ETV Bharat / state

शिमला में स्क्रब टायइस से 1 साल की बच्ची की मौत, अब तक प्रदेश में 14 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में आज एक 1 साल की बच्ची की मौत स्क्रब टाइफस से हो गई है. वहीं, स्क्रब टाइफस से कुल मौतों का आंकड़ा 14 पहुंच गया है. पढ़ें पूरी खबर... (1 year old girl dies of scrub typhus in Shimla) (Himachal Scrub Typhus News) (Scrub Typhus in Himachal).

Scrub Typhus in Himachal
सांकेतिक तस्वीर.
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 3, 2023, 9:40 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से शिमला जिले में 1 साल की बच्ची की मौत हो गई है. अब स्क्रब टाइफस से होने वाली मौत का आंकड़ा 14 पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार 1 साल की बच्ची स्क्रब टाइफस संक्रमण होने के चलते आईजीएमसी में एडमिट थी. आज बच्ची की मौत हो गई है. मौत का कारण स्क्रब टायइस बताया है. इसके अलावा डोडरा क्वार के रहने वाले एक 65 साल के व्यक्ति ने भी 1 अक्टूबर को अस्पताल में दम तोड़ा था.

आईजीएमसी में अब तक स्क्रब टाइफस के 1453 सैंपल लिए गए, जिसमें ये 438 लोग संक्रमित पाए गए. मंगलवार को कुल 20 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 4 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल रॉव का कहना है कि स्क्रब टाइफस से एक बच्ची और एक व्यक्ति की मौत हुई है. प्रदेश में 14 लोग अब तक स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में एडमिट मरीजों पर डॉक्टरों की टीम पूरी नजर रख रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार हैं तो वे अपना स्क्रब टाइफस का टेस्ट जरूर करवाएं.

क्या होता है स्क्रब टाइफस?: स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाए, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.

स्क्रब टाइफस के मुख्य लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण हैं.

स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है. लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें और कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है. स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर तुरन्त डॉक्टर से चेकअप करवाएं.

ये भी पढ़ें- Himachal Crypto Currency Fraud: हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 18 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम देने वाले 3 मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गुजरात में छिपे थे शातिर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से शिमला जिले में 1 साल की बच्ची की मौत हो गई है. अब स्क्रब टाइफस से होने वाली मौत का आंकड़ा 14 पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार 1 साल की बच्ची स्क्रब टाइफस संक्रमण होने के चलते आईजीएमसी में एडमिट थी. आज बच्ची की मौत हो गई है. मौत का कारण स्क्रब टायइस बताया है. इसके अलावा डोडरा क्वार के रहने वाले एक 65 साल के व्यक्ति ने भी 1 अक्टूबर को अस्पताल में दम तोड़ा था.

आईजीएमसी में अब तक स्क्रब टाइफस के 1453 सैंपल लिए गए, जिसमें ये 438 लोग संक्रमित पाए गए. मंगलवार को कुल 20 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 4 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल रॉव का कहना है कि स्क्रब टाइफस से एक बच्ची और एक व्यक्ति की मौत हुई है. प्रदेश में 14 लोग अब तक स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में एडमिट मरीजों पर डॉक्टरों की टीम पूरी नजर रख रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार हैं तो वे अपना स्क्रब टाइफस का टेस्ट जरूर करवाएं.

क्या होता है स्क्रब टाइफस?: स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाए, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.

स्क्रब टाइफस के मुख्य लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण हैं.

स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है. लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें और कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है. स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर तुरन्त डॉक्टर से चेकअप करवाएं.

ये भी पढ़ें- Himachal Crypto Currency Fraud: हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 18 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम देने वाले 3 मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गुजरात में छिपे थे शातिर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.