांग्रेस दोनों अपने पक्ष में मान रहे हैं. इस बार पुरुषों के मुकाबले चार फीसदी से अधिक महिलाएं मतदान करने के लिए घरों से निकलीं. (himachal pradesh elections result 2022) (himachal assembly election 2022 )

महिलाओं ने बढ़चढ़ के किया मतदान: भाजपा महिलाओं के अधिक मतदान को अपने पक्ष में मान रही है क्योंकि चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान महिलाएं भाजपा की योजनाओं के केंद्र रही हैं. कई सरकारी योजनाएं महिलाओं के लिए बनाई गई और अबकी बार महिलाओं के लिए भाजपा ने अलग से संकल्प पत्र भी लाया था.

सरकार चुनने में आधी आबादी की भूमिका अहम: हिमाचल में बेशक चुनावी राजनीति में महिलाओं को राजनीतिक दल उल्लेखनीय संख्या में टिकट नहीं दे रहे, लेकिन महिलाएं सरकार चुनने में वोटिंग के तौर पर योगदान देने में सबसे आगे हैं. इस बार भी हिमाचल विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने बंपर वोटिंग की है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अबकी बार 75.60 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है.

4.04 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने डाला वोट: बड़ी बात यह रही कि इस चुनाव में महिलाएं अधिक संख्या में घर से बाहर मत डालने निकलीं जो कि मत प्रतिशत में भी नजर आया. प्रदेश के विधानसभा चुनाव मे इस बार पुरुषों के मुकाबले 4.04 फीसदी ज्यादा महिलाएं वोट डालने गईं. प्रदेश में महिला मतदाताओं का मत प्रशिशत 76.8 प्रतिशत, पुरुषों का 72.4 प्रतिशत और थर्ड जेंडर का मत प्रतिशत 68.4 प्रतिशत रहा है. आंकड़ों के मुताबिक इस बार चुनाव में 2788925 पुरुष वोटरों में से 2019181 में वोट डाला. वहीं 2736306 महिला मतदाताओं में से 2101483 ने अपने वोट का इस्तेमाल किया. आंकड़ों में देखें तो महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 82302 ज्यादा वोट डाले.

अपने पक्ष में मान रही बीजेपी ज्यादा वोटिंग: हालांकि बीते कई चुनावों में महिलाओं की मत प्रतिशतता पुरुषों के मुकाबले बढ़ी है और सता भी इसके साथ ही हिमाचल में बदली है लेकिन अबकी बार भाजपा महिलाओं के इस बढ़े हुए प्रतिशत को अपने पक्ष में मान रही है. भाजपा के पास इसके तर्क भी हैं. महिलाओं के लिए केंद्र की मोदी और जयराम सरकार ने कई योजनाएं चलाईं, जिसके आधार पर पार्टी मान रही है कि अधिक वोटिंग उनके पक्ष में हुई है. मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन, बसों में पचास फीसदी किराया माफ करने जैसे घोषणाएं महिलाओं को ध्यान में रखकर ही भाजपा ने बनाई हैं, जो कि महिलाओं को सीधे प्रभावित कर रही हैं. ऐसे में पार्टी यह मान रही है कि लाभार्थियों के ज्यादा संख्या में आगे आने से ही वोट प्रतिशत बढ़ा है.

भाजपा का अलग से महिलाओं के लिए संकल्प पत्र: हिमाचल विधानसभा चुनाव में अबकी बार भाजपा ने महिलाओं के लिए अलग से संकल्प पत्र लाया है. इसमें महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देना एक बड़ी घोषणा है. इसके साथ ही स्कूलों में जाने वाली छठी से बाहरवीं की छात्राओं को साइकिल और आगे की पढ़ने वाली लड़कियों के लिए स्कूटी देने का वादा भी किया गया है. इसके अलावा महिलाओं को ध्यान में रखकर अन्य भी घोषणाएं भाजपा ने की हैं. मेधावी छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप देना जैसी बड़ी बातें इसमें कही गई है. इन घोषणाओं का असर महिला मतदान प्रतिशत के रूप में देखने को मिल सकता है.

2017 में भी 6 फीसदी अधिक महिलाओं ने किया था मतदान: 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भी महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले छह फीसदी अधिक रहा. 13वीं विधानसभा के लिए हुए मतदान में कुल 50 लाख से अधिक मतदाताओं में से 3721665 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसमें 1811061 पुरुष मतदाता और 1910582 महिला मतदाता शामिल थीं. खास बात यह रही कि मतदान करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 77.76 रहा था जो कि पुरुषों के 71.55 से छह फीसदी अधिक था.

इससे पहले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 46 लाख से कुछ अधिक मतदाताओं में से 338700 ने मताधिकार का प्रयोग किया था. इनमें 172953 महिला मतदाता और 1646899 पुरुष मतदाता शामिल रहे. 2007 के चुनाव में भी 3297252 मतदाताओं ने वोट किया था. इनमें भी महिलाओं की संख्या 1678000 हजार से अधिक और पुरुष मतदाताओं की संख्या 159700 हजार से कुछ अधिक थी. हालांकि भाजपा ने महिलाओं के लिए अलग से संकल्प पत्र लाया है, लेकिन कांग्रेस ने भी महिलाओं को हर माह 1500 रुपए देने की गारंटी दे रखी है. ऐसे में अब 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे से पता चल पाएगा कि महिलाओं की बंपर वोटिंग बीजेपी के पक्ष में हुई है या इसका फायदा कांग्रेस को हुआ है.

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