शिमलाः शहर में अब लोग कूड़े से बनी गैस से रसोई में खाना बना पाएंगे. राजधानी के लालपानी में स्थापित प्रदेश का पहला बायोगैस प्लांट शुरू हो गया है. प्लांट में रोजाना गीले कचरे से करीब आठ सिलेंडर गैस तैयार हो रही है.
बता दें कि पिछले डेढ़ महिने से इस प्लांट में गैस बनाने का ट्रायल चल रहा था जो अब सफल हो गया है. अभी यह गैस साथ लगते एसटीपी प्लांट में इस्तेमाल की जा रही है. इसके अलावा एक कर्मचारी को भी इसकी सुविधा दी गई है.
आने वाले दिनों में एसटीपी के आधा दर्जन कर्मचारियों को खाना बनाने के लिए इसी प्लांट से निशुल्क गैस की सप्लाई दी जाएगी. नगर निगम द्वारा यूरोपियन यूनियन प्रोजेक्ट के तहत करीब 36 लाख रुपये की लागत से यह प्लांट स्थापित किया है.
वहीं, नगर निगम अब शहर में अन्य जगहों पर भी इस तरह के प्लांट स्थापित करेगा, जिससे शहर के लोग खाना बनाने के लिए गैस का इस्तेमाल कर सकेगे. सोमवार को महापौर कुसुम सदरेट ने इस प्लांट का दौरा किया और प्लांट में कैसे गीले कचरे से गैस तैयार हो रही है इसका जायजा लिया. उन्होंने कहा कि नगर निगम का प्रयास सफल रहा है और जो खाने और सब्जियों का वेस्ट बचता है उससे गैस बनाई जा रही है.
नगर निगम द्वारा तैयार किए गए बायोगैस प्लांट में अभी फिलहाल प्लांट कर्मियों को ही खाना बनाने के लिए गैस की सप्लाई दी जा रही है. प्लांट में जब ज्यादा गैस बनेगी तो आसपास के भवनों में भी लोगों को ये गैस मुहैया करवाई जाएगी. दावा किया जा रहा है कि गैस सिलेंडर से काफी कम दामों पर लोगों को ये गैस मुहैया करवाई जाएगी.