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Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून सीजन में 400 से पार पहुंचा मरने वालों का आंकड़ा, 8,667 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में आई मानसून की तबाही के कारण अब तक 8,667 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, 400 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर... (Damage due to rain in Himachal) (Himachal Monsoon)

Loss due to rain in Himachal
हिमाचल में मानसून से 8667 करोड़ का नुकसान
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 10:19 PM IST

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून आफत बनकर बरसा है. प्रदेश में सरकारी व निजी सपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसून ने अबकी बार बारिश से भारी जानी नुकसान भी पहुंचाया है. प्रदेश में मानसून में मरने वालों का आंकड़ा 404 पहुंच गया है, जबकि करीब 377 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके साथ ही मानसून सीजन में 8667 करोड़ का नुकसान हुआ है. मानसून के थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. हालांकि अभी भी दूर-दराज इलाकों में 140 सड़कें बंद पड़ी हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं बंद हैं.

दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8667 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2937 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं, 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 140 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 56 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 28 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 31 और कांगड़ा जोन में 22 सड़कें बंद हैं. मौसम साफ होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में तेजी लाई है. इस काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 534 से ज्यादा मशीनें लगाई हुई हैं.

जल शक्ति विभाग की 26 परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी और अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून के इस सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर गई हैं, लेकिन अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान पहुंचा है.

लोक निर्माण विभाग और जलशक्ति विभाग के अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 करोड़ का नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ की क्षति पहुंची है.

13,399 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त: अबकी बार मानसून सीजन में सैंकड़ों मकान भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13,399 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2546 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 10853 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 317 दुकानें और 5644 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं हैं.

ये भी पढ़ें: Chandigarh Shimla NH: चंडीगढ़ शिमला एनएच पर 75 किलोमीटर के पैच पर चल रहा वन लेन ट्रैफिक, 250 पुलिस जवान संभाल रहे ट्रैफिक व्यवस्था

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून आफत बनकर बरसा है. प्रदेश में सरकारी व निजी सपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसून ने अबकी बार बारिश से भारी जानी नुकसान भी पहुंचाया है. प्रदेश में मानसून में मरने वालों का आंकड़ा 404 पहुंच गया है, जबकि करीब 377 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके साथ ही मानसून सीजन में 8667 करोड़ का नुकसान हुआ है. मानसून के थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. हालांकि अभी भी दूर-दराज इलाकों में 140 सड़कें बंद पड़ी हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं बंद हैं.

दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8667 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2937 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं, 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 140 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 56 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 28 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 31 और कांगड़ा जोन में 22 सड़कें बंद हैं. मौसम साफ होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में तेजी लाई है. इस काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 534 से ज्यादा मशीनें लगाई हुई हैं.

जल शक्ति विभाग की 26 परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी और अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून के इस सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर गई हैं, लेकिन अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान पहुंचा है.

लोक निर्माण विभाग और जलशक्ति विभाग के अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 करोड़ का नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ की क्षति पहुंची है.

13,399 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त: अबकी बार मानसून सीजन में सैंकड़ों मकान भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13,399 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2546 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 10853 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 317 दुकानें और 5644 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं हैं.

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