ETV Bharat / state

कालका-शिमला ट्रैक पर दूसरी भलखू स्मृति साहित्यिक यात्रा रविवार से होगी शुरू, 33 कलाकार लेंगे हिस्सा

ये दूसरी साहित्यिक यात्रा है जो इस ट्रैक पर बाबा भलखू की स्मृति में आयोजित की जा रही है. रविवार को इस यात्रा का शुभारंभ शिमला रेलवे स्टेशन से होगा और ये यात्रा इस ट्रैक के बड़ोग स्टेशन तक चलेगी.

author img

By

Published : Aug 10, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Aug 10, 2019, 11:56 PM IST

Kalka-Shimla track

शिमलाः विश्व धरोहर कालका-शिमला पर एक बार फिर से शिमला के साहित्यकार अपनी साहित्यिक यात्रा पर निकलेंगे. फिर से विश्व धरोहर अपने इतिहास में साहित्य की यात्रा को दर्ज करेगी. जिसमें 30 के करीब वरिष्ठ और युवा कलाकार अपनी-अपनी रचनाओं की प्रस्तुतियां देंगे. हिमालय मंच के अध्यक्ष और लेखक एसआर हरनोट ने बताया कि साहित्यिक यात्रा रविवार को शिमला रेलवे स्टेशन से शुरू होकर बड़ोग स्टेशन तक चलेगी.

वीडियो

यात्रा के दौरान जाते और लौटते हुए जो भी स्टेशन इस दौरान पड़ेंगे, वहां कविता, गजल, कहानी और संस्मरण के सत्र रखे गए हैं. शिमला से बड़ोग तक की यात्रा में पड़ने वाले स्टेशनों में समरहिल, तारा देवी, कैथलिघाट, कंडाघाट और बड़ोग स्टेशन पड़ेंगे. जिन पर यह सत्र आयोजित किए जाएंगे. इस आयोजन में शिमला के वरिष्ठ लेखकों के साथ-साथ युवा लेखक भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देंगे.

एसआर हरनोट ने बताया कि इस आयोजन को बाबा भलखू कि स्मृति में आयोजित किया जा रहा है. बाबा भलखू जिनका कालका शिमला ट्रैक को बनाने में एक अहम योगदान है. जब अंग्रेजी इंजीनियर भी कालका-शिमला रेलवे लाइन का निर्माण करने में विफल हो गए थे तब बाबा भलखू ने अपनी जादुई छड़ी का ऐसा जादू दिखाया था कि इस ट्रैक की नपाई अपनी छड़ी से पूरी कर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को बनाने में अंग्रेजों की मदद की थी.

यही रेलवे ट्रैक आज विश्व धरोहर के रूप में अपनी पहचान विश्व भर में बनाए हुए हैं. हर वर्ष लाखों सैलानी इस ट्रैक के रोमांचकारी सफर का आनंद उठाने के लिए राजधानी शिमला पहुंचते हैं. बाबा भलखू के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए और उन्हें इस साहित्यिक यात्रा को समर्पित करते हुए इस तरह के आयोजन कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर मंच की ओर से करवाए जा रहे हैं.

शिमलाः विश्व धरोहर कालका-शिमला पर एक बार फिर से शिमला के साहित्यकार अपनी साहित्यिक यात्रा पर निकलेंगे. फिर से विश्व धरोहर अपने इतिहास में साहित्य की यात्रा को दर्ज करेगी. जिसमें 30 के करीब वरिष्ठ और युवा कलाकार अपनी-अपनी रचनाओं की प्रस्तुतियां देंगे. हिमालय मंच के अध्यक्ष और लेखक एसआर हरनोट ने बताया कि साहित्यिक यात्रा रविवार को शिमला रेलवे स्टेशन से शुरू होकर बड़ोग स्टेशन तक चलेगी.

वीडियो

यात्रा के दौरान जाते और लौटते हुए जो भी स्टेशन इस दौरान पड़ेंगे, वहां कविता, गजल, कहानी और संस्मरण के सत्र रखे गए हैं. शिमला से बड़ोग तक की यात्रा में पड़ने वाले स्टेशनों में समरहिल, तारा देवी, कैथलिघाट, कंडाघाट और बड़ोग स्टेशन पड़ेंगे. जिन पर यह सत्र आयोजित किए जाएंगे. इस आयोजन में शिमला के वरिष्ठ लेखकों के साथ-साथ युवा लेखक भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देंगे.

एसआर हरनोट ने बताया कि इस आयोजन को बाबा भलखू कि स्मृति में आयोजित किया जा रहा है. बाबा भलखू जिनका कालका शिमला ट्रैक को बनाने में एक अहम योगदान है. जब अंग्रेजी इंजीनियर भी कालका-शिमला रेलवे लाइन का निर्माण करने में विफल हो गए थे तब बाबा भलखू ने अपनी जादुई छड़ी का ऐसा जादू दिखाया था कि इस ट्रैक की नपाई अपनी छड़ी से पूरी कर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को बनाने में अंग्रेजों की मदद की थी.

यही रेलवे ट्रैक आज विश्व धरोहर के रूप में अपनी पहचान विश्व भर में बनाए हुए हैं. हर वर्ष लाखों सैलानी इस ट्रैक के रोमांचकारी सफर का आनंद उठाने के लिए राजधानी शिमला पहुंचते हैं. बाबा भलखू के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए और उन्हें इस साहित्यिक यात्रा को समर्पित करते हुए इस तरह के आयोजन कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर मंच की ओर से करवाए जा रहे हैं.

Intro:विश्व धरोहर कालका शिमला एक बार फिर से शिमला के साहित्यकार अपनी साहित्यिक यात्रा पर निकलेंगे। एक बार फिर से विश्व धरोहर अपने इतिहास में साहित्य की यात्रा को दर्ज करेगी जिसमें 30 के करीब वरिष्ठ और युवा कलाकार अपनी-अपनी रचनाओं की प्रस्तुतियां देंगे। यह दूसरी साहित्यिक यात्रा इस ट्रैक पर बाबा भलखू की स्मृति में आयोजित की जा रही है। रविवार को इस यात्रा का शुभारंभ शिमला रेलवे स्टेशन से होगा और यह यात्रा इस ट्रैक के बड़ोग स्टेशन तक चलेगी। इससे पहले भी पहले भी शिमला के साहित्यकार ट्रैक पर इस तरह की साहित्यिक यात्रा का आयोजन कर चुके हैं। यह दूसरी मर्तबा है कि इस तरह की पहल को एक बार फिर से दोहराया जा रहा है जिसके तहत साहित्य, कला एक कमरे तक सिमट कर नहीं रहेंगी बल्कि इस माध्यम से भी लोगों के बीच आएंगे।


Body:हिमालय मंच के अध्यक्ष और लेखक एसआर हरनोट ने बताया कि यहां साहित्यिक यात्रा रविवार को शिमला रेलवे स्टेशन से शुरू होकर बड़ोग स्टेशन तक चलेगी। जहां दोपहर के भोजन और ठहराव के बाद दोपहर 3:00 बजे इस यात्रा की रवानगी शिमला की ओर होगी। यात्रा के दौरान जाते और लौटते हुए भी जो भी स्टेशन इस यात्रा के दौरान पड़ेंगे वहां कविता, गज़ल,कहानी और संस्मरण के सत्र रखे गए हैं। शिमला से बड़ोग तक की यात्रा में पड़ने वाले स्टेशनों में समरहिल,तारा देवी,कैथलिघाट, कंडाघाट और बड़ोग स्टेशन पड़ेंगे जिन पर यह सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन में शिमला के वरिष्ठ लेखकों के साथ-साथ युवा लेखक भी अपनी रचनाएं ले कर प्रस्तुत होंगे।


Conclusion: उन्होंने बताया कि इस आयोजन को बाबा भलखू को कि स्मृति में आयोजित किया जा रहा है । बाबा भलखू जिनका कालका शिमला ट्रैक को बनाने में एक अद्भुत योगदान है । जब अंग्रेजी इंजीनियर भी कालका-शिमला रेलवे लाइन का निर्माण करने में विफल हो गए थे तब बाबा भलखू ने अपनी जादुई छड़ी का ऐसा जादू दिखाया था कि उन्होंने इस ट्रैक की नपाई अपनी छड़ी से कर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को बनाने में अंग्रेजों की मदद की थी। यही रेलवे ट्रैक आज विश्व धरोहर के रूप में अपनी पहचान विश्व भर में बनाए हुए हैं । हर वर्ष लाखों ही सैलानी इस ट्रैक के रोमांचकारी सफर का आनंद उठाते हुए राजधानी शिमला पहुंचते हैं । बाबा भलखू के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए और उन्हें इस साहित्यिक यात्रा को समर्पित करते हुए इस तरह के आयोजन कालका- शिमला रेलवे ट्रैक पर मंच की ओर से करवाए जा रहे हैं।
Last Updated : Aug 10, 2019, 11:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.