मंडी: देश में बेजुबान पशु-पक्षियों पर हैवानियत की हदें पार की जा रही है और इन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा हैं. इन बेजुबान जानवरों पर हो रहे अत्याचारों पर विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश ने कड़ा संज्ञान लिया है. केरल में गर्भवती हथिनी को विस्फोटक से भरा अनानास खिलाकर मारने और प्रदेश के बिलासपुर जिला के डाढ़ गांव में गाय के साथ हुए क्रूरता मामले को निंदनीय करार दिया है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांताध्यक्ष लेखराज राणा ने कहा कि इंसानों की ओर से पशु-पक्षियों पर इस कदर अत्याचार करने की घटनाएं सामने आने से कुछ लोगों की घटिया मानसिकता उजागर हो गई है. उन्होंने कहा कि केरल में गर्भवती हथनी की हत्या की गई और उसके बाद हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में एक गाय के साथ हुए क्रूरता का मामला सामने आया है. उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक बताया है.
प्रांताध्यक्ष लेखराज ने कहा कि इस मामले को विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा की जिन लोगों की यह घायल गाय हैं. वह लोग बहुत गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और प्रशासन को इस घायल गाय का इलाज करवाना चाहिए. उन्होंने सरकार और प्रसाशन से आग्रह किया है कि सड़कों पर हजारों की संख्या से बेसहारा पशु घूम रहे हैं और हर रोज वाहनों के कारण पशु घायल हो रहे है.
लेखराज ने कहा कि लोगों से सरकार की ओर से सेस लिया जा रहा है. इन पशुओ की चिंता प्रसाशन और सरकार को करनी होगी. उन्होंने कहा की गौ सदन में लोग पशुओं को पाल रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए, जिससे सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को आसरा मिल सके.
लेखराज राणा ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन आवारा पशुओं के लिए कड़े कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 500 रुपये प्रति माह पशुओं को कोई भी पालने की एक योजना चलाई जा रही है, लेकिन 500 में कोई भी किसी पशु को पालने के लिए राजी नहीं होगा. 500 में कोई भी पशु पालन नहीं किया जा सकता है.
प्रांताध्यक्ष लेखराज ने कहा कि सरकार को व्यवस्था बनानी चाहिए कि कोई भी पशुओं को सड़कों पर ना छोड़ें. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने भी कई बार सरकार और पशुपालन मंत्री से मिल कर आग्रह किया है कि गौर सेंचरी बनाने का काम जल्द शुरू किया जाए, जिससे इन आवारा पशुओं को आसरा मिल सके.