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हिमाचल निर्माता के जीवन पर आधारित 2 पुस्तकों का विमोचन, CM बोले- डॉ. परमार के पदचिन्हों पर चल रही सरकार

डॉ. वाईएस परमार की 113वीं जयंती पर प्रदेश विधानसभा और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने उनकी जीवन पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया.

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Published : Aug 4, 2019, 11:53 PM IST

CM jairam thakur

शिमला: हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की 113वीं जयंती पर प्रदेश विधानसभा और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा उनकी जीवन पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. परमार द्वारा पूरे प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास के लिए तैयार किए गए रोडमैप का अनुसरण कर रही है. उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल प्रदेश के स्वतंत्र दर्जे के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया, बल्कि संसाधनों के अभाव के समय भविष्य में प्रदेश के विकास के लिए एक सुदृढ़ नींव रखी.

सीएम ने कहा कि डॉ. परमार किसानों और समाज के कमजोर वर्गों के विकास तथा कल्याण की सोच रखते थे. उन्होंने सदैव सभी क्षेत्रों के तीव्र विकास के लिए सड़कों के निर्माण पर विशेष बल दिया. वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में भी बेहतर सड़क सुविधा शामिल है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी को महान व्यक्तियों के जीवन और उनके द्वारा समाज के विकास के प्रति दिए गए योगदानों से अवगत करवाया जाना चाहिए, क्योंकि कोई भी समाज अपने स्वर्णिम इतिहास को भूल कर प्रगति नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि इस दिवस के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार भविष्य में राज्य की सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं और महाविद्यालयों में समारोह आयोजित करवाएगी ताकि छात्र डॉ. परमार के जीवन और योगदानों के बारे में जान कर उनसे प्रेरणा ले सके.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. परमार के पुत्र कुश परमार और उनकी धर्मपत्नी सत्या परमार को सम्मानित किया.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने सड़कों के निर्माण, जल विद्युत सृजन, सब्जी उत्पादन, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और प्रदेश में निर्मित उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे विस्तार पर बल दिया. उन्होंने सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समग्र विकास में विश्वास रखा और वे प्रदेश के लोगों के प्रति बेहद संवेदनशील थे.

डॉ. वाईएस परमार की 113वीं जयंती

वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने डॉ. वाईएस परमार जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के निर्माण और विकास में डॉ. परमार के संघर्ष और योगदान को स्मरण किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग सदैव डॉ. परमार के आभारी रहेंगे.

इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि डॉ. परमार सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समान विकास में विश्वास व विधानसभा के सदस्यों के प्रति आदर रखते थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सोच के कारण ही इस समारोह को डॉ. परमार और उनके द्वारा प्रदेश के प्रति दिए गए स्मरणीय योगदानों के सम्मान में राज्य स्तर पर आयोजित किया गया.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में अलर्ट के बाद हिमाचल में एहतियात बरतने के निर्देश, सुरक्षा व्यवस्था पर ये बोले CM जयराम

शिमला: हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की 113वीं जयंती पर प्रदेश विधानसभा और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा उनकी जीवन पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. परमार द्वारा पूरे प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास के लिए तैयार किए गए रोडमैप का अनुसरण कर रही है. उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल प्रदेश के स्वतंत्र दर्जे के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया, बल्कि संसाधनों के अभाव के समय भविष्य में प्रदेश के विकास के लिए एक सुदृढ़ नींव रखी.

सीएम ने कहा कि डॉ. परमार किसानों और समाज के कमजोर वर्गों के विकास तथा कल्याण की सोच रखते थे. उन्होंने सदैव सभी क्षेत्रों के तीव्र विकास के लिए सड़कों के निर्माण पर विशेष बल दिया. वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में भी बेहतर सड़क सुविधा शामिल है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी को महान व्यक्तियों के जीवन और उनके द्वारा समाज के विकास के प्रति दिए गए योगदानों से अवगत करवाया जाना चाहिए, क्योंकि कोई भी समाज अपने स्वर्णिम इतिहास को भूल कर प्रगति नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि इस दिवस के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार भविष्य में राज्य की सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं और महाविद्यालयों में समारोह आयोजित करवाएगी ताकि छात्र डॉ. परमार के जीवन और योगदानों के बारे में जान कर उनसे प्रेरणा ले सके.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. परमार के पुत्र कुश परमार और उनकी धर्मपत्नी सत्या परमार को सम्मानित किया.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने सड़कों के निर्माण, जल विद्युत सृजन, सब्जी उत्पादन, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और प्रदेश में निर्मित उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे विस्तार पर बल दिया. उन्होंने सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समग्र विकास में विश्वास रखा और वे प्रदेश के लोगों के प्रति बेहद संवेदनशील थे.

डॉ. वाईएस परमार की 113वीं जयंती

वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने डॉ. वाईएस परमार जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के निर्माण और विकास में डॉ. परमार के संघर्ष और योगदान को स्मरण किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग सदैव डॉ. परमार के आभारी रहेंगे.

इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि डॉ. परमार सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समान विकास में विश्वास व विधानसभा के सदस्यों के प्रति आदर रखते थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सोच के कारण ही इस समारोह को डॉ. परमार और उनके द्वारा प्रदेश के प्रति दिए गए स्मरणीय योगदानों के सम्मान में राज्य स्तर पर आयोजित किया गया.

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Intro: प्रदेश विधानसभा तथा भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. वाई.एस. परमार के जीवन पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने डॉ. वाई.एस. परमार की 113वीं जयंती के अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. परमार द्वारा पूरे प्रदेश के समग्र तथा संतुलित विकास के लिए तैयार किए गए रोडमैप का अनुसरण कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल प्रदेश के स्वतंत्र दर्जे के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया, बल्कि संसाधनों के अभाव के समय भविष्य में प्रदेश के विकास के लिए एक सुदृढ़ नीवं रखी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार किसानों तथा समाज के कमजोर वर्गों के विकास तथा कल्याण की सोच रखते थे। उन्होंने सदैव सभी क्षेत्रों के तीव्र विकास के लिए सड़कों के निर्माण पर विशेष बल दिया। वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में भी बेहतर सड़क सुविधा शामिल है। Body:मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी को महान व्यक्तियों के जीवन तथा उनके द्वारा समाज के विकास के प्रति दिए गए योगदानों से अवगत करवाया जाना चाहिए, क्योंकि कोई भी समाज अपने स्वार्णीम इतिहास को भूल कर प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस दिवस के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार भविष्य में राज्य की सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों में समारोह आयोजित करवाएगी ताकि छात्र डॉ. परमार के जीवन तथा योगदानों के बारे में जान सकें तथा उनसे प्रेरणा ले सकें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. परमार के सुपुत्र कुश परमार तथा उनकी धर्मपत्नी सत्या परमार को सम्मानित किया।

Conclusion:इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी नेता था, जिन्होंने सड़कों के निर्माण, जल विद्युत सृजन, सब्जी उत्पादन, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना तथा प्रदेश में निर्मित उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे विस्तार पर बल दिया। उन्होंने सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समग्र विकास में विश्वास रखा तथा वे प्रदेश के लोगों के प्रति बेहद संवेदनशील थे।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने डॉ. वाई.एस. परमार जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के निर्माण तथा विकास में डॉ. परमार के संघर्ष तथा योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग सदैव डॉ. परमार के आभारी रहेंगे।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि डॉ. परमार सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समान विकास में विश्वास व विधानसभा के सदस्यों के प्रति आदर रखते थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की सोच के कारण ही इस समारोह को डॉ. परमार तथा उनके द्वारा प्रदेश के प्रति दिए गए स्मरणीय योगदानों के सम्मान में राज्य स्तर पर आयोजित किया गया।
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