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मानसिक रूप से बीमार कमला के लिए मदद की गुहार, आधे बेजान शरीर के साथ संघर्षपूर्ण है महिला का जीवन

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Published : Jun 29, 2021, 3:12 PM IST

शिमला के अंटी गांव में रहने वाली 53 वर्षीय कमला एक अच्छा जीवन जीने के लिए हर रोज संघर्ष कर रही है. महिला मानसिक रूप से बीमार भी बताई जा रही है. उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर मानसिक रूप से बीमार महिला को तुरंत बेसहारा महिलाओं के आश्रय में भेजने और इलाज करवाने की मांग की है.

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शिमला: अपर शिमला के सरस्वती नगर के नजदीकी गांव अंटी में एक महिला दयनीय स्थिति में है. एक दुर्घटना में इस महिला के घुटनों के नीचे का शरीर बेजान हो गया था. इसके अलावा महिला के बिगड़े हुए मानसिक संतुलन ने उसकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया है.

मानसिक रूप से बीमार है 53 वर्षीय कमला

53 वर्षीय कमला एक दिन सड़क पर घुटनों के बल रेंगते हुए आगे बढ़ रही थी. यह देखकर रोहड़ू के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र चौहान और उनके साथी जितेंद्र मेहता हैरान रह गए. चौहान ने महिला की मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. महिला का वीडियो वायरल होने पर सरकारी तंत्र हरकत में आया और मौके का मुआयना करके जुटाई गई जानकारी शिमला भेज दी. बता दें कि पूरा मामला जुब्बल के एसडीएम के ध्यान में भी है लेकिन प्रशासनिक सुस्ती के कारण अभी तक महिला को कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं मिल सका है.

उमंग फाउंडेशन ने सरकार से की मदद की मांग

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर मानसिक रूप से बीमार महिला को तुरंत बेसहारा महिलाओं के आश्रय में भेजने और इलाज करवाने की मांग की है. उनका कहना है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ, चल पाने में असमर्थ कमला का जीवन अधिकार, सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और न्याय पाने का आधिकार उससे छीन गया है. उसका उचित पुनर्वास राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में पाए जाते हैं 3 जहरीले सांप, काटे जाने पर मेडिसिन इलाज को दें तवज्जो

शिमला: अपर शिमला के सरस्वती नगर के नजदीकी गांव अंटी में एक महिला दयनीय स्थिति में है. एक दुर्घटना में इस महिला के घुटनों के नीचे का शरीर बेजान हो गया था. इसके अलावा महिला के बिगड़े हुए मानसिक संतुलन ने उसकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया है.

मानसिक रूप से बीमार है 53 वर्षीय कमला

53 वर्षीय कमला एक दिन सड़क पर घुटनों के बल रेंगते हुए आगे बढ़ रही थी. यह देखकर रोहड़ू के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र चौहान और उनके साथी जितेंद्र मेहता हैरान रह गए. चौहान ने महिला की मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. महिला का वीडियो वायरल होने पर सरकारी तंत्र हरकत में आया और मौके का मुआयना करके जुटाई गई जानकारी शिमला भेज दी. बता दें कि पूरा मामला जुब्बल के एसडीएम के ध्यान में भी है लेकिन प्रशासनिक सुस्ती के कारण अभी तक महिला को कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं मिल सका है.

उमंग फाउंडेशन ने सरकार से की मदद की मांग

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर मानसिक रूप से बीमार महिला को तुरंत बेसहारा महिलाओं के आश्रय में भेजने और इलाज करवाने की मांग की है. उनका कहना है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ, चल पाने में असमर्थ कमला का जीवन अधिकार, सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और न्याय पाने का आधिकार उससे छीन गया है. उसका उचित पुनर्वास राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.

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