शिमला: नगर निगम शिमला में नया रोस्टर लागू होने से पिछले सदन में चुनकर आए 11 पार्षद अबकी बार चुनाव से बाहर हो गए हैं. इनमें दो डिप्टी मेयर सहित पिछली बार मेयर पद के प्रबल दावेदार रहे एक वरिष्ठ पार्षद भी शामिल हैं. नए रोस्टर ने इन पार्षदों का चुनाव लड़कर बड़ा ओहदा पाने की हसरतों पर पानी फेर दिया है. नगर निगम शिमला के तहत 34 वार्ड हैं, नियमानुसार 50 फीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित रखना जरूरी है. इसके मुताबिक 17 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए हैं. ऐसे में नए रोस्टर के चलते अब ये पार्षद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
शिमला नगर निगम चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य दलों के लोग दावेदारी पेश कर रहे हैं. लेकिन कई बड़े संभावित दावेदारों को नए रोस्टर सिस्टम ने अबकी बार बाहर कर दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके वार्डों को अबकी बार महिलाओं के लिए रिजर्व कर दिया गया है. नियमानुसार हर चुनाव में रोस्टर बदलता है, ऐसे में पिछले सदन में चुने गए पार्षद इस नियम की जद में आ गए हैं.
पिछले सदन में चुने गए BJP समर्थित 6 पार्षद नहीं लड़ पाएंगे चुनाव: पिछले सदन में चुनकर आए 11 पार्षद महिलाओं के लिए उनका वार्ड रिजर्व होने की वजह से इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इनमें बीजेपी समर्थित 6 पार्षद शामिल हैं. बीजेपी समर्थित जो पार्षद चुनावी दंगल से बाहर हो गए हैं, उनमें रुल्दभट्टा से संजीव ठाकुर, कैथू से सुनील धर, टूटू से विवेक शर्मा, कच्छीघाटी से संजय परमार, लोअर ढली से शैलेंद्र चौहान, पंथाघाटी से राकेश शर्मा शामिल हैं. बाहर होने वाले इन छह पार्षदों में दो पार्षद पूर्व में डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं. इनमें लोअर ढली से शैलेंद्र चौहान और पंथाघाटी से राकेश शर्मा शामिल हैं.
राकेश शर्मा पिछले चुनाव में बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़े थे, लेकिन उनको बाद में निर्दलीय जीतने पर उनको डिप्टी मेयर बना दिया गया था. अढाई साल डिप्टी मेयर रहने के बाद शैलेंद्र चौहान को डिप्टी मेयर चुना गया था. इस तरह पिछले कार्यकाल में डिप्टी मेयर रहने वाले ये दोनों दिग्गज रोस्टर सिस्टम लागू होने से बाहर हो गए हैं. यही नहीं रुल्द भट्टा से पिछली बार चुनकर आए वरिष्ठ पार्षद संजीव ठाकुर का वार्ड रिजर्व होने से वे भी अबकी बार बाहर हो गए हैं. संजीव ठाकुर पिछली बार मेयर पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन अबकी बार वे भी चुनाव दंगल से बाहर हैं.
कांग्रेस समर्थित पांच पार्षद भी हुए बाहर: नगर निगम में नया रोस्टर लागू होने से अबकी बार पिछले सदन में चुनकर आए कांग्रेस समर्थित पांच पार्षद भी चुनाव से बाहर हो गए हैं. इनमें टूटीकंडी से आनंद कौशल, मज्याठ से दिवाकर शर्मा, लोअर बाजार से इंद्रजीत सिंह, मल्याणा से कुलदीप ठाकुर और कसुम्पटी से राकेश चौहान शामिल हैं. टूटीकंडी से आनंद कौशल पिछले सदन में डिप्टी मेयर के भी दावेदार थे. इस तरह कांग्रेस के इन नेताओं को भी नए रोस्टर की वजह से चुनावी दंगल से बाहर होना पड़ा है.
महिलाओं के लिए 17 वार्ड हैं आरक्षित: नगर निगम के चुनाव के लिए जो रोस्टर बनाया गया है उसमें 34 वार्डों में से 17 वार्ड महिलाओं के लिए रिजर्व हैं. जिनमें तीन एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इस तरह 14 वार्ड अनारक्षित हैं. 3 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. हालांकि अनारक्षित वार्डों में कोई भी चुनाव लड़ सकता है. इसी तरह महिलाओं के लिए आरक्षित 17 वार्डों में से 3 वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
पुनर्सीमांकन के बाद बनाए गए थे 41 वार्ड: पूर्व बीजेपी सरकार ने नगर निगम शिमला में 7 नए वार्ड शामिल किए थे. इस तरह वार्डों की संख्या 34 से 41 कर दी गई थी. लेकिन पुनर्सीमांकन की इस प्रक्रिया को कांग्रेस की नाभा से पार्षद सिमी नंदा ने कोर्ट में चुनौती दी और यह मामला हाई कोर्ट के बाद अंतत सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा. 41 वार्ड बनाने के बाद भी नया रोस्टर सिस्टम बना दिया गया था. इस बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई, जिसने नगर निगम शिमला के वार्ड पूर्व की तरह 34 कर दिए. हालांकि भाजपा इस मुद्दे पर कोर्ट ले गई है.
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