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10 समितियों में प्रायोगिक आधार पर डिजिटल माध्यम से होगी दूध खरीद: सीएम सुखविंदर - CM SUKHU ON MILK PROCESSING PLANT

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा हिमाचल में 10 समितियों में प्रायोगिक आधार पर डिजिटल माध्यम से दूध की खरीद होगी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 8:59 PM IST

शिमला: सीएम सुखविंदर सुक्खू सिंह ने शिमला में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए सरकार दूध के लाभकारी मूल्य प्रदान कर रही है. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. हिमाचल देश का पहला राज्य है, जिसने दूध खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया है, जो देश में सबसे अधिक है.

सीएम सुक्खू ने कहा, "किसानों से गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है. इस क्रम को जारी रखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए बजट 2025-26 में भी अनेक पहल की जाएंगी. सरकार 161.52 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में 6 नए दुग्ध अभिशीतन संयंत्र और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने जा रही है".

उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के ढगवार में एक अत्याधुनिक पूर्ण स्वचालित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है, जिसकी प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता होगी, जिसे बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन किया जा सकेगा. यह संयंत्र मार्च, 2026 में क्रियाशील हो जाएगा, जिससे कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और अन्य पड़ोसी जिलों के दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा. अभी तक इस संयंत्र का 10 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. उन्होंने कहा कि प्रायोगिक आधार पर 8 से 10 समितियों में दूध खरीद का कार्य डिजिटल माध्यम से शुरू किया जाएगा.

दूध के परिवहन को लागू होगा जीपीएस सक्षम रूट ट्रैकिंग

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दूध के उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और मौसम के आधार पर किसानों से दूध की उपलब्धता के बारे में अध्ययन करने के निर्देश दिए. व्यक्तिगत तौर पर दूध का परीक्षण करने और वेब और मोबाइल इंटरफेस के साथ वास्तविक समय डेटा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने दूध के कुशल परिवहन के लिए जीपीएस सक्षम रूट ट्रैकिंग करने के भी निर्देश दिए. किसानों के अथक परिश्रम को ध्यान में रखते हुए उनके उत्पाद को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए हिमाचली डेयरी उत्पादों का अलग से विपणन किया जाना चाहिए.

सीएम सुक्खू ने कहा कि किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए दूध की खरीद राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी और संग्रहण डेटा, मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण के बारे में विवरण एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा. डिजिटलीकरण से दूध खरीद में सुगमता और इसका निर्बाध संचालन होगा. यह प्रणाली दूध खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशुपालकों को पशुधन की देखभाल के बारे में शिक्षित किया जाए और किसानों को सहायता के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को भी विस्तृत स्तर पर बढ़ावा दे रही है और पशुपालन इस कृषि पद्धति का अभिन्न अंग है. यह दोनों गतिविधियां एक दूसरे की पूरक हैं और पशुपालन से रासायनिक खेती में भी कमी आएगी.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने ‘हर दिन सेहत’ अभियान का किया शुभारंभ, लोगों को स्वास्थ्य के प्रति किया जाएगा जागरूक

शिमला: सीएम सुखविंदर सुक्खू सिंह ने शिमला में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए सरकार दूध के लाभकारी मूल्य प्रदान कर रही है. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. हिमाचल देश का पहला राज्य है, जिसने दूध खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया है, जो देश में सबसे अधिक है.

सीएम सुक्खू ने कहा, "किसानों से गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है. इस क्रम को जारी रखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए बजट 2025-26 में भी अनेक पहल की जाएंगी. सरकार 161.52 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में 6 नए दुग्ध अभिशीतन संयंत्र और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने जा रही है".

उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के ढगवार में एक अत्याधुनिक पूर्ण स्वचालित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है, जिसकी प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता होगी, जिसे बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन किया जा सकेगा. यह संयंत्र मार्च, 2026 में क्रियाशील हो जाएगा, जिससे कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और अन्य पड़ोसी जिलों के दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा. अभी तक इस संयंत्र का 10 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. उन्होंने कहा कि प्रायोगिक आधार पर 8 से 10 समितियों में दूध खरीद का कार्य डिजिटल माध्यम से शुरू किया जाएगा.

दूध के परिवहन को लागू होगा जीपीएस सक्षम रूट ट्रैकिंग

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दूध के उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और मौसम के आधार पर किसानों से दूध की उपलब्धता के बारे में अध्ययन करने के निर्देश दिए. व्यक्तिगत तौर पर दूध का परीक्षण करने और वेब और मोबाइल इंटरफेस के साथ वास्तविक समय डेटा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने दूध के कुशल परिवहन के लिए जीपीएस सक्षम रूट ट्रैकिंग करने के भी निर्देश दिए. किसानों के अथक परिश्रम को ध्यान में रखते हुए उनके उत्पाद को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए हिमाचली डेयरी उत्पादों का अलग से विपणन किया जाना चाहिए.

सीएम सुक्खू ने कहा कि किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए दूध की खरीद राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी और संग्रहण डेटा, मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण के बारे में विवरण एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा. डिजिटलीकरण से दूध खरीद में सुगमता और इसका निर्बाध संचालन होगा. यह प्रणाली दूध खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशुपालकों को पशुधन की देखभाल के बारे में शिक्षित किया जाए और किसानों को सहायता के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को भी विस्तृत स्तर पर बढ़ावा दे रही है और पशुपालन इस कृषि पद्धति का अभिन्न अंग है. यह दोनों गतिविधियां एक दूसरे की पूरक हैं और पशुपालन से रासायनिक खेती में भी कमी आएगी.

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