शिमला: जयराम सरकार का हर मंत्री मंच से बार बार एक ही लकीर पीटते हैं. करप्शन पर नो टॉलरेंस. सरकार में अगर जयराम के बाद किसी की तूती बोलती है. तो वो महेंद्र सिंह ठाकुर हैं. गुरुवार को ही उन्होंने एक ताजा बयान पुरानी लाइनों के साथ दिया है की भ्रष्टाचार नहीं सहेंगे. भ्रष्टाचारियों को छोड़ा नहीं जाएगा
भ्रष्टाचार पर अधिकारियों-कर्मचारियों को रडार पर लेते हुए जयराम सरकार के एक मंत्री खुद ही करप्शन के आरोपों से घिर गए हैं. धीरे-धीरे सियासी हल्कों में मंत्री जी के खिलाफ सिसायी माहौल बन रहा है और कांग्रेस इसे हवा देने में लग गई है. मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही कांग्रेस के हाथ में तुरूप का इक्का आ गया है. ढाई साल में जयराम सरकार के दामन पर कोई दाग भले ही ना लगे हों पर अब उसपर छींटे उड़ने लगे हैं.
कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बिंदल को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. मामले अभी धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में जा ही रहा था, लेकिन अब एक नया जिन्न बोतल से निकलकर बाहर आया है. धीरे-धीरे सियासी गलियारों में अब मंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की खबर उड़ रही है, विपक्ष सार्वजनिक मंचों से निशाना साध रहा हो, लेकिन बड़े ठाकुर(सीएम जयराम) कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले से जुम्मा-जुम्मा चार दिन पहले ही जयराम सरकार का पीछा छूटा है, लेकिन अब जयराम के एक कैबिनेट मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. दरासल कांगड़ा से चिट्ठी के जरिए एक व्यक्ति ने सरकार को संदेशा भेजा है कि आपके एक मंत्री ने गलत तरीके से जमीन की खरीद की है और मंत्री के खिलाफ विजिलेंस की जांच की जाए. आरोप लगने के बाद क्या मंत्री जी भी बिंदल की तरह इस्तीफा देंगे या कुर्सी पर जमे रहेंगे ये तस्वीर आने वाले समय में साफ हो जाएगी.