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कोरोना का साइड इफेक्ट: झाड़माजरी व नालागढ़ हॉटस्पॉट क्षेत्र घोषित, 50 दवा उद्योग बंद

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Published : Apr 18, 2020, 2:52 PM IST

लॉकडाउन और प्रदेश में कर्फ्यू के साथ बीबीएन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में करीब 50 दवा उद्योग बंद हैं. यहां किसी भी प्रकार की गतिविधि पर रोक लगाई गई है.

About 50 pharmaceutical industries are closed in BBN hotspot areas.
झाड़माजरी और नालागढ़ हॉटस्पॉट क्षेत्र घोषित,दवा उद्योग बंद

शिमला: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रदेश में अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू है. कोरोना महामारी प्रदेश में और अधिक न फैले इसके लिए लॉकडाउन और प्रदेश में कर्फ्यू के साथ बीबीएन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में करीब 50 दवा उद्योग बंद कर दिए गए हैं. यहां किसी भी प्रकार की गतिविधि पर रोक लगाई गई है.

कर्फ्यू के दौरान होम डिलीवरी से लोगों को आवश्यक सामान पहुंचाने की अनुमति है. झाड़माजरी और नालागढ़ हॉटस्पॉट क्षेत्र घोषित किए गए हैं. झाड़माजरी की बात की जाए तो यहां 45 से ज्यादा फार्मा उद्योग में काम बंद हैं. बद्दी और नालागढ़ सहित 41 पंचायतों को सील किया गया है.

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 51 फार्मा उद्योगों के पास मलेरिया के उपचार में प्रयोग में लाई जाने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के उत्पादन का लाइसेंस हैं. इन उद्योगों की बात की जाए तो यह 1 करोड़ गोलियां तैयार करने की क्षमता रखते हैं. ऑर्डर के हिसाब से गोलियां बनाई जा रही है. वहीं, बीबीएन की बात की जाए तो 15 से ज्यादा उद्योग दवाई तैयार कर रहे हैं. कुछ उद्योगों की दवाओं का निर्यात विदेशों में होता है.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन: यूक्रेन में फंसे हिमाचल के 600 मेडिकल छात्र, राज्यपाल ने जाना उनका हाल

शिमला: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रदेश में अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू है. कोरोना महामारी प्रदेश में और अधिक न फैले इसके लिए लॉकडाउन और प्रदेश में कर्फ्यू के साथ बीबीएन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में करीब 50 दवा उद्योग बंद कर दिए गए हैं. यहां किसी भी प्रकार की गतिविधि पर रोक लगाई गई है.

कर्फ्यू के दौरान होम डिलीवरी से लोगों को आवश्यक सामान पहुंचाने की अनुमति है. झाड़माजरी और नालागढ़ हॉटस्पॉट क्षेत्र घोषित किए गए हैं. झाड़माजरी की बात की जाए तो यहां 45 से ज्यादा फार्मा उद्योग में काम बंद हैं. बद्दी और नालागढ़ सहित 41 पंचायतों को सील किया गया है.

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 51 फार्मा उद्योगों के पास मलेरिया के उपचार में प्रयोग में लाई जाने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के उत्पादन का लाइसेंस हैं. इन उद्योगों की बात की जाए तो यह 1 करोड़ गोलियां तैयार करने की क्षमता रखते हैं. ऑर्डर के हिसाब से गोलियां बनाई जा रही है. वहीं, बीबीएन की बात की जाए तो 15 से ज्यादा उद्योग दवाई तैयार कर रहे हैं. कुछ उद्योगों की दवाओं का निर्यात विदेशों में होता है.

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