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प्रदेश के 11 कॉलेजिस ने NAAC से मान्यता के लिए किया आवेदन, बढ़ेगी RUSA ग्रांट की राशि!

कॉलेजिस को नैक से मान्यता दिलवाने का शिक्षा विभाग का प्रयास सफल प्रदेश के 11 कॉलेजिस ने NAAC से मान्यता के लिए किया आवेदन, बढ़ सकती है RUSA ग्रांट की राशि

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Published : Mar 18, 2019, 9:52 PM IST

कॉन्सेप्ट इमेज.

शिमला: प्रदेश को मिलने वाली रूसा ग्रांट को बढ़ाने के लिए कॉलेजिस को नैक से मान्यता दिलवाने का शिक्षा विभाग का प्रयास सफल हो रहा है. प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजिस का आंकड़ा कम था, जिसकी वजह से कुछ ही कॉलेजिस को नैक की ग्रांट प्राप्त हो पा रही थी. आंकड़े को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने कॉलेजिस को नैक अक्रिडिकेशन के लिए आवेदन करने के निर्देश जारी किये हैं.

shimla
कॉन्सेप्ट इमेज.

विभाग द्वारा जारी निर्देशों से प्रदेश में 11 कॉलेजिस ने पहली बार नैक से मान्यता के लिए आवेदन किया है. प्रदेश में कुल 129 कॉलेज ऐसे हैं, जो नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र है. इसमें से 31 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार नैक से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. इन कॉलेजिस में पहुंचकर निरीक्षण कर नैक ने कॉलेजिस को ग्रेड दे दिया है.

बता दें कि 11 कॉलेजिस ने पहली बार नैक के लिए आवेदन किया है, जिन्हें अब नैक की ओर से निरीक्षण के लिए समय दिया जा रहा है. इसी महीने के अंत में ढलियारा कॉलेज में नैक की टीम निरीक्षण पर आ रही है और इसके बाद इस कॉलेज को भी नैक से मान्यता मिल जाएगी.

दरअसल, प्रदेश में कुल 10 ही कॉलेजिस ही ऐसे हैं, जिन्होंने नैक से दूसरे चरण की मान्यता लेनी है. इसके अलावा बाकी सभी कॉलेजिस को पहली बार ही नैक से मान्यता मिलनी है. ऐसे में अधिकतर कॉलेज ऐसे थे जिन्हें नैक से मान्यता ना होने के चलते रूसा के तहत मिलने वाली ग्रांट ही नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अब मान्यता मिलने के बाद ये कॉलेज भी रूसा की ग्रांट के लिए पात्र हो पाए हैं.
एमएचआरडी ने रूसा के दूसरे चरण में केवल उन्हीं शिक्षण संस्थानों को रूसा से मिलने वाली ग्रांट के लिए पात्र माना है, जिनके पास नैक से मान्यता है. यही वजह थी कि प्रदेश के बहुत से कॉलेजिस को इसी वजह से रूसा की ग्रांट नहीं मिल पा रही थी कि उन्हें नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है.

शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा का कहना है कि प्रदेश के कॉलेज अब नैक से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं. नैक की टीम भी आवेदन करने वाले कॉलेजों को जल्द से जल्द का समय दे रही है, ताकि जल्द ही कॉलेज नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि नैक से मान्यता मिलने के बाद कॉलेज रूसा की ग्रांट ले कर इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास करने के साथ ही कॉलेजों के स्तर को बढ़ा पाएंगे.

शिमला: प्रदेश को मिलने वाली रूसा ग्रांट को बढ़ाने के लिए कॉलेजिस को नैक से मान्यता दिलवाने का शिक्षा विभाग का प्रयास सफल हो रहा है. प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजिस का आंकड़ा कम था, जिसकी वजह से कुछ ही कॉलेजिस को नैक की ग्रांट प्राप्त हो पा रही थी. आंकड़े को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने कॉलेजिस को नैक अक्रिडिकेशन के लिए आवेदन करने के निर्देश जारी किये हैं.

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विभाग द्वारा जारी निर्देशों से प्रदेश में 11 कॉलेजिस ने पहली बार नैक से मान्यता के लिए आवेदन किया है. प्रदेश में कुल 129 कॉलेज ऐसे हैं, जो नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र है. इसमें से 31 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार नैक से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. इन कॉलेजिस में पहुंचकर निरीक्षण कर नैक ने कॉलेजिस को ग्रेड दे दिया है.

बता दें कि 11 कॉलेजिस ने पहली बार नैक के लिए आवेदन किया है, जिन्हें अब नैक की ओर से निरीक्षण के लिए समय दिया जा रहा है. इसी महीने के अंत में ढलियारा कॉलेज में नैक की टीम निरीक्षण पर आ रही है और इसके बाद इस कॉलेज को भी नैक से मान्यता मिल जाएगी.

दरअसल, प्रदेश में कुल 10 ही कॉलेजिस ही ऐसे हैं, जिन्होंने नैक से दूसरे चरण की मान्यता लेनी है. इसके अलावा बाकी सभी कॉलेजिस को पहली बार ही नैक से मान्यता मिलनी है. ऐसे में अधिकतर कॉलेज ऐसे थे जिन्हें नैक से मान्यता ना होने के चलते रूसा के तहत मिलने वाली ग्रांट ही नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अब मान्यता मिलने के बाद ये कॉलेज भी रूसा की ग्रांट के लिए पात्र हो पाए हैं.
एमएचआरडी ने रूसा के दूसरे चरण में केवल उन्हीं शिक्षण संस्थानों को रूसा से मिलने वाली ग्रांट के लिए पात्र माना है, जिनके पास नैक से मान्यता है. यही वजह थी कि प्रदेश के बहुत से कॉलेजिस को इसी वजह से रूसा की ग्रांट नहीं मिल पा रही थी कि उन्हें नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है.

शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा का कहना है कि प्रदेश के कॉलेज अब नैक से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं. नैक की टीम भी आवेदन करने वाले कॉलेजों को जल्द से जल्द का समय दे रही है, ताकि जल्द ही कॉलेज नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि नैक से मान्यता मिलने के बाद कॉलेज रूसा की ग्रांट ले कर इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास करने के साथ ही कॉलेजों के स्तर को बढ़ा पाएंगे.

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