शिमला: यूआईएलएस में छात्रों से अधिक फीस वसूली जा रही है. इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने यूआईएलएस में ली जा रही अत्यधिक फीस के खिलाफ यूआईएलएस के निदेशक का घेराव किया, जिसमें उन्होंने बढ़ाई गई फीस का विरोध किया.
एबीवीपी ने कहा कि कोविड-19 के इस संकट के बीच में फीस बढ़ोतरी कर छात्रों पर आर्थिक बोझ डाला है. इस समय जब कोविड-19 के चलते आर्थिक हालात सबके बिगड़े हुए हैं तो उस समय इस तरह का फैसला किसी भी तरह से सही नहीं है.
एबीवीपी इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद तकरीबन पिछले एक महीने से कोरोना काल में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दो केंद्रों यूआईएलएस ओर यूआईआईटी में ली जा रही अत्यधिक फीस के खिलाफ आंदोलनरत है.
इस आंदोलन के बाद यूआईआईटी प्रशासन ने तो 5 हज़ार तक फीस कम कर छात्रों को थोड़ी राहत प्रदान की लेकिन यूआईएलएस प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया हैं. यूआईएलएस के छात्रों की फीस से संबंधित समस्याएं अभी भी बनी हुई है.
आज जहां प्रदेश का हर वर्ग कोरोना से आर्थिक मार झेल रहा है,ऐसे में जहां प्रशासन को छात्रों का हितैषी बनना चाहिए था आज वहीं यूआईएलएस प्रशासन, विश्वविद्यालय प्रशासन व प्रदेश सरकार छात्रों की दुश्मन बन गयी है.
उन्होंने कहा कि कोविड 19 के बीच सुप्रीम कोर्ट व सरकार ने अधिसूचना जारी की थी कि फीस में लिए जा रहे अतिरिक्त फंड्स माफ किए जाने चाहिए. वहीं प्रदेश के सरकारी प्रदेश विश्वविद्यालय का शिक्षण केंद्र (UILS) ही इस अधिसूचना की अवहेलना करता नजर आता है.
यूआईएलएस प्रशासन व विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाते हुए छात्रों का भी मानसिक शोषण कर रहा है ओर सरकारी अधिसूचनाओं का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है. इसी पर इकाई सह सचिव कमलेश ठाकुर ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन व यूआईएलएस प्रशासन का यह रवैया निजी शिक्षण संस्थानों को भी छात्रों का शोषण क़रने की खुली छूट देगा.
विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन, यूआईएलएस प्रशासन ओर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन जल्द ही फीस कम नहीं करता तो विद्यार्थी परिषद छात्रों के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी को निभाते हुए उग्र आंदोलन करेगी.