शिमला: प्रदेश में टोपी के साथ मोनाल की कलगी का सार्वजनिक रुप से प्रदर्शन अवैध हो गया है. अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसे 3 से 7 साल की जेल हो सकती है.
आदेश की अवहेलना पर 10 हजार का जुर्माना
कानून की अवहेलना पर व्यक्ति के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम, 1972 के तहत कार्रवाई की जाएगी. आदेश की अवहेलना पर कम से कम 10,000 रुपये जुर्माना भी लग सकता है. इसके लिए पीसीसीएफ अर्चना शर्मा ने आदेश भी जारी कर दिए हैं.
इजाजत के बिना मोनाल की कलगी रखना कानूनी अपराध
अधिनियम के अनुसार यह पक्षी अनुसूची एक में शामिल हैं. इसलिए अब मुख्य वन्य जीव संरक्षक की अनुमति के बगैर इसकी कलगी या ट्रॉफी (खाल, सींग आदि) को कब्जे में रखना कानूनी अपराध है. जिस व्यक्ति के पास मुख्य वन्य जीव संरक्षक द्वारा जारी स्वामित्व प्रमाणपत्र है, केवल वही व्यक्ति जंगली जानवरों की ट्रॉफी को कब्जे में रख सकता है.
शिकायत के बाद सरकार ने उपायुक्तों को दिए निर्देश
मोनाल के सिर पर हरे-बैंगनी रंग की कलगी होती है. मोनाल हिमालय के आठ हजार से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर हिमाचल के अलावा, उत्तराखंड, सिक्किम, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और चीन में पाया जाता है. मोनाल हिमाचल का राज्य पक्षी भी रहा है. डॉ.अमरीक सिंह ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी. जिसमें आग्रह किया गया था कि मोनाल की कलगी वाली टोपी पर रोक लगे. इसके बाद सरकार ने सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए थे.
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