शिमलाः ईआरपी सिस्टम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है. आए दिन विद्यार्थियों को पेश आने वाली समस्याओं की वजह से विश्वविद्यालय की जमकर किरकिरी हो रही है. विश्वविद्यालय की ईआरपी सिस्टम में आ रही परेशानियों की वजह से विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं. विद्यार्थियों की मांगों को लेकर गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीन ऑफ स्टडीज प्रोफेसर अरविंद कालिया का घेराव किया.
इस दौरान डीन ऑफ स्टडीज और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच गहमागहमी भी देखने को मिली. विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस सिस्टम में कई खामियां हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के अखबारों में खबर बनाने के लिए कार्रवाई की बात कर रहा है. आम विद्यार्थी परेशान हैं. कभी विद्यार्थियों को पास दिखाया जाता है, तो कभी फेल.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर संजीदा नहीं है. एक ओर तो विश्वविद्यालय ए प्लस से ए प्लस प्लस (A++) पर ग्रेड में जाने की बात कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालत बेहद खराब हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर विद्यार्थियों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय का अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि लंबे समय से विद्यार्थी ईआरपी सिस्टम में खामियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इसे लेकर बिलकुल भी संजीदा नहीं है. विद्यार्थियों को दूरदराज क्षेत्र से शिमला अपना रिजल्ट ठीक करवाने आना पड़ता है. इससे विद्यार्थियों पर अधिक बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा कि एक तो विद्यार्थी पहले ही कोरोना की वजह से परेशान है और ईआरपी सिस्टम में आ रही परेशानियों की वजह से विद्यार्थियों की परेशानी दोगुनी हो रही है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से ईआरपी सिस्टम में जल्द से जल्द सुधार की मांग की है.
बता दें कि ईआरपी पर सिस्टम के जरिए विद्यार्थियों का रिजल्ट तैयार किया जाता है. ईआरपी सिस्टम में विद्यार्थियों का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज रहता है. बीते दिनों हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने ईआरपी सिस्टम का संचालन कर रही कंपनी के साथ बैठक कर 15 दिन में खामियों को दूर करने की के निर्देश जारी किए हैं.