शिमलाः विश्व धरोहर कालका-शिमला पर एक बार फिर से शिमला के साहित्यकार अपनी साहित्यिक यात्रा पर निकलेंगे. फिर से विश्व धरोहर अपने इतिहास में साहित्य की यात्रा को दर्ज करेगी. जिसमें 30 के करीब वरिष्ठ और युवा कलाकार अपनी-अपनी रचनाओं की प्रस्तुतियां देंगे. हिमालय मंच के अध्यक्ष और लेखक एसआर हरनोट ने बताया कि साहित्यिक यात्रा रविवार को शिमला रेलवे स्टेशन से शुरू होकर बड़ोग स्टेशन तक चलेगी.
यात्रा के दौरान जाते और लौटते हुए जो भी स्टेशन इस दौरान पड़ेंगे, वहां कविता, गजल, कहानी और संस्मरण के सत्र रखे गए हैं. शिमला से बड़ोग तक की यात्रा में पड़ने वाले स्टेशनों में समरहिल, तारा देवी, कैथलिघाट, कंडाघाट और बड़ोग स्टेशन पड़ेंगे. जिन पर यह सत्र आयोजित किए जाएंगे. इस आयोजन में शिमला के वरिष्ठ लेखकों के साथ-साथ युवा लेखक भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देंगे.
एसआर हरनोट ने बताया कि इस आयोजन को बाबा भलखू कि स्मृति में आयोजित किया जा रहा है. बाबा भलखू जिनका कालका शिमला ट्रैक को बनाने में एक अहम योगदान है. जब अंग्रेजी इंजीनियर भी कालका-शिमला रेलवे लाइन का निर्माण करने में विफल हो गए थे तब बाबा भलखू ने अपनी जादुई छड़ी का ऐसा जादू दिखाया था कि इस ट्रैक की नपाई अपनी छड़ी से पूरी कर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को बनाने में अंग्रेजों की मदद की थी.
यही रेलवे ट्रैक आज विश्व धरोहर के रूप में अपनी पहचान विश्व भर में बनाए हुए हैं. हर वर्ष लाखों सैलानी इस ट्रैक के रोमांचकारी सफर का आनंद उठाने के लिए राजधानी शिमला पहुंचते हैं. बाबा भलखू के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए और उन्हें इस साहित्यिक यात्रा को समर्पित करते हुए इस तरह के आयोजन कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर मंच की ओर से करवाए जा रहे हैं.