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तम्बाकू दिवस विशेषः 1 साल में 2500 से 3000 आए नए कैंसर मरीज, धूम्रपान सबसे बड़ी वजह

कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक साल में 2500 से 3000 मरीज कैंसर के आते है. इसमें 350 मरीज लंग्स कैंसर के होते है और लंग कैंसर के मरीज 100 फीसदी धूम्रपान करने वाले होते हैं. ऐसे में तंबाकू जानलेवा बन जाता है.

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Published : May 31, 2021, 6:21 PM IST

शिमलाः तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन कैंसर को निमंत्रण देना है. कोविड काल में तम्बाकू का सेवन करने वालों को बड़ा खतरा है. प्रदेश में कैंसर की स्थिति के बारे में जब कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक साल में 2500 से 3000 मरीज कैंसर के आते है. इसमें 350 मरीज लंग्स कैंसर के होते है और लंग्स कैंसर के मरीज 100 फीसदी धूम्रपान करने वाले होते हैं. ऐसे में तंबाकू जानलेवा बन जाता है.

तंबाकू से होती है ये बीमारी

उनका कहना था कि तंबाकू से अन्य बीमारी भी होती है जैसे हार्ट, रेस्पिरेटरी सिस्टम को कमजोर करता है. उन्होंने बताया की कोरोना काल मे तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन खतरनाक हो सकता है. तम्बाकू और इससे बने पदार्थों का सेवन करने के कारण फेफड़ों का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, डायबिटीज का खतरा, हृदय रोग, कोलन कैंसर और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं.

वीडियो.

हर साल तम्बाकू से 50 लाख लोगों की होती हैं मौत

दुनिया में हर साल तम्बाकू से जुड़ी बीमारियों से करीब 50 लाख लोगों की मौत होती है, लेकिन इसके बावजूद लोग लगातार तंबाकू के आदी बनते जा रहे हैं. धूम्रपान के सेवन से कई दुष्‍‍परिणामों को झेलना पड़ सकता है. इतना ही नहीं महिलाओं में तंबाकू का सेवन गर्भपात या होने वाले बच्चे में विकार उत्पन्न कर सकता है. भारत की स्थिति भारत में भी तंबाकू से जुड़ी बीमारियां बहुत फैली हुई हैं.

यूं तो कहने को भारत में सरकार ने धूम्रपान निषेध कानून बनाया जिसमें सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान है, लेकिन अब इस सार्वजनिक जगह में किस-किस जगह को शामिल किया गया है. इसके बारे में किसी को नहीं पता. लोग धड़ल्ले से रेल स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टैंडों पर सिगरेट पीते हैं.

हिमाचल में हर तीसरा व्यक्ति करता है शराब का सेवन

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में खुलासा हुआ है कि हिमाचल में हर तीसरा व्यक्ति शराब का सेवन करता है. रिपोर्ट में सामने आया है कि राज्य में औसतन हर तीसरा आदमी शराब और तम्बाकू का सेवन करता है. हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में 15 साल से अधिक उम्र के तकरीबन 32 फीसदी लोग शराब पीते हैं. शहरी इलाकों में जहां यह प्रतिशत 30 फीसदी से ज्यादा है. ग्रामीण इलाकों में 32 फीसदी से ज्यादा लोग शराब का सेवन करते हैं. इसी तरह पूरे प्रदेश में 32 फीसदी से ज्यादा लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं.

इन जिलों में होता है नशे का ज्यादा प्रयोग

हालांकि, इनकी संख्या पुरुषों के मुकाबले न के बराबर है. पूरे प्रदेश में जहां 1.7 फीसदी महिलाएं तम्बाकू खाती हैं. वहीं, महज 0.6 फीसदी महिलाएं ही शराब का सेवन करती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में 4 जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और शिमला में नशे का ज्यादा प्रयोग हो रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना: जानिए इस 'जंग' से लड़ने के लिए सरकार की क्या है तैयारी

शिमलाः तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन कैंसर को निमंत्रण देना है. कोविड काल में तम्बाकू का सेवन करने वालों को बड़ा खतरा है. प्रदेश में कैंसर की स्थिति के बारे में जब कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक साल में 2500 से 3000 मरीज कैंसर के आते है. इसमें 350 मरीज लंग्स कैंसर के होते है और लंग्स कैंसर के मरीज 100 फीसदी धूम्रपान करने वाले होते हैं. ऐसे में तंबाकू जानलेवा बन जाता है.

तंबाकू से होती है ये बीमारी

उनका कहना था कि तंबाकू से अन्य बीमारी भी होती है जैसे हार्ट, रेस्पिरेटरी सिस्टम को कमजोर करता है. उन्होंने बताया की कोरोना काल मे तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन खतरनाक हो सकता है. तम्बाकू और इससे बने पदार्थों का सेवन करने के कारण फेफड़ों का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, डायबिटीज का खतरा, हृदय रोग, कोलन कैंसर और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं.

वीडियो.

हर साल तम्बाकू से 50 लाख लोगों की होती हैं मौत

दुनिया में हर साल तम्बाकू से जुड़ी बीमारियों से करीब 50 लाख लोगों की मौत होती है, लेकिन इसके बावजूद लोग लगातार तंबाकू के आदी बनते जा रहे हैं. धूम्रपान के सेवन से कई दुष्‍‍परिणामों को झेलना पड़ सकता है. इतना ही नहीं महिलाओं में तंबाकू का सेवन गर्भपात या होने वाले बच्चे में विकार उत्पन्न कर सकता है. भारत की स्थिति भारत में भी तंबाकू से जुड़ी बीमारियां बहुत फैली हुई हैं.

यूं तो कहने को भारत में सरकार ने धूम्रपान निषेध कानून बनाया जिसमें सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान है, लेकिन अब इस सार्वजनिक जगह में किस-किस जगह को शामिल किया गया है. इसके बारे में किसी को नहीं पता. लोग धड़ल्ले से रेल स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टैंडों पर सिगरेट पीते हैं.

हिमाचल में हर तीसरा व्यक्ति करता है शराब का सेवन

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में खुलासा हुआ है कि हिमाचल में हर तीसरा व्यक्ति शराब का सेवन करता है. रिपोर्ट में सामने आया है कि राज्य में औसतन हर तीसरा आदमी शराब और तम्बाकू का सेवन करता है. हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में 15 साल से अधिक उम्र के तकरीबन 32 फीसदी लोग शराब पीते हैं. शहरी इलाकों में जहां यह प्रतिशत 30 फीसदी से ज्यादा है. ग्रामीण इलाकों में 32 फीसदी से ज्यादा लोग शराब का सेवन करते हैं. इसी तरह पूरे प्रदेश में 32 फीसदी से ज्यादा लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं.

इन जिलों में होता है नशे का ज्यादा प्रयोग

हालांकि, इनकी संख्या पुरुषों के मुकाबले न के बराबर है. पूरे प्रदेश में जहां 1.7 फीसदी महिलाएं तम्बाकू खाती हैं. वहीं, महज 0.6 फीसदी महिलाएं ही शराब का सेवन करती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में 4 जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और शिमला में नशे का ज्यादा प्रयोग हो रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना: जानिए इस 'जंग' से लड़ने के लिए सरकार की क्या है तैयारी

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