करसोग: जिला मंडी के करसोग में जल शक्ति विभाग शुद्ध पेयजल सप्लाई ने नाम पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा हैं. उपमंडल की थाच थर्मी व मैंडी की दो पंचायत के करीब आठ गांव को पिछले कई सालों से जंग और रेत मिले पानी की सप्लाई की जा रही है. ये लापरवाही लोगों की सेहत पर भारी पड़ सकती है.
यहां ग्राम पंचायत थाच थर्मी में जल शक्ति विभाग का दवांडी नामक स्थान पर बना जल भंडारण टैंक कई सालों से जर्जर हालत में है. लेंटर में लगा सरिया जंग की वजह से पूरी तरह से सड़ गया है. जिस वजह से लेटर से रेत, बजरी और सीमेंट जंग लगे लोहे के टुकड़ों के साथ मिट्टी की तरह झड़कर पेयजल में मिल रहा है.
खुलेआम उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़
इसी पानी की सप्लाई नलों के माध्यम से आठ गांव के सैंकड़ों घरों में दी जा रही है. जो शुद्ध पेयजल के नाम पर खुलेआम उपभोक्ताओं के हितों से भी खिलवाड़ है. करीब 45 साल पहले बने टैंक की हालत देखरेख के अभाव में काफी जर्जर हो चुकी है. जिस वजह से विभाग के कर्मचारी भी सफाई करने के लिए टैंक के अंदर जाने से डरने लगे हैं.
ग्रामीणों में विभाग के प्रति भारी रोष
हालांकि स्थानीय लोगों सहित फील्ड कर्मचारी इस मामले को कई बार मौखिक तौर पर उच्चाधिकारियों के ध्यान में ला चुके हैं, लेकिन जल शक्ति विभाग ने अभी तक इस मामले पर कोई भी उचित नहीं की है. इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति भारी रोष है. लोगों ने अब सरकार से इस विषय पर हस्तक्षेप करने की मांग की है. ताकि क्षेत्र की जनता को पीने से लिए साफ पानी मिल सके.
जल शक्ति विभाग कोटलु सब डिवीजन के एसडीओ नीरज वैद्य का कहना है कि यहां पांच महीने पहले ही कार्यभार संभाला है. इस दौरान टैंक से संबंधित कोई शिकायत नही मिली. उन्होंने कहा कि अब मामला ध्यान में लाया गया है. इस बारे में तुरंत प्रभाव से टैंक की रिपेयर करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं.
करीब 45 साल पुराना टैंक
ग्राम पंचायत थाच थर्मी के ममलेश्वर महादेव युवक मंडल के प्रधान युवराज ठाकुर का कहना है कि पंचायत के तहत दवांडी में करीब 45 साल पुराना टैंक बना है. इससे करीब आठ गांव में पानी की सप्लाई दी जाती है. उन्होंने कहा ये टैंक कई सालों से जर्जर हालत में है. जिस कारण कर्मचारी भी टैंक में सफाई करने नहीं जा सकते हैं.
इसकी सूचना मौखिक तौर पर विभाग को दी जा चुकी है, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने सरकार से इस मामले पर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
ये भी पढ़ें- पालमपुर की आरजू बावा ने बढ़ाई परिवार की परंपरा, भारतीय सेना में बनीं 'लेफ्टिनेंट'