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चारदीवारी से निकल कर राजकाज चला रही नारीशक्ति, यहां पंचायतीराज में 56.78 % सीटें महिलाओं के पास - पंचायतीराज

करसोग में वर्ष 2016 में पंचायतीराज संस्था के लिए हुए चुनाव में कुल 398 में से 227 सीटों पर महिलाओं ने कब्जा किया. घर की चारदीवारी से निकल कर महिलाएं लोकतंत्र की छोटी संसद में बखूबी विकासकार्यों में अपना पूरा योगदान दे रही है.

राजेंद्र सिंह टेजटा
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Published : Sep 9, 2019, 5:52 PM IST

करसोग: ग्रामीण क्षेत्रों में घर की चारदिवारी से बाहर निकल कर नारीशक्ति अब राजकाज चलाने में पुरुषों से आगे निकल गई हैं. घर के कार्यों का बीड़ा उठाने के साथ साथ महिलाओं ने राजनीति मोर्चे पर भी सफलता का झंडा गाड़ा है.वर्तमान में करसोग की पंचायतीराज संस्था में महिलाओं के कब्जे को देखते हुए तो ये बात साफ हो गई है.

हिमाचल में यूं तो महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण लागू है, लेकिन करसोग में पंचायतीराज संस्था में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाओं का कब्जा है. ऐसे में न केवल पंचायत स्तर पर बल्कि जिला परिषद में भी दबदबे के चलते महिलाओं को खूब मान सम्मान मिला है. करसोग में वर्ष 2016 में पंचायतीराज संस्था के लिए हुए चुनाव में कुल 398 में से 227 सीटों पर महिलाओं ने कब्जा किया. घर की चारदीवारी से निकल कर महिलाएं लोकतंत्र की छोटी संसद में बखूबी विकासकार्यों में अपना पूरा योगदान दे रही है.

ये है करसोग में पंचायतीराज संस्था में महिलाओं की स्थिति

करसोग में पंचायतों में प्रधानों की संख्या 54 है. इसमें 27 पदों पर महिलाओं का वर्चस्व है. ये कुल संख्या का 50 फीसदी है. इसी तरह से वार्ड सदस्यों की कुल संख्या 316 है. इसमें 185 पद महिलाओं के कब्जे में है. यह कुल वार्ड सदस्यों की संख्या का 58.54 फीसदी है. पंचायत समिति सदस्यों की संख्या भी 24 है. इसमें 12 सीटें पर महिलाओं का राज है. जो कुल संख्या का 50 फीसदी है. इसके अलावा जिला परिषद सदस्यों की संख्या 4 है, इसमें 3 पदों पर महिलाएं बिराजमान हैं. ये संख्या भी पुरुष सदस्यों की संख्या की तुलना में 75 फीसदी है.

प्रदेश की आधी आवादी को 2008 में दिया गया 50 फीसदी आरक्षण

पंचायतीराज संस्था में महिलाओं को वर्ष 2008 में 50 फीसदी आरक्षण दिया गया था. इसके पीछे प्रदेश की आधी आवादी को पुरुषों की तुलना में बराबर का अधिकार देना था. यही नही नारी सशक्तिकरण के लिहाज से भी सरकार का महत्वपूर्ण कदम था. लोकतंत्र की छोटी संसद में प्रधान, पंचायत समिति और जिला परिषद में ही महिलाओं को आरक्षण प्राप्त है, लेकिन पंचायतों में उपप्रधान पद के लिए महिलाओं को कोई आरक्षण नहीं दिया गया है.

अच्छा काम कर रही है महिलाएं: बीडीओ
बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि करसोग विकासखंड में पंचायतीराज में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाएं जीती है. उनका कहना कि पंचायतों सहित पंचायत समिति और जिला परिषद में महिलाएं अच्छा कार्य कर रही है. अपने अपने कार्यक्षेत्र में विकासकार्य करवाने में जनता के साथ महिलाओं का अच्छा तालमेल है.

ये भी पढ़ें: पूर्व मंत्री ने BJP विधायक को लिया आड़े हाथों, 'भाजपा सरकार में अधर में लटके विकास कार्य'

करसोग: ग्रामीण क्षेत्रों में घर की चारदिवारी से बाहर निकल कर नारीशक्ति अब राजकाज चलाने में पुरुषों से आगे निकल गई हैं. घर के कार्यों का बीड़ा उठाने के साथ साथ महिलाओं ने राजनीति मोर्चे पर भी सफलता का झंडा गाड़ा है.वर्तमान में करसोग की पंचायतीराज संस्था में महिलाओं के कब्जे को देखते हुए तो ये बात साफ हो गई है.

हिमाचल में यूं तो महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण लागू है, लेकिन करसोग में पंचायतीराज संस्था में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाओं का कब्जा है. ऐसे में न केवल पंचायत स्तर पर बल्कि जिला परिषद में भी दबदबे के चलते महिलाओं को खूब मान सम्मान मिला है. करसोग में वर्ष 2016 में पंचायतीराज संस्था के लिए हुए चुनाव में कुल 398 में से 227 सीटों पर महिलाओं ने कब्जा किया. घर की चारदीवारी से निकल कर महिलाएं लोकतंत्र की छोटी संसद में बखूबी विकासकार्यों में अपना पूरा योगदान दे रही है.

ये है करसोग में पंचायतीराज संस्था में महिलाओं की स्थिति

करसोग में पंचायतों में प्रधानों की संख्या 54 है. इसमें 27 पदों पर महिलाओं का वर्चस्व है. ये कुल संख्या का 50 फीसदी है. इसी तरह से वार्ड सदस्यों की कुल संख्या 316 है. इसमें 185 पद महिलाओं के कब्जे में है. यह कुल वार्ड सदस्यों की संख्या का 58.54 फीसदी है. पंचायत समिति सदस्यों की संख्या भी 24 है. इसमें 12 सीटें पर महिलाओं का राज है. जो कुल संख्या का 50 फीसदी है. इसके अलावा जिला परिषद सदस्यों की संख्या 4 है, इसमें 3 पदों पर महिलाएं बिराजमान हैं. ये संख्या भी पुरुष सदस्यों की संख्या की तुलना में 75 फीसदी है.

प्रदेश की आधी आवादी को 2008 में दिया गया 50 फीसदी आरक्षण

पंचायतीराज संस्था में महिलाओं को वर्ष 2008 में 50 फीसदी आरक्षण दिया गया था. इसके पीछे प्रदेश की आधी आवादी को पुरुषों की तुलना में बराबर का अधिकार देना था. यही नही नारी सशक्तिकरण के लिहाज से भी सरकार का महत्वपूर्ण कदम था. लोकतंत्र की छोटी संसद में प्रधान, पंचायत समिति और जिला परिषद में ही महिलाओं को आरक्षण प्राप्त है, लेकिन पंचायतों में उपप्रधान पद के लिए महिलाओं को कोई आरक्षण नहीं दिया गया है.

अच्छा काम कर रही है महिलाएं: बीडीओ
बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि करसोग विकासखंड में पंचायतीराज में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाएं जीती है. उनका कहना कि पंचायतों सहित पंचायत समिति और जिला परिषद में महिलाएं अच्छा कार्य कर रही है. अपने अपने कार्यक्षेत्र में विकासकार्य करवाने में जनता के साथ महिलाओं का अच्छा तालमेल है.

ये भी पढ़ें: पूर्व मंत्री ने BJP विधायक को लिया आड़े हाथों, 'भाजपा सरकार में अधर में लटके विकास कार्य'

Intro:करसोग में पंचायतीराज संस्था में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाओं का कब्जा है। ऐसे में न केवल पंचायत स्तर पर बल्कि जिला परिषद में भी दबदबे से निचले स्तर पर महिलाओं को खूब मान सम्मान मिला है।Body:यहां पंचायतीराज में 56.78 फीसदी सीटें महिलाओं के पास, उपप्रधान के पद इसमें शामिल नहीं।
करसोग
करसोग के ग्रामीण क्षेत्रों में घर की चारदिवारी से बाहर निकल कर नारीशक्ति अब राजकाज चलाने में पुरुषों से आगे निकल गई हैं। घर के कार्यों का बीड़ा उठाने के साथ साथ महिलाओं ने राजनीति मोर्चे पर भी सफलता का झंडा गाड़ा है। वर्तमान में करसोग की पंचायतीराज संस्था में महिलाओं के कब्जे को देखते हुए तो ये बात साफ हो गई है। हिमाचल में यूं तो महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण लागू है, लेकिन करसोग में पंचायतीराज संस्था में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाओं का कब्जा है। ऐसे में न केवल पंचायत स्तर पर बल्कि जिला परिषद में भी दबदबे से निचले स्तर पर महिलाओं को खूब मान सम्मान मिला है। करसोग में वर्ष 2016 में पंचायतीराज संस्था के लिए हुए चुनाव में कुल 398 पदों में से 227 पर महिलाएं लोकतंत्र की छोटी संसद में बखूबी विकासकार्यों में अपना पूरा योगदान दे रही है।

ये है पंचायतीराज संस्था में महिलाओं की स्थिति:
करसोग में पंचायतों में प्रधानों की संख्या 54 है। इसमें 27 पदों पर महिलाओं का वर्चस्व है। ये कुल संख्या का 50 फीसदी है। इसी तरह से वार्ड सदस्यों की कुल संख्या 316 है। इसमें 185 पद महिलाओं के कब्जे में है। यह कुल वार्ड सदस्यों की संख्या का 58.54 फीसदी है। पंचायत समिति सदस्यों की संख्या भी 24 है। इसमें 12 सीटें पर महिलाओं का राज है। जो कुल संख्या का 50 फीसदी है। इसके अलावा जिला परिषद सदस्यों की संख्या 4 है, इसमें 3 पदों पर महिलाएं बिराजमान है। ये संख्या भी पुरुष सदस्यों की संख्या की तुलना में 75 फ़ीसदी है।

प्रदेश की आधी आवादी को 2008 में दिया गया 50 फीसदी आरक्षण:
पंचायतीराज संस्था में महिलाओं को वर्ष 2008 में 50 फीसदी आरक्षण दिया गया था। इसके पीछे प्रदेश की आधी आवादी को पुरुषों की तुलना में बराबर का अधिकार देना था। यही नही नारी सशक्तिकरण के लिहाज से भी सरकार का महत्वपूर्ण कदम था। लोकतंत्र की छोटी संसद में प्रधान, पंचायत समिति और जिला परिषद में ही महिलाओं को आरक्षण प्राप्त है, लेकिन पंचायतों में उपप्रधान पद के लिए महिलाओं को कोई आरक्षण नहीं दिया गया है। इसलिए की इन सभी पंचायतों में उप प्रधान पदों पर पुरुषों का कब्जा है।

अच्छा काम कर रही है महिलाएं: बीडीओ
बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि करसोग विकासखंड में पंचायतीराज में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाएं जीती है। उनका कहना कि पंचायतों सहित पंचायत समिति और जिला परिषद में महिलाएं अच्छा कार्य कर रही है। अपने अपने कार्यक्षेत्र में विकासकार्य करवाने में जनता के साथ महिलाओं का अच्छा तालमेल है।Conclusion:बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि करसोग विकासखंड में पंचायतीराज में 56.78 फीसदी सीटों पर महिलाएं जीती है। उनका कहना कि पंचायतों सहित पंचायत समिति और जिला परिषद में महिलाएं अच्छा कार्य कर रही है। अपने अपने कार्यक्षेत्र में विकासकार्य करवाने में जनता के साथ महिलाओं का अच्छा तालमेल है।
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