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5G Network in Himachal: इस साल नहीं होगी तमन्ना पूरी, जानें कब मिलेगी सुविधा - हिमाचल में 5 जी नेटवर्क को लेकर बैठक

हिमाचल के लोगों की 5 जी नेटवर्क की तमन्ना इस साल पूरी नहीं होगी. साल 2024 में गांव से लेकर शहर तक यह सुविधा मिलना शुरू होगी. सोमवार को हुई राज्य स्तरीय बैठक में यह बात सामने आई. (5G facility in Himachal will start in 2024)

5G Network in Himachal
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Published : Jan 17, 2023, 9:58 AM IST

शिमला: सूचना प्रौद्योगिकी सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिक विभाग वर्ष 2024 के अंत तक हिमाचल के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 5जी सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों को और बेहतर और सुसंगत इंटरनेट सुविधा प्रदान की जा सके. डॉ. अभिषेक जैन ने सोमवार को 2024 तक राज्य में 5जी सेवाओं को कार्यशील बनाने के लिए दूरसंचार संरचना स्थापित करने में सरकारी बुनियादी ढांचे के उपयोग के तौर-तरीकों पर राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.

समन्वय के साथ समय पर काम: उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में डेटा सभी क्षेत्रों में दक्षता और गति के साथ काम करने के लिए अनिवार्य है. यह दूरसंचार क्षेत्र और 5जी सेवाओं के विकास के बिना संभव नहीं है. प्रदेश सरकार दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है. प्रदेश में 5जी सेवा कार्यशील करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जैन ने कहा कि सरकारी अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं को निर्धारित समय अवधि के भीतर यह कार्य करने के लिए समन्वय और परिभाषित दृष्टिकोण के साथ कार्य करना चाहिए.

पर्यावरण को कम नुकसान होना चाहिए: उन्होंने कहा कि यह अनुभव किया गया है कि सभी सेवा प्रदाता फाइबर और खंभे स्थापित करने के लिए जमीन खोदते हैं, जिससे लोगों को असुविधा होती और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. इसे ध्यान में रखते हुए, उन्हें 5जी सेवा स्थापित करते समय ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए, जिससे प्रकृति व जीवों को कम से कम नुकसान और जनता को भी कम से कम असुविधा हो. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सेवा प्रदाताओं को एक ही बार में समन्वय कर स्थापना कार्य को अंजाम देना चाहिए, ताकि दोबारा जमीन खोदने की जरूरत न पड़े.

सामाजिक दायित्व का ध्यान रखा जाए: उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र सशक्त होना चाहिए और इसे अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. उन्होंने न केवल व्यावसायिक पहलू पर विचार करने, बल्कि लोगों की जरूरतों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दायित्व के साथ कार्य करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाताओं को सरकार के साथ-साथ निजी संपत्ति को कम से कम नुकसान व पारदर्शिता तथा प्रत्येक हितधारक के अधिकारों पर भी विचार करना चाहिए.

नीतियों को लेकर प्रस्तुति: उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवा प्रदाताओं को दूर-दराज और बर्फ से आच्छादित क्षेत्रों में सशक्त नेटवर्क कवरेज सुनिश्चित करना चाहिए. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने राज्य में 5जी सेवा के लिए नीतियों को परिभाषित करने वाली एक प्रस्तुति भी दी.बैठक में विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी टोरुल एस. रवीश, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, राजस्व विभाग, विद्युत बोर्ड के अधिकारी और विभिन्न सेवा प्रदाता उपस्थित थे.

शिमला: सूचना प्रौद्योगिकी सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिक विभाग वर्ष 2024 के अंत तक हिमाचल के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 5जी सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों को और बेहतर और सुसंगत इंटरनेट सुविधा प्रदान की जा सके. डॉ. अभिषेक जैन ने सोमवार को 2024 तक राज्य में 5जी सेवाओं को कार्यशील बनाने के लिए दूरसंचार संरचना स्थापित करने में सरकारी बुनियादी ढांचे के उपयोग के तौर-तरीकों पर राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.

समन्वय के साथ समय पर काम: उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में डेटा सभी क्षेत्रों में दक्षता और गति के साथ काम करने के लिए अनिवार्य है. यह दूरसंचार क्षेत्र और 5जी सेवाओं के विकास के बिना संभव नहीं है. प्रदेश सरकार दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है. प्रदेश में 5जी सेवा कार्यशील करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जैन ने कहा कि सरकारी अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं को निर्धारित समय अवधि के भीतर यह कार्य करने के लिए समन्वय और परिभाषित दृष्टिकोण के साथ कार्य करना चाहिए.

पर्यावरण को कम नुकसान होना चाहिए: उन्होंने कहा कि यह अनुभव किया गया है कि सभी सेवा प्रदाता फाइबर और खंभे स्थापित करने के लिए जमीन खोदते हैं, जिससे लोगों को असुविधा होती और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. इसे ध्यान में रखते हुए, उन्हें 5जी सेवा स्थापित करते समय ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए, जिससे प्रकृति व जीवों को कम से कम नुकसान और जनता को भी कम से कम असुविधा हो. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सेवा प्रदाताओं को एक ही बार में समन्वय कर स्थापना कार्य को अंजाम देना चाहिए, ताकि दोबारा जमीन खोदने की जरूरत न पड़े.

सामाजिक दायित्व का ध्यान रखा जाए: उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र सशक्त होना चाहिए और इसे अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. उन्होंने न केवल व्यावसायिक पहलू पर विचार करने, बल्कि लोगों की जरूरतों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दायित्व के साथ कार्य करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाताओं को सरकार के साथ-साथ निजी संपत्ति को कम से कम नुकसान व पारदर्शिता तथा प्रत्येक हितधारक के अधिकारों पर भी विचार करना चाहिए.

नीतियों को लेकर प्रस्तुति: उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवा प्रदाताओं को दूर-दराज और बर्फ से आच्छादित क्षेत्रों में सशक्त नेटवर्क कवरेज सुनिश्चित करना चाहिए. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने राज्य में 5जी सेवा के लिए नीतियों को परिभाषित करने वाली एक प्रस्तुति भी दी.बैठक में विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी टोरुल एस. रवीश, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, राजस्व विभाग, विद्युत बोर्ड के अधिकारी और विभिन्न सेवा प्रदाता उपस्थित थे.

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