शिमला: जेएनयू में रविवार को हुई हिंसक घटना पर एबीवीपी ने भी एचपीयू कैंपस में धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने इस हिंसक घटना के लिए वामपंथी संगठनों को दोषी ठहराया. इस घटना के विरोध में एबीवीपी ने एचपीयू कैंपस में एसएफआई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बारिश के बीच भी छात्र संगठन नारेबाजी करते रहे. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि जेएनयू में हुई इस पूरी घटना के लिए वामपंथी संगठन ही जिम्मेदार हैं.
एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठन देश में अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं. पिछले काफी समय से वामपंथी जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के आड़ में अपने निजी एजेंडे को साधने का प्रयास कर रहे हैं. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि बीते कल जब आम छात्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने जा रहे थे तब उनपर रॉड और डंडों के साथ ही मास्क धारी वामपंथी गुंडों ने हमला कर दिया. इस हमले में एबीवीपी के कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं. वहीं, 25 कार्यकर्ता घायल हैं जिनमे से 4 कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं.
एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने कहा कि बीते कल जेएनयू में वामपंथियों ने एबीवीपी के कार्यकताओं पर हमला किया है. जेएनयू को वामपंथियों ने अपना अड्डा बना कर रखा है और अब हिंसा फैलाई जा रही है. जिसकी विद्यार्थी परिषद इसकी निंदा करती है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद इनको चेताती है कि अगर इसी तरह से चलता रहा तो एबीवीपी केवल हिमाचल प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में इस संगठन के खिलाफ देशभर में अपना आंदोलन शुरू करेगी.
राहुल राणा ने कहा कि पिछले कुछ समय से देश के अंदर सरकार की और से लिए गए कुछ ऐतिहासिक निर्णय जैसे कि धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर और नागरिकता कानून को लेकर वामपंथियों में बौखलाहट देखने को मिल रही है जिसकी वजह से वह हिंसा फैला रहे हैं.
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