करसोग: हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद भी जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है. प्रदेश में जिला परिषद कैडर के करीब 4700 कर्मचारियों को व्यवस्था परिवर्तन के बाद ग्रामीण विकास विभाग एवम पंचायतीराज में विलय होने और छठे वेतन आयोग सहित अन्य लाभ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन नई सरकार बनने के पांच महीने बाद भी कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हुई है. ऐसे में जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ पंचायतीराज विभाग फिर से आंदोलन करने की तैयारी में है. जिसको लेकर जल्द ही राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमेंआंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी
'CM सुक्खू ने दिया था मांग पूरा करने का भरोसा': प्रदेश में लंबे समय से संघर्ष कर रहे जिला परिषद कैडर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मांग पूरा न होने पर पूर्व भाजपा की सरकार में जुलाई 2022 में हड़ताल की थी. 11 दिनों तक पंचायतों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया था. जिससे मनरेगा सहित पंचायतों से संबंधित अन्य जरूरी काम न होने से आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उस समय कांग्रेस भी जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के समर्थन में उतर गई थी. महासंघ के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नादौन विकासखंड में हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर कांग्रेस के सत्ता में आते ही मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन जयराम सरकार को कर्मचारी विरोधी भी बताया था.
18 मई को कर्मचारियों ने की थी सीएम से मुलाकात: अपनी लंबित मांगों को लेकर जिला परिषद कैडर के कर्मचारी 18 मई को भी सीपीएस संजय अवस्थी की अध्यक्षता में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले थे. जिसमें कर्मचारियों ने सीएम को अवगत कराया था कि एक ही विभाग में दो तरह कैडर नहीं हो सकते हैं. वहीं, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ 2016 से दिया जा चुका हैं. जबकि जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिला हैं. इस दौरान कर्मचारियों को उक्त मामला वित्त विभाग में भेजे जाने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया हैं. ऐसे में जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटने लगा हैं और अब जल्द ही महासंघ हड़ताल का ऐलान कर सकता हैं.
ये कर्मचारी आते हैं जिला परिषद कैडर में: जिला परिषद कैडर में पंचायत सचिव, तकनीक सहायक, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ लेखापाल व अधिशाषी अभियंता आते हैं. प्रदेश भर में जिनकी संख्या करीब 4700 है. जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ पंचायतीराज विभाग के अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद भी जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की मांग पूरी नही हुई हैं. अगर अब भी मांग पूरा नहीं होती है तो कर्मचारी फिर से आंदोलन करेंगे. इसके लिए जल्द ही महासंघ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करेगी.
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