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निजी शिक्षण संस्थान को विनियामक आयोग की चेतावनी, इस दिन तक नहीं दी डिग्रियां तो मान्यता होगी रद्द

निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की तरफ से हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान पर कार्रवाई की गई है. आयोग ने छात्रों की शिकायतों पर अपना पक्ष रखने के लिए मंगलावर को संस्थान के प्रबंधकों को बुलाया था. वहीं, आयोग के चेयरमैन ने छात्रों को आश्वासत किया है कि संस्थान की ओर से 30 सितंबर तक उन्हें उनकी डिग्रियां जारी कर दी जाएंगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित संस्थान की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

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Published : Aug 25, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 4:55 PM IST

Action on Heritage Institute of Hotel and Tourism Institute shimla
फोटो.

शिमला: हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म की ओर से छात्रों को डिग्रियां न देने के मामले पर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से कार्रवाई की गई हैं. आयोग में संस्थान के खिलाफ शिकायत छात्रों ने लंबे समय से दी थी, लेकिन आयोग में चेयरमैन की नियुक्ति के बाद इन शिकायतों पर संज्ञान लिया गया है.

आयोग ने छात्रों की शिकायतों पर अपना पक्ष रखने के लिए मंगलावर को संस्थान के प्रबंधकों को बुलाया था. संस्थान प्रबंधन की ओर से 30 सिंतबर तक सभी छात्रों को उनकी डिग्रियां जारी करने का समय आयोग से मांगा गया.

वीडियो रिपोर्ट.

आयोग की ओर से संस्थान से उन सभी छात्रों का रिकॉर्ड बुधवार को आयोग के सामने पेश करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिन्हें अभी तक डिग्रियां नहीं मिल पाई है. अब संस्थान कल एक बार फिर से आयोग के समक्ष छात्रों का रिकॉर्ड लेकर उपस्थित होंगे.

आयोग में आज जहां संस्थान प्रबंधक आयोग में दी गई छात्रों की शिकायत पर अपना पक्ष रखने पहुंचे थे, तो वहीं शिकायतकर्ता छात्र भी आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक से मिलने और उनके समक्ष अपनी समस्या रखने के लिए पहुंचे. छात्रों ने उनके समक्ष अपनी पूरी समस्या रखी और बताया कि वह संस्थान से 2017 के पास आउट हो गए थे, लेकिन संस्थान की ओर से अभी तक उन्हें उनका रिजल्ट और डिग्री नहीं दी गई हैं.

डिग्रियां देने के नाम पर संस्थान आना-कानी कर रहा है और डिग्रियां न होने के चलते छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. छात्रों ने आयोग के चेयरमैन के समक्ष यह मांग रखी की वह संस्थान के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाए, जिससे कि छात्रों को उनकी डिग्रियां समय पर मिल सके और छात्र अपनी नौकरियों को जारी रख सकें.

वहीं, आयोग के चेयरमैन ने छात्रों को आश्वासत किया है कि संस्थान की ओर से 30 सितंबर तक उन्हें उनकी डिग्रियां जारी कर दी जाएंगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित संस्थान की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

आयोग के चेयरमैन से मिलने के बाद छात्रों का कहना है कि संस्थान की ओर से जो समय छात्रों की डिग्रियां जारी करने के लिए दिया गया है, छात्र इस समय तक अपनी डिग्रियों के मिलने का इंतजार करेंगे. उसके बाद फिर भी डिग्रियां नहीं दी जाती तो दोबारा संस्थान के खिलाफ अपना मोर्चा खोला जाएगा.

मामले में आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि छात्रों की बहुत सी शिकायतें संस्थान को लेकर मिली थी कि उन्हें डिग्रियां नहीं दी जा रही है. इन शिकायतों के आधार पर संस्थान प्रबंधकों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था. संस्थान प्रबंधकों को बुधवार को उन छात्रों का रिकॉर्ड लाना आना होगा, जिनको अभी तक डिग्रियां नहीं दी है.

अतुल कौशिक ने कहा कि छात्रों का रिकॉर्ड जांच कर पता लगाया जाएगा कि कितने छात्रों को डिग्रियां नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि संस्थान की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि 30 सितंबर तक छात्रों को उनकी डिग्रियां दे दी जाएंगी, जिसका एफिडेविड भी संस्थान से आयोग लेगा. वहीं, अगर संस्थान छात्रों को डिग्रियां नहीं देता है तो कार्रवाई की जाएगी.

यह है पूरा मामला

हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान की ओर 2017 में पास आउट हुए बैच के छात्रों को अभी तक उनकी डिग्रियां ही नहीं दी गई हैं. संस्थान ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है और अब छात्र अपनी डिग्री ओर अपने अंतिम समेस्टर के परिणाम के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

संस्थान की ओर से डिग्री ओर सर्टिफिकेट ना मिलने से छात्रों का भविष्य पर संकट मंडराता हुआ नजर आ रहा है. उन्हें नौकरी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यही हाल 2017 के पास आउट हुए बैच के अलावा अन्य बैच के 500 के करीब छात्रों का है. इन छात्रों की हालत यह है कि प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए तीन लाख के करीब की फीस देने के बाद भी अपनी डिग्री के लिए इस तरह से भटकने के लिए मजबूर हैं.

शिमला: हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म की ओर से छात्रों को डिग्रियां न देने के मामले पर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से कार्रवाई की गई हैं. आयोग में संस्थान के खिलाफ शिकायत छात्रों ने लंबे समय से दी थी, लेकिन आयोग में चेयरमैन की नियुक्ति के बाद इन शिकायतों पर संज्ञान लिया गया है.

आयोग ने छात्रों की शिकायतों पर अपना पक्ष रखने के लिए मंगलावर को संस्थान के प्रबंधकों को बुलाया था. संस्थान प्रबंधन की ओर से 30 सिंतबर तक सभी छात्रों को उनकी डिग्रियां जारी करने का समय आयोग से मांगा गया.

वीडियो रिपोर्ट.

आयोग की ओर से संस्थान से उन सभी छात्रों का रिकॉर्ड बुधवार को आयोग के सामने पेश करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिन्हें अभी तक डिग्रियां नहीं मिल पाई है. अब संस्थान कल एक बार फिर से आयोग के समक्ष छात्रों का रिकॉर्ड लेकर उपस्थित होंगे.

आयोग में आज जहां संस्थान प्रबंधक आयोग में दी गई छात्रों की शिकायत पर अपना पक्ष रखने पहुंचे थे, तो वहीं शिकायतकर्ता छात्र भी आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक से मिलने और उनके समक्ष अपनी समस्या रखने के लिए पहुंचे. छात्रों ने उनके समक्ष अपनी पूरी समस्या रखी और बताया कि वह संस्थान से 2017 के पास आउट हो गए थे, लेकिन संस्थान की ओर से अभी तक उन्हें उनका रिजल्ट और डिग्री नहीं दी गई हैं.

डिग्रियां देने के नाम पर संस्थान आना-कानी कर रहा है और डिग्रियां न होने के चलते छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. छात्रों ने आयोग के चेयरमैन के समक्ष यह मांग रखी की वह संस्थान के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाए, जिससे कि छात्रों को उनकी डिग्रियां समय पर मिल सके और छात्र अपनी नौकरियों को जारी रख सकें.

वहीं, आयोग के चेयरमैन ने छात्रों को आश्वासत किया है कि संस्थान की ओर से 30 सितंबर तक उन्हें उनकी डिग्रियां जारी कर दी जाएंगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित संस्थान की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

आयोग के चेयरमैन से मिलने के बाद छात्रों का कहना है कि संस्थान की ओर से जो समय छात्रों की डिग्रियां जारी करने के लिए दिया गया है, छात्र इस समय तक अपनी डिग्रियों के मिलने का इंतजार करेंगे. उसके बाद फिर भी डिग्रियां नहीं दी जाती तो दोबारा संस्थान के खिलाफ अपना मोर्चा खोला जाएगा.

मामले में आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि छात्रों की बहुत सी शिकायतें संस्थान को लेकर मिली थी कि उन्हें डिग्रियां नहीं दी जा रही है. इन शिकायतों के आधार पर संस्थान प्रबंधकों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था. संस्थान प्रबंधकों को बुधवार को उन छात्रों का रिकॉर्ड लाना आना होगा, जिनको अभी तक डिग्रियां नहीं दी है.

अतुल कौशिक ने कहा कि छात्रों का रिकॉर्ड जांच कर पता लगाया जाएगा कि कितने छात्रों को डिग्रियां नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि संस्थान की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि 30 सितंबर तक छात्रों को उनकी डिग्रियां दे दी जाएंगी, जिसका एफिडेविड भी संस्थान से आयोग लेगा. वहीं, अगर संस्थान छात्रों को डिग्रियां नहीं देता है तो कार्रवाई की जाएगी.

यह है पूरा मामला

हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान की ओर 2017 में पास आउट हुए बैच के छात्रों को अभी तक उनकी डिग्रियां ही नहीं दी गई हैं. संस्थान ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है और अब छात्र अपनी डिग्री ओर अपने अंतिम समेस्टर के परिणाम के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

संस्थान की ओर से डिग्री ओर सर्टिफिकेट ना मिलने से छात्रों का भविष्य पर संकट मंडराता हुआ नजर आ रहा है. उन्हें नौकरी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यही हाल 2017 के पास आउट हुए बैच के अलावा अन्य बैच के 500 के करीब छात्रों का है. इन छात्रों की हालत यह है कि प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए तीन लाख के करीब की फीस देने के बाद भी अपनी डिग्री के लिए इस तरह से भटकने के लिए मजबूर हैं.

Last Updated : Aug 25, 2020, 4:55 PM IST
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