शिमला: हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं में लोग आए दिन अपनी जान गंवा रहे हैं. लोग लापरवाही कर दुर्घटनाओं को खुला न्योता दे रहे हैं. पुलिस विभाग द्वारा जारी एक साल की IRAD रिपोर्ट में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एक साल के अंदर हिमाचल में 2400 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 966 लोगों की मौत हुई है.
![Road accidents in Himachal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-10-2023/hp-sml-01-rodaccident-hp10001_19102023175151_1910f_1697718111_682.jpg)
इस रिपोर्ट के मुताबिक कांगड़ा में सबसे अधिक 313 सड़क हादसे हुए हैं, जबकि सिरमौर जिला 233 एक्सीडेंट के साथ चौथे स्थान पर है. दूसरे स्थान पर शिमला 302 और तीसरे स्थान पर मंडी 289 सड़क हादसों के साथ है. इनमें अधिकांश भयानक सड़क हादसे शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच होते है. इसका खुलासा भी IRAD यानि एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस की रिपोर्ट में ही हुआ है. इस रिपोर्ट में शामिल डेटा और विश्लेषण सभी के लिए सड़क सुरक्षा के सामान्य लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में सभी हितधारकों के लिए सहायक होगा.
![Road accidents in Himachal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-10-2023/hp-sml-01-rodaccident-hp10001_19102023175151_1910f_1697718111_162.jpg)
हिमाचल प्रदेश पुलिस टीटीआर शिमला के एडिश्नल एसपी नरवीर सिंह राठौर ने कहा कि एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस आईआरएडी परियोजना भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मोर्थ की एक पहल है और इसे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. जिसका उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है. परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर हिस्से से दुर्घटना डेटाबेस को समृद्ध करने के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस आईआरएडी का विकास करना है.
![Road accidents in Himachal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-10-2023/hp-sml-01-rodaccident-hp10001_19102023175151_1910f_1697718111_914.jpg)
यह परियोजना डेटा एनालिटिक्स तकनीक के कार्यान्वयन के माध्यम से देश भर में एकत्रित सड़क दुर्घटना डेटा का विश्लेषण करके विभिन्न प्रकार की अंतर्दृष्टि उत्पन्न करेगी. प्रस्तावित प्रणाली आसान समझ के लिए मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग डैशबोर्ड और एनालिटिक्स डैशबोर्ड के माध्यम से विश्लेषण आउटपुट का प्रतिनिधित्व करेगी और तदनुसार नई नीतियों और रणनीतियों के निर्माण के लिए शीर्ष अधिकारियों द्वारा पूर्वानुमान और निर्णय लेगी. परियोजना के परिणाम से भारत में सड़क सुरक्षा यानी सभी के लिए सुरक्षित सड़क में वृद्धि होगी.
ये भी पढ़ें- IND vs NZ: भारत-न्यूजीलैंड धर्मशाला मैच में खलल डाल सकता है मौसम