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प्रदेश में अन्य राज्यों से बुलाए गए जवान, ठियोग के 9 संवेदनशील पोलिंग स्टेशन्स पर किए गए कड़े इंतजाम - लोकसभा चुनाव

शिमला के ठियोग के 9 पोलिंग स्टेशन्स को संवेदनशील घोषित किया गया है. इन सभी पोलिंग स्टेशन्स पर जवानों की विशेष तौर पर ड्यूटी लगा दी गई है.

शिमला पहुंचे छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के जवान
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Published : May 16, 2019, 5:56 PM IST

शिमला/ठियोग: ठियोग पुलिस थाना के तहत 9 पोलिंग स्टेशन्स को संवेदनशील घोषित किया गया है. इन सभी पोलिंग स्टेशन्स पर खास इंतजाम किए गए हैं, जो कि चुनाव के दौरान शरारती तत्वों से निपटने के लिए एकदम कड़ा एक्शन लेंगे.

9 polling stations of thiyog declared vulnerable
शिमला पहुंचे छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के जवान

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से करवाने के लिए प्रदेश की पुलिस के साथ अन्य राज्यों के जवानों को भी हिमाचल में बुलाया गया है. बता दें कि शिमला संसदीय सीट पर जिला शिमला में सुरक्षा के एहतियात छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के 72 जवान अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. जिला शिमला में 9 जगहों को संवेदनशील घोषित किया गया है, जहां इन जवानों की विशेष तौर पर ड्यूटी लगा दी गई है.

जानकारी देते छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के कंपनी कमांडर एम के नागवंशी

छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के कंपनी कमांडर एम के नागवंशी ने बताया कि उनके जवान चार राज्यों में लोकसभा चुनाव करवाने के बाद अंतिम चरण के दौर में प्रशासन की मांग पर हिमाचल आए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार के शरारती तत्वों से निपटने के लिए जवान हर दम तैयार रहेंगे ताकि चुनाव में कोई बाधा न पड़ सके.

शिमला/ठियोग: ठियोग पुलिस थाना के तहत 9 पोलिंग स्टेशन्स को संवेदनशील घोषित किया गया है. इन सभी पोलिंग स्टेशन्स पर खास इंतजाम किए गए हैं, जो कि चुनाव के दौरान शरारती तत्वों से निपटने के लिए एकदम कड़ा एक्शन लेंगे.

9 polling stations of thiyog declared vulnerable
शिमला पहुंचे छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के जवान

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से करवाने के लिए प्रदेश की पुलिस के साथ अन्य राज्यों के जवानों को भी हिमाचल में बुलाया गया है. बता दें कि शिमला संसदीय सीट पर जिला शिमला में सुरक्षा के एहतियात छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के 72 जवान अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. जिला शिमला में 9 जगहों को संवेदनशील घोषित किया गया है, जहां इन जवानों की विशेष तौर पर ड्यूटी लगा दी गई है.

जानकारी देते छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के कंपनी कमांडर एम के नागवंशी

छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के कंपनी कमांडर एम के नागवंशी ने बताया कि उनके जवान चार राज्यों में लोकसभा चुनाव करवाने के बाद अंतिम चरण के दौर में प्रशासन की मांग पर हिमाचल आए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार के शरारती तत्वों से निपटने के लिए जवान हर दम तैयार रहेंगे ताकि चुनाव में कोई बाधा न पड़ सके.

Intro:
आगजनी की घटना से निपटने को तैयार नहीं राजधानी 

शहर में 604 में से 259 हाइड्रेंटस खराब 

शिमला। 

शाहर में आग की घटना  सामने आने पर भी एम.सी. प्रशासन की नींद खुलती नजर नहीं आ रही है। हैरानी की बात है कि यहां ऐतिहासिक भवन तक आग की भेंट में चढ़ रहे है, बावजूद इसके एम.सी. प्रशासन हाइड्रेंटस को ठीक नहीं करवा रहा है।


Body:
शहर के मालरोड, छोटा शिमला सहित बालुगंज क्षेत्र में कुल 604 हाइड्रेंटस लगाए गए है। इनमें 345 हाइड्रेंटस ठीक है, जबकि 259 अभी भी खराब पड़े हुए है। हाइड्रेंटस खराब है या नहीं, इसका खुलासा तभी होता है, जब शहर में आग की घटना सामने आती है। यहां पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब आग की घटना सामने  आती है तो उस दौरान तो प्रशासनिक अधिकारी जाग जाते है, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं करते है। हाइड्रेंटस स्थापित करने और उसे ठीक करवाने का जिंमा एम.सी. प्रशासन के पास है। दमकल विभाग सिर्फ उसे इस्तेमाल करता है। हालांकि दमकल विभाग द्वारा एम.सी. को रिपोर्ट दी जाती है कि हाइड्रेंटस खराब है। बावजूद इसके एम.सी. कोई कार्रवाई नहीं करता है। यहां तक दमकल विभाग ने एम.सी. प्रशासन को कई बार हाइड्रेंटस को ठीक करवाने के लिए पत्र भी भेजा है। बावजूद इसके एम.सी. प्रशासन सोया हुआ है। मालरोड पर  244 हाइड्रेंटस लगे है, इनमें से 148 ठीक है 96 खराब है। छोटा शिमला में 225 हाइड्रेंटस लगे है इनमें 133 ठीक है 92 खराब पड़े हुए है। इसके अलावा बालुगंज में 114 हाइड्रेंटस लगे है जिनमें से 45 ठीक है और 69 खराब है। वहीं प्रदेश सचिवालय में 15 हाइड्रेंटस लगे है इनमें से 13 ठीक है और 2 खराब है। हाइड्रेंटस खराब होने से शहर में आग की घटना अधिक सामने आती है। अगर हाइड्रेंटस ठीक होते है तो आग पर शुरू में ही आसानी से काबू पाया जा सकता है। यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब एम.सी. को है कि हाइड्रेंटस खराब चले है तो उन्हें ठीक क्यों नहीं करवाए जा रहे है। इससे तो साफ जाहिर है कि एम.सी. प्रशासन घटना को खुला न्यौता दे रहा है। यही नहीं बल्कि शहर में जब आग लगने की घटना सामने आती है तो कही न कही पानी की दिक्कतें साने आती है। इस मुखय कारण यह है कि जब दमकल विभाग आग लगने पर एम.सी. को सूचना देता है कि इस जगह पर आग लगी है और इस क्षेत्र में पानी की सप्लाई दी जाए। एम.सी. प्रशासन पानी की सप्लाई तो कर देता है, लेकिन शहर में लगे पबिलक टैब में ही सारा पानी खर्च हो जाता है। ऐसे में जहां पर आग लगी होती है, वहां पर पानी पहुंच ही  नहीं पाता है। जिसके चलते दमकल विभाग को आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। पबिलक टैब हमेशा ही खुले रहते है। जिसके चलते जरूरत पडऩे पर पानी नहीं मिल पाता है।  वैसे एम.सी. प्रशासन हमेंशा ही हाइड्रेंटस को लेकर भी दावे करता है कि यह बिल्कुल ठीक है और इससे आग लगने पर काफी सुविधा मिल रही है, लेकिन यहां पर स्थिति कुछ और ही व्यां कर रही है। अगर शहर में सभी हाइड्रेंटस ठीक होते तो आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। आए दिन शिमला में आग की घटना सामने आ रही है।


भीड़ वाले क्षेत्र में हाइड्रेंटस नहीं


शिमला के अगर भीड़ वाले क्षेत्र की बात की जाए तो यहां पर कई ऐसे क्षेत्र है जहां पर हाइड्रेंटस नहीं लगे हुए है। शहर में न्यू शिमला, विकास नगर, टुटू सहित स्मीट्री में भी आधे में ही हाइड्रेंटस लगे है। यहां पर सैकड़ों लोगों की आबादी रहती है। यह भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र है। यहां पर कभी भी हाइड्रेंटस की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन अभी तक इन जगह पर हाइड्रेंटस ही नहीं लगे हुए है। एम.सी. प्रशासन इन सवालों के घेरे में भी आ रहा है कि अभी यहां पर हाइड्रेंटस क्यों नहीं लग पाए है।


हाइड्रेंटस इस्तेमाल करने की नहीं ज्ञान


शिमला के ऐतिहासिक भवन की अगर बात की जाए तो यहां पर हाइड्रेंटस तो लगे है, लेकिन वहां पर लोगों को हाइड्रेंटस इस्तेमाल करने का ज्ञान नहीं है। ऐेसे में हाइड्रेंटस वैसे के वैसे ही पड़े रहते है। जब तक यहां पर लोगों को जागरूक नहीं किया गया तब तक हाइड्रेंटस स्थापित करने का कोई फायदा नहीं है। कई जगह देखा गया है कि हाइड्रेंटस तो लगे है, लेकिन जरूरत पडऩे पर उसका इस्तेमाल नहीं हो पाता है। ऐसे में आग की घटना पेश आती है।


 
-विजय गुप्ता, एम.ई. नगर निगम शिमला। 









Conclusion:
आग लगने पर हाइड्रेंटस की  काफी जरूरत रहती है। अगर पानी की जरूरत होती है तो हाइड्रेंटस आसानी से इस्तेमाल कर सकते है। हेरीटेज विल्डींग में आग बुझाने के यंत्र होने चाहिए। जब भी शहर में आग की घटना होती है तो दमकल विभाग के कर्मचारी मौके पर तैनात होते है। आग बुझााने के लिए कर्मचारी हमें हमेंशा ही तैयार रहते है। हाइड्रेंटस के बारे में विभाग समय समय पर एम.सी. को रिपेार्ट देता है।


-धर्म चंद शर्मा, मंडालाधिकारी दमक विभाग।


खराब पड़े हाइड्रेंटस को रिपलेस किया जाएगा। इसको लेकर डैंटर हो चुके है। जल्द ही खराब हुए हाइड्रेंटस ठीक होगेे। चौड़ा मैदान से काम शुरू किया गया है।
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