बिलासपुर: कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस बीमारी ने भी अपने पांव पसारना शुरू कर दिए हैं. ऐसे में इस बीमारी के इलाज और उपचार जैसे विषयों पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स कोठीपुरा के विशेषज्ञों ने बिलासपुर अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से विशेष चर्चा की है.
एम्स बिलासपुर के चिकित्सकों ने आश्वासन दिया कि वह इस बीमारी का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इस दौरान दोनों संस्थान के विशेषज्ञों ने इस बीमारी के इलाज के लिए तैयार की गई रणनीति पर भी चर्चा की. इसे जल्द ही आंतिम रूप दिया जाएगा.
ब्लैक फंगस से निपटने के लिए तैयारियां शुरू
जानकारी देते हुए बिलासपुर अस्पताल के एमएस डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. अस्पताल परिसर में जल्द ही एक आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया जा रहा है. इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां और उपकरण भी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रख दिए जाएंगे.
आईजीएमसी में आए दो मामले
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अब कोविड केसाथ ब्लैक फंगस के मामले आना शुरू हो गए हैं. आईजीएमसी शिमला में दो कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. हिमाचल सरकार ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की ओर भी मुश्किलें बढ़ गई है. हलांकि एम्स बिलासपुर के डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस कोई नई बीमारी नहीं है. यह एक पुरानी बीमारी है इसका इलाज पहले भी कर चुके हैं. इसलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.
महिलाओं ने डेयरी फार्मिंग से सुधारी आर्थिकी, प्रतिदिन 6000 रुपये की हो रही कमाई