शिमलाः प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल की योग्यता की जांच की जा रही है. आयोग की ओर से प्रदेश में जितने भी निजी कॉलेज हैं उनके प्रिंसिपलों का ब्यौरा मांगा गया था. जिसमें से 97 के करीब निजी कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने आयोग के समक्ष अपने प्रिंसिपलों की योग्यता का ब्यौरा रख दिया है. लेकिन अभी भी 70 से अधिक कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने आयोग के निर्देशों के अनुपालन आ नहीं की है. इन कॉलेजों ने अभी तक प्रिंसिपलों की योग्यता का ब्यौरा आयोग को नहीं भेजा है. जिस पर आयोग ने नाराज़गी जाहिर की है.
कॉलेजों को आयोग की ओर से 10 दिन का समय
जिन भी निजी कॉलेजों ने आयोग को प्रिंसिपलों का ब्योरा नहीं भेजा है उन्हें अब आयोग ने एक रिमाइंडर जारी किया है. कॉलेजों को आयोग की ओर से 10 दिन का समय दिया गया है. इस तय समय के बीच में सभी कॉलेजों को प्रिंसिपलों की योग्यता का पूरा डाटा आयोग को भेजना होगा. अगर कॉलेज आयोग के आदेशों की अभी भी अनुपालना नहीं करते हैं तो इन कॉलेजों पर कार्रवाई आयोग की ओर से की जाएगी.
आयोग के अध्यक्ष ने कहा
आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर ही अब आयोग की ओर से निजी कॉलेजों की प्रिंसिपलों की योग्यता को जांचा जा रहा है.यह प्रिंसिपल यूजीसी के नियमों के तहत तय पात्रता को पूरा करते हैं या नहीं इसकी जांच के लिए आयोग ने सभी प्रिंसिपलों का ब्योरा कॉलेजों से मांगा है.जिन 70 कॉलेजों ने अभी तज प्रिंसिपलों का बायोडेटा नहीं भेजा है और आगामी 10 दिनों के अंदर नहीं भेजा तो आयोग इन कॉलेजों को समन करेगा और आयोग के कार्यलय में जवाबदेही का लिए बुलाया जाएगा.
अभी तक 97 कॉलेजों के प्रिंसिपलों की रिपोर्ट आयोग को मिली
बता दें कि आयोग के पास अभी तक 97 कॉलेजों के प्रिंसिपलों की रिपोर्ट ओर रिज्यूमें आयोग के पास आ चुके हैं. जांच कमेटी ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है. जिन कॉलेजों के प्रिंसिपलों का ब्यौरा नहीं हैं उसके आने के बाद जांच को पूरा कर अयोग्य प्रिंसिपलों के खिलाफ कार्रवाई अलम में आई जाएगी. इस से पहले भी आयोग निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता को जांच चुका है जिसमें 10 विश्वविद्यालयों के कुलपति अयोग्य पाएं थे और उन्हें पद से हटाने के आदेश आयोग ने जारी किए थे.निजी शिक्षण संस्थानों में हो रहे फर्जीवाड़ों के बाद अब आयोग कीकार्यप्रणाली तेज हुई है. आयोग ने पहले चरण में इन संस्थानों में कुलपतियों ओर प्रिंसिपलों की ही जांच शुरू की है.
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